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रुद्रप्रयाग: डैमस्कस रोज के उत्पादन पर जोर

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Published : May 30, 2020, 8:46 PM IST

रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी ने आजीविका संवर्धन की बैठक ली. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि पुराने झील जो अब सूख चुके हैं, उनको पुनर्जीवित करने से कई जल स्त्रोत रिचार्ज होंगे.

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जिलाधिकारी ने ली बैठक.

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी वंदना चौहान ने जिला कार्यालय कक्ष में आजीविका संवर्धन की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने ग्राम्या व आजीविका के अपने क्षेत्रान्तर्गत तीस से पचास नाली भूमि को चिन्हित कर डैमस्कस रोज के उत्पादन, परम्परागत कृषि व बागवानी का उन्नत कार्य कर रहे गांव में सब्जी व मत्स्य का संयुक्त कार्य, पुराने जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए पन्द्रह दिन के भीतर माइक्रो प्लानिंग बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने कहा कि कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व सभी पहलुओं को जांच कर योजना बनाने पर ही कार्य सफल होता है.

डैमस्कस रोज के उत्पादन के संबंध में जिलाधिकारी वंदना चौहान ने कहा कि तीस से पचास हेक्टेयर भूमि में वाणिज्यक स्तर पर उत्पादन करने से व्यापार आसान होगा. साथ ही रोज से रोज वाटर व रोज ऑयल की वैश्विक व देश मे अत्यधिक मांग है, जो कि कभी पूरी नहीं होती. रोज उत्पादन से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. रोज को लोग आमतौर पर भी पूजा व देने के लिय खरीदते हैं. अगर लोग नहीं भी खरीदते हैं तो इसका रोज वॉटर व रोज ऑयल बनाया जा सकता है.

यह भी पढे़ं-कोरोना का डरः ढाबे से नहीं उठ रहे अंगीठी के धुएं, संचालकों को सता रही देनदारी की चिंता

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जनपद के पुराने झील जो कि अब सूख चुके हैं, उनको पुनर्जीवित करने से कई जल स्त्रोत रिचार्ज होंगे. इस संबंध में ग्राम्या व आजीविका को गांव के बुजुर्ग व्यक्ति से सम्पर्क कर उस सूखी झील की जानकारी ली जाए की कब व कैसे झील सूखी थी.

इससे झील को पुनर्जीवित करने में सहायता मिलेगी व कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी. इसके साथ ही ग्राम्या व आजीविका विभाग को निरीक्षण के लिये अपने अच्छे कार्य सफल योजना की सूची उपलब्ध कराने कर निर्देश भी दिए.

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी वंदना चौहान ने जिला कार्यालय कक्ष में आजीविका संवर्धन की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने ग्राम्या व आजीविका के अपने क्षेत्रान्तर्गत तीस से पचास नाली भूमि को चिन्हित कर डैमस्कस रोज के उत्पादन, परम्परागत कृषि व बागवानी का उन्नत कार्य कर रहे गांव में सब्जी व मत्स्य का संयुक्त कार्य, पुराने जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए पन्द्रह दिन के भीतर माइक्रो प्लानिंग बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने कहा कि कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व सभी पहलुओं को जांच कर योजना बनाने पर ही कार्य सफल होता है.

डैमस्कस रोज के उत्पादन के संबंध में जिलाधिकारी वंदना चौहान ने कहा कि तीस से पचास हेक्टेयर भूमि में वाणिज्यक स्तर पर उत्पादन करने से व्यापार आसान होगा. साथ ही रोज से रोज वाटर व रोज ऑयल की वैश्विक व देश मे अत्यधिक मांग है, जो कि कभी पूरी नहीं होती. रोज उत्पादन से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. रोज को लोग आमतौर पर भी पूजा व देने के लिय खरीदते हैं. अगर लोग नहीं भी खरीदते हैं तो इसका रोज वॉटर व रोज ऑयल बनाया जा सकता है.

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जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जनपद के पुराने झील जो कि अब सूख चुके हैं, उनको पुनर्जीवित करने से कई जल स्त्रोत रिचार्ज होंगे. इस संबंध में ग्राम्या व आजीविका को गांव के बुजुर्ग व्यक्ति से सम्पर्क कर उस सूखी झील की जानकारी ली जाए की कब व कैसे झील सूखी थी.

इससे झील को पुनर्जीवित करने में सहायता मिलेगी व कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी. इसके साथ ही ग्राम्या व आजीविका विभाग को निरीक्षण के लिये अपने अच्छे कार्य सफल योजना की सूची उपलब्ध कराने कर निर्देश भी दिए.

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