रुद्रप्रयाग: भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के आगमन पर ऊखीमठ में तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले का आगाज हो गया है. इस दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए. जिसके बाद मेला समिति द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्थानीय व्यक्तियों को मद्महेश्वर मेला सम्मान से नवाजा गया. वहीं, इस दौरान मेले में आए लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जमकर लुत्फ उठाया.
बता दें कि मद्महेश्वर मेले का आयोजन प्राचीन काल से होता आ रहा है. इस साल मेले के शुभारंभ अवसर पर जीआईसी सरस्वती विद्या मन्दिर, एवरग्रीन, डोनमोटेश्वरी, जूनियर हाईस्कूल पठाली और सारी सहित विभिन्न स्कूलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही. जिसका दर्शकों ने देर शाम तक लुप्त उठाया. मेले के प्रथम दिन केदारनाथ के प्रधान पुजारी केदार लिंग, राकेश भट्ट, भरत सिंह पुष्वाण, प्रकाश रावत, प्रेमा बर्तवाल, सुधा सेमवाल, मान सिंह रावत, बसन्ती रावत, धूमा देवी, कृष्णानन्द तिवारी, धर्मेन्द्र पुष्वाण, विजेन्द्र नेगी, बबलू जंगली, खुशहाल सिंह नेगी, दिनेश लाल, अर्जुन रावत सहित कई व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर मदमहेश्वर मेला सम्मान से नवाजा गया.
वहीं. मेले में वन विभाग, मत्स्य विभाग, डेयरी विकास, पशुपालन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, उद्यान, कृषि, स्वास्थ्य, बाल विकास, उषामठ स्वायत्त, होम्योपैथिक, एसबीआई, पीएनबी, समाज कल्याण और साधन सहकारी समिति द्वारा स्टॉल लगाकर काश्तकारों को अनेकों जानकारियां भी दी जा रही हैं. इस तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले का शुभारंभ करते हुए केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने बताया कि मद्महेश्वर मेले को हरसाल भव्य बनाया रूप दिया जा रहा है. आने वाले समय में जन सहयोग से मेले को और भव्य बनाने के प्रयास किया जाएगा.
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मेले में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अमरादेई शाह ने बताया कि ऊखीमठ विकासखण्ड के सीमांत गांवों में आज भी यातायात और संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. उनका मुख्य उद्देश्य सीमांत गांवों को ये सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है. वहीं, विशिष्ट अतिथि मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि मद्महेश्वर मेले का आयोजन भव्य तरीके से किया जाना एक सराहनीय पहल है.