रुद्रप्रयागः राजकीय इंटर काॅलेज अगस्त्यमुनि में कृषि विषय संचालन के लिए दान दी गई भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस भूमि पर कब्जा करने का आरोप किसी व्यक्ति पर नहीं, बल्कि नगर पंचायत अगस्त्यमुनि पर लगा है. नगर पंचायत के सफाई कर्मियों ने स्कूल की भूमि पर सुअर पालन का कार्य शुरू कर दिया है. जबकि नगर पंचायत की ओर से रैन बसेरा का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. ऐसे में इंटर काॅलेज की बहुमूल्य भूमि आज खत्म होती जा रही है.
साल 1943 में राजकीय इंटर काॅलेज अगस्त्यमुनि को 90 नाली भूमि कृषि विषय संचालन के लिए दान दी गई थी. जिसके बाद यहां पर आम और अमरूद का सुंदर बगीचा बनाया गया. उस दौरान स्कूल के छात्र कृषि विषय का ज्ञान अर्जित किया करते थे. लेकिन धीरे-धीरे सब समाप्त हो गया है. कृषि विषय खत्म होने के बाद बगीचे का रख-रखाव भी नहीं किया गया.
साल 2013 में अस्तित्व में आई नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के गठन से लेकर अब तक इस भूमि में कब्जा होता आ रहा है. नगर पंचायत ने पहले इस भूमि पर अपने सफाई कर्मचारियों से सुअर पालन का काम करवाया और अब पचास लाख की धनराशि से रैन बसेरा प्रस्तावित करवा रहा है. भूमि पर लगे बगीचे के पेड़ भी काट दिए गये हैं.
राजकीय इंंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि के पूर्व छात्र अनुसूया प्रसाद मलासी ने कहा कि इस भूमि पर कभी कृषि विषय का प्रेक्टिकल हुआ करता था. यह इंटर काॅलेज अगस्त्यमुनि की जमीन है. पढ़ाई के समय परिसर में कृषि कार्य भी हुआ करता था, लेकिन कृषि विषय खत्म होने के बाद भूमि भी बर्बाद हो गयी है. कभी इस भूमि पर आम और अमरूद का सुंदर बगीचा हुआ करता था, लेकिन आज इस जमीन पर सुअरों का आतंक है. उन्होंने कहा कि बहुमूल्य जमीन आज बर्बाद हो गयी है.
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राइका अगस्त्यमुनि के प्रधानाचार्य महावीर सिंह ने कहा कि नगर पंचायत के सफाई कर्मियों ने इंटर काॅलेज की जमीन पर सुअर पाले हुए हैं. स्कूल परिसर में भी सुबह के समय सुअर आ रहे हैं. स्कूल के छात्र और शिक्षक सुअरों को भगाने में ही लगे रहते हैं. सफाई कर्मियों की ओर से सुअर पालकर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. यहां तक कि इस भूमि पर रैन बसेरा भी बनाया जा रहा है.
वहीं, पूरे मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल ने कहा कि उक्त भूमि पर नगर पंचायत ने रैन बसेरा के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है. अगर भूमि इंटर काॅलेज की है, तो काॅलेज की ओर से दस्तावेज दिखाये जाने चाहिए.