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इंडियन आइडल विजेता पवनदीप राजन और अरुनिता पहुंचे केदारघाटी, ओंकारेश्वर मंदिर में किया पूजन

इंडियन आइडल सीजन 12 के विनर पवनदीप राजन इन दिनों धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं. पवनदीप राजन और उनकी दोस्त अरुनिता कांजीलाल ने भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के दर्शन किए.

Singer Pawandeep Rajan
पवनदीप राजन व अरुनिता कांजीलाल
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Published : Dec 19, 2021, 2:09 PM IST

Updated : Dec 19, 2021, 2:43 PM IST

रुद्रप्रयाग: इंडियन आइडल सीजन 12 के विनर पवनदीप राजन एवं अरुनिता कांजीलाल अपने दोस्तों के साथ रुद्रप्रयाग जिले के केदारघाटी पहुंचे हैं. यहां वे धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं. आज सुबह सबसे पहले दोनों ने अपने साथियों के साथ भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के दर्शन किए. यहां उन्होंने करीब एक घंटे का समय व्यतीत किया. इसके बाद वे कालीमठ पहुंचे, यहां पर मां काली की पूजा-अर्चना के बाद दोनों गायक त्रियुगीनारायण पहुंचे.

त्रियुगीनारायण में पवनदीप राजन और अरुनिता कांजीलाल ने पूजा-अर्चना की. सूत्रों की मानें तो दोनों ही गायक शादी करने की सोच रहे हैं और वे शिव-पार्वती विवाह स्थल को चुन सकते हैं. इसलिए शादी से पहले शायद दोनों गायक केदारघाटी का भ्रमण करने आये हैं. बता दें कि अभी हाल ही में पवनदीप राजन का नया गीत फुरसत रिलीज हुआ है, जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है.

पढ़ें-इंडियन आइडल 12 के विनर पवनदीप राजन बने उत्तराखंड के ब्रांड एम्बेसडर

चंपावत निवासी हैं पवनदीप

बता दें कि पवनदीप राजन मूल रूप से कुमाऊं के रहने वाले हैं. पवनदीप का जन्म 1996 में चंपावत जिले के वल्चौड़ा गांव में हुआ और चंपावत से ही इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. पवनदीप पहाड़ की लोकगायिका कबूतरी देवी की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. कुछ ही लोग ही जानते हैं कि लोकगायिका कबूतरी देवी की बहन लक्ष्मी देवी पवनदीप की नानी हैं.

कैसा रहा है करियर

पवनदीप ने महज ढाई साल की उम्र में तबलावादन शुरू कर दिया था. पवनदीप की सफलता के पीछे उनके पिता सुरेश राजन और ताऊ सतीश राजन का भी बड़ा हाथ है. साल 2001 में नैनीताल में आयोजित शरदोत्सव में पवनदीप ने तबला वादन किया था. इनकी परफॉर्मेंस से खुश होकर तत्कालीन राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला ने इन्हें 11 हजार का नकद पुरस्कार दिया था.

रुद्रप्रयाग: इंडियन आइडल सीजन 12 के विनर पवनदीप राजन एवं अरुनिता कांजीलाल अपने दोस्तों के साथ रुद्रप्रयाग जिले के केदारघाटी पहुंचे हैं. यहां वे धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं. आज सुबह सबसे पहले दोनों ने अपने साथियों के साथ भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के दर्शन किए. यहां उन्होंने करीब एक घंटे का समय व्यतीत किया. इसके बाद वे कालीमठ पहुंचे, यहां पर मां काली की पूजा-अर्चना के बाद दोनों गायक त्रियुगीनारायण पहुंचे.

त्रियुगीनारायण में पवनदीप राजन और अरुनिता कांजीलाल ने पूजा-अर्चना की. सूत्रों की मानें तो दोनों ही गायक शादी करने की सोच रहे हैं और वे शिव-पार्वती विवाह स्थल को चुन सकते हैं. इसलिए शादी से पहले शायद दोनों गायक केदारघाटी का भ्रमण करने आये हैं. बता दें कि अभी हाल ही में पवनदीप राजन का नया गीत फुरसत रिलीज हुआ है, जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है.

पढ़ें-इंडियन आइडल 12 के विनर पवनदीप राजन बने उत्तराखंड के ब्रांड एम्बेसडर

चंपावत निवासी हैं पवनदीप

बता दें कि पवनदीप राजन मूल रूप से कुमाऊं के रहने वाले हैं. पवनदीप का जन्म 1996 में चंपावत जिले के वल्चौड़ा गांव में हुआ और चंपावत से ही इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. पवनदीप पहाड़ की लोकगायिका कबूतरी देवी की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. कुछ ही लोग ही जानते हैं कि लोकगायिका कबूतरी देवी की बहन लक्ष्मी देवी पवनदीप की नानी हैं.

कैसा रहा है करियर

पवनदीप ने महज ढाई साल की उम्र में तबलावादन शुरू कर दिया था. पवनदीप की सफलता के पीछे उनके पिता सुरेश राजन और ताऊ सतीश राजन का भी बड़ा हाथ है. साल 2001 में नैनीताल में आयोजित शरदोत्सव में पवनदीप ने तबला वादन किया था. इनकी परफॉर्मेंस से खुश होकर तत्कालीन राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला ने इन्हें 11 हजार का नकद पुरस्कार दिया था.

Last Updated : Dec 19, 2021, 2:43 PM IST
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