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रुद्रप्रयागः भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आठवां दिन, निकाली गई 121 जल कलशों से भव्य यात्रा - कालीमठ घाटी

भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन 121 जल कलशों के साथ भव्य यात्रा निकाली गई.

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जल कलश यात्रा
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Published : Mar 5, 2021, 1:21 PM IST

रुद्रप्रयाग: रूच्छ महादेव व कोटि माहेश्वरी तीर्थ में बाबा शिवगिरी महाराज व कालीमठ घाटी की स्थानीय जनता के सहयोग से नौ दिवसीय श्रीमद देवी भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन 121 जल कलशों से भव्य जल यात्रा निकाली गई. जिसमें श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में भाग लिया. पूर्णाहुति के साथ नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन होगा.

गुरुवार को विद्वान आचार्य व सैकड़ों श्रद्धालु स्थानीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों के साथ खाम मनणी के संगम स्थल पर पहुंचे. जिसके बाद ब्राह्मणों ने गंगा के साथ अनेक देवी-देवताओं का आह्वान कर हवन किया और विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. साथ ही 121 जल कलशों की विशेष पूजा कर आरती उतारी गई. 11 बजे कलश यात्रा ने रूच्छ महादेव में विशाल शिला की एक परिक्रमा की और कथा स्थल के लिए रवाना हुई.

जल कलश यात्रा के कथा स्थल के लिए रवाना होते ही जय मां गंगे, हर-हर गंगे के जयकारों से संपूर्ण भूभाग गुंजायमान हो उठा. जल कलश यात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर प्रधान कलश से भगवती कोटि माहेश्वरी व व्यास पीठ का जलाभिषेक किया गया. शेष जल कलशों का जल श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया.

पढ़ें: चुनाव से पहले सीएम त्रिवेंद्र का मास्टर स्ट्रोक, गैरसैंण बनी कमिश्नरी, चार जिले होंगे शामिल

जल कलश यात्रा की महिमा का वर्णन करते हुए कथावाचक सुरेशानंद गौड़ ने कहा कि तीर्थ स्थलों में निकलने वाली जल कलश यात्रा का जो भी मनुष्य दर्शन करता है. उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर ऋषि राम भट्ट के भगवती दुर्गा के भजनों की प्रस्तुति पर दर्शक मंत्रमुग्ध हुए.

रुद्रप्रयाग: रूच्छ महादेव व कोटि माहेश्वरी तीर्थ में बाबा शिवगिरी महाराज व कालीमठ घाटी की स्थानीय जनता के सहयोग से नौ दिवसीय श्रीमद देवी भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन 121 जल कलशों से भव्य जल यात्रा निकाली गई. जिसमें श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में भाग लिया. पूर्णाहुति के साथ नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन होगा.

गुरुवार को विद्वान आचार्य व सैकड़ों श्रद्धालु स्थानीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों के साथ खाम मनणी के संगम स्थल पर पहुंचे. जिसके बाद ब्राह्मणों ने गंगा के साथ अनेक देवी-देवताओं का आह्वान कर हवन किया और विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. साथ ही 121 जल कलशों की विशेष पूजा कर आरती उतारी गई. 11 बजे कलश यात्रा ने रूच्छ महादेव में विशाल शिला की एक परिक्रमा की और कथा स्थल के लिए रवाना हुई.

जल कलश यात्रा के कथा स्थल के लिए रवाना होते ही जय मां गंगे, हर-हर गंगे के जयकारों से संपूर्ण भूभाग गुंजायमान हो उठा. जल कलश यात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर प्रधान कलश से भगवती कोटि माहेश्वरी व व्यास पीठ का जलाभिषेक किया गया. शेष जल कलशों का जल श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया.

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जल कलश यात्रा की महिमा का वर्णन करते हुए कथावाचक सुरेशानंद गौड़ ने कहा कि तीर्थ स्थलों में निकलने वाली जल कलश यात्रा का जो भी मनुष्य दर्शन करता है. उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर ऋषि राम भट्ट के भगवती दुर्गा के भजनों की प्रस्तुति पर दर्शक मंत्रमुग्ध हुए.

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