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अच्छा काम: एक साल तक जोड़े 4 लाख रुपये और गरीब महिला को दिलायी 'छत'

बुढ़ना गांव की एक गरीब दलित महिला को सामाजिक संगठन जन अधिकार मंच की ओर से घर उपलब्ध कराया गया है. महिला लाचारी में अपना गुजर-बसर कर रही थी.

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गरीब महिला को मिला घर
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Published : Aug 5, 2020, 1:51 PM IST

रुद्रप्रयाग: जखोली विकासखंड के बुढ़ना गांव निवासी एक गरीब दलित महिला राखी देवी को सामाजिक संगठन जन अधिकार मंच की ओर से आशियाना बनाकर दिया गया है. महिला कई सालों से भुखमरी और लाचारी की जिंदगी जीने को मजबूर है. न तो उसके पास घर था और न ही पहनने को पर्याप्त कपड़े. वो एक टूटी-फूटी झोपड़ी में अपना गुजर-बसर कर रही थी, जिसमें न तो बिजली थी और न ही रसोई गैस.

सामाजिक कार्यकर्ता मोहित डिमरी और उनकी पूरी टीम की ओर से इस गरीब महिला के लिए मकान बनाने में पूरे एक साल तक अभियान चलाया गया तब जाकर इस महिला को सिर छिपाने के लिए छत नसीब हो सकी.

गरीब महिला को मिला घर

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दरअसल, एक साल पहले सोशल मीडिया पर जन अधिकार मंच को बुढ़ना गांव की राखी देवी के बारे में पता चला था. ये महिला एक टूटी झोपड़ी में अपने बच्चों के साथ बहुत ही गरीबी और लाचारी की जिंदगी जी रही थी. सालों पहले उसके पति की मौत हो गई थी. उसके तीन बच्चे हैं. इन बच्चों की देख-रेख वो किसी तरह स्वयं ही कर रही थी. महिला ने बताया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी भूख के कारण दम तोड़ चुकी है. जन अधिकार मंच ने मामले को प्रमुखता से उठाया और उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए महिला को बिजली और रसोई गैस कनेक्शन दिलाया.

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वहीं, तत्कालीन जिलाधिकारी ने मकान के लिए आपदा मद में करीब एक लाख रुपए स्वीकृत किए और मकान बनाने की जिम्मेदारी मंच को दी, जिसके बाद व्यापार सभा ने 56 हजार रुपए की धनराशि दी. अन्य लोगों ने भी इस काम में आर्थिक सहयोग दिया. इस तरह चार लाख रुपए की लागत से बने मकान को अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा और जन अधिकार मंच ने महिला को सुपुर्द कर दिया.

रुद्रप्रयाग: जखोली विकासखंड के बुढ़ना गांव निवासी एक गरीब दलित महिला राखी देवी को सामाजिक संगठन जन अधिकार मंच की ओर से आशियाना बनाकर दिया गया है. महिला कई सालों से भुखमरी और लाचारी की जिंदगी जीने को मजबूर है. न तो उसके पास घर था और न ही पहनने को पर्याप्त कपड़े. वो एक टूटी-फूटी झोपड़ी में अपना गुजर-बसर कर रही थी, जिसमें न तो बिजली थी और न ही रसोई गैस.

सामाजिक कार्यकर्ता मोहित डिमरी और उनकी पूरी टीम की ओर से इस गरीब महिला के लिए मकान बनाने में पूरे एक साल तक अभियान चलाया गया तब जाकर इस महिला को सिर छिपाने के लिए छत नसीब हो सकी.

गरीब महिला को मिला घर

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दरअसल, एक साल पहले सोशल मीडिया पर जन अधिकार मंच को बुढ़ना गांव की राखी देवी के बारे में पता चला था. ये महिला एक टूटी झोपड़ी में अपने बच्चों के साथ बहुत ही गरीबी और लाचारी की जिंदगी जी रही थी. सालों पहले उसके पति की मौत हो गई थी. उसके तीन बच्चे हैं. इन बच्चों की देख-रेख वो किसी तरह स्वयं ही कर रही थी. महिला ने बताया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी भूख के कारण दम तोड़ चुकी है. जन अधिकार मंच ने मामले को प्रमुखता से उठाया और उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए महिला को बिजली और रसोई गैस कनेक्शन दिलाया.

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वहीं, तत्कालीन जिलाधिकारी ने मकान के लिए आपदा मद में करीब एक लाख रुपए स्वीकृत किए और मकान बनाने की जिम्मेदारी मंच को दी, जिसके बाद व्यापार सभा ने 56 हजार रुपए की धनराशि दी. अन्य लोगों ने भी इस काम में आर्थिक सहयोग दिया. इस तरह चार लाख रुपए की लागत से बने मकान को अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा और जन अधिकार मंच ने महिला को सुपुर्द कर दिया.

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