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जन अधिकार मंच ने PM मोदी को लिखा पत्र, जताई ये चिंता

लॉकडाउन के कारण दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए आज जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में अविलंब बाहरी प्रदेशों में फंसे लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की बात लिखी है.

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जन अधिकार मंच ने PM मोदी को लिखा पत्र.
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Published : Apr 25, 2020, 6:21 PM IST

रुद्रप्रयाग: कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के कई लोग बाहरी प्रदेशों में फंसे हुए हैं. उत्तराखंड के लोगों की घर वापसी को लेकर आज जन अधिकार मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से गुहार लगाई गई है कि अविलंब बाहरी प्रदेशों में फंसे लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए.

प्रधानमंत्री को लिखे खत में जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा है कि कोरोना महामारी के संकट के इस काल में आज प्रदेशों की सरकारें दोहरी नीतियां अपना रही हैं. कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए यूपी और उत्तराखंड को अनुमति मिल जाती है, जो सराहनीय काम है. इसका विरोध नहीं है, लेकिन उन युवाओं के बारे में कोई नहीं सोंच रहा, जो लॉकडाउन में विभिन्न प्रदेशों में फंसे हैं और अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि लाॅकडाउन में फंसे लोगों को निकालने को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.

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जन अधिकार मंच ने PM मोदी को लिखा पत्र.

यह भी पढ़ें: भारत में दिखा रमजान का चांद, आज पहला रोजा, पीएम मोदी ने दी बधाई

आज उत्तराखंड के हजारों युवा विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए हैं. रोजगार की तलाश में ये लोग अपना गांव और अपनों को छोड़कर मैदानों की ओर गए थे. इनमें से अधिकांश लोग अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले हैं. इन परिवारों का संकट दूर करने के लिए आज सरकार इनकी कोई मदद नहीं कर रही है. अध्यक्ष मोहित डिमरी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में तमाम ऐसे सवाल खड़े किए हैं.

रुद्रप्रयाग: कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के कई लोग बाहरी प्रदेशों में फंसे हुए हैं. उत्तराखंड के लोगों की घर वापसी को लेकर आज जन अधिकार मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से गुहार लगाई गई है कि अविलंब बाहरी प्रदेशों में फंसे लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए.

प्रधानमंत्री को लिखे खत में जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा है कि कोरोना महामारी के संकट के इस काल में आज प्रदेशों की सरकारें दोहरी नीतियां अपना रही हैं. कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए यूपी और उत्तराखंड को अनुमति मिल जाती है, जो सराहनीय काम है. इसका विरोध नहीं है, लेकिन उन युवाओं के बारे में कोई नहीं सोंच रहा, जो लॉकडाउन में विभिन्न प्रदेशों में फंसे हैं और अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि लाॅकडाउन में फंसे लोगों को निकालने को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.

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जन अधिकार मंच ने PM मोदी को लिखा पत्र.

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आज उत्तराखंड के हजारों युवा विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए हैं. रोजगार की तलाश में ये लोग अपना गांव और अपनों को छोड़कर मैदानों की ओर गए थे. इनमें से अधिकांश लोग अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले हैं. इन परिवारों का संकट दूर करने के लिए आज सरकार इनकी कोई मदद नहीं कर रही है. अध्यक्ष मोहित डिमरी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में तमाम ऐसे सवाल खड़े किए हैं.

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