ETV Bharat / state

रुद्रप्रयाग: कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग खस्ताहाल, अधिकारी नहीं ले रहे सुध

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग के रख-रखाव पर लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी विभागीय लापरवाही के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही है.

rudraprayag
कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग
author img

By

Published : Feb 18, 2021, 9:58 AM IST

Updated : Feb 18, 2021, 11:26 AM IST

रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग के रख-रखाव पर लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी विभागीय लापरवाही के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है. मार्ग के रख-रखाव पर हुए व्यय की जांच की मांग को लेकर ग्रामीण जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत कर चुके हैं. लेकिन विभागीय अधिकारी मोटरमार्ग की सुध लेने को तैयार नहीं हैं.

कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग खस्ताहाल.

बता दें कि, तीन करोड़ 98 लाख 46 हजार की लागत से कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग का निर्माण किया गया. मोटरमार्ग निर्माण के शुरूआत से ही अंगुलियां उठनी शुरू हो गई थी. ग्रामीणों ने साल 2015 में मार्ग पर किये गये कार्य की जांच की मांग की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी डाॅ. राघव लंगर ने मोटरमार्ग का स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता लाने के सख्त निर्देश दिये थे. मार्ग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी मार्ग के रख-रखाव पर लाखों रुपये लगाए गए, लेकिन मार्ग की हालत जस की तस बनी हुई है.

साल 2017 में रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग के ऊपरी हिस्से में कोल्लू बैण्ड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग का पुश्ता बरसात के कारण ढह गया था. इस पर विभाग द्वारा पुश्ते के निर्माण कार्य में लाखों व्यय किया गया. साल 2019 के दिसंबर माह में विभाग द्वारा मार्ग पर पुनः पेच भरने का कार्य शुरू किया गया. जिसके उखड़ने के बाद ग्रामीणों ने जिलधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक फरियाद लगाकर मार्ग पर विगत पांच वर्षों में हुए व्यय की जांच की मांग की. लेकिन ग्रामीणों की मांग को अनसूना किया गया. साल 2020 में विभाग द्वारा पुनः चार लाख बहत्तर हजार रुपये का निर्माण कार्य किया गया, जिसमें भारी अनिमितताएं बरती गयी.

पढ़ें: ऋषिगंगा में बनी झील पर पहुंचा आईटीबीपी का दल, मुरंडा में बनाया बेस कैंप

प्रधान बसंती देवी ने कहा कि कोल्लूबैंड-स्वांरीग्वांस मार्ग पर करोड़ों रुपये व्यय होने के बाद भी मार्ग जानलेवा होने से स्पष्ट हो गया है कि यह मार्ग विभागीय अधिकारियों के लिए दुधारू गाय बन गया है. क्षेत्र पंचायत सदस्य घिमतोली अर्जुन सिंह नेगी का कहना है कि विभागीय अनदेखी के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिससे मार्ग पर कभी भी हादसा हो सकता है. उप प्रधान प्रेम सिंह नेगी ने कहा कि अगर समय रहते विभाग द्वारा मार्ग की सुध नहीं ली गई तो क्षेत्रीय जनता को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन व पीएमजीएसवाई की होगी.

वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मोटरमार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा और दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग के रख-रखाव पर लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी विभागीय लापरवाही के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है. मार्ग के रख-रखाव पर हुए व्यय की जांच की मांग को लेकर ग्रामीण जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत कर चुके हैं. लेकिन विभागीय अधिकारी मोटरमार्ग की सुध लेने को तैयार नहीं हैं.

कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग खस्ताहाल.

बता दें कि, तीन करोड़ 98 लाख 46 हजार की लागत से कोल्लूबैंड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग का निर्माण किया गया. मोटरमार्ग निर्माण के शुरूआत से ही अंगुलियां उठनी शुरू हो गई थी. ग्रामीणों ने साल 2015 में मार्ग पर किये गये कार्य की जांच की मांग की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी डाॅ. राघव लंगर ने मोटरमार्ग का स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता लाने के सख्त निर्देश दिये थे. मार्ग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी मार्ग के रख-रखाव पर लाखों रुपये लगाए गए, लेकिन मार्ग की हालत जस की तस बनी हुई है.

साल 2017 में रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग के ऊपरी हिस्से में कोल्लू बैण्ड-स्वांरी-ग्वांस मोटरमार्ग का पुश्ता बरसात के कारण ढह गया था. इस पर विभाग द्वारा पुश्ते के निर्माण कार्य में लाखों व्यय किया गया. साल 2019 के दिसंबर माह में विभाग द्वारा मार्ग पर पुनः पेच भरने का कार्य शुरू किया गया. जिसके उखड़ने के बाद ग्रामीणों ने जिलधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक फरियाद लगाकर मार्ग पर विगत पांच वर्षों में हुए व्यय की जांच की मांग की. लेकिन ग्रामीणों की मांग को अनसूना किया गया. साल 2020 में विभाग द्वारा पुनः चार लाख बहत्तर हजार रुपये का निर्माण कार्य किया गया, जिसमें भारी अनिमितताएं बरती गयी.

पढ़ें: ऋषिगंगा में बनी झील पर पहुंचा आईटीबीपी का दल, मुरंडा में बनाया बेस कैंप

प्रधान बसंती देवी ने कहा कि कोल्लूबैंड-स्वांरीग्वांस मार्ग पर करोड़ों रुपये व्यय होने के बाद भी मार्ग जानलेवा होने से स्पष्ट हो गया है कि यह मार्ग विभागीय अधिकारियों के लिए दुधारू गाय बन गया है. क्षेत्र पंचायत सदस्य घिमतोली अर्जुन सिंह नेगी का कहना है कि विभागीय अनदेखी के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिससे मार्ग पर कभी भी हादसा हो सकता है. उप प्रधान प्रेम सिंह नेगी ने कहा कि अगर समय रहते विभाग द्वारा मार्ग की सुध नहीं ली गई तो क्षेत्रीय जनता को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन व पीएमजीएसवाई की होगी.

वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मोटरमार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा और दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Feb 18, 2021, 11:26 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.