ETV Bharat / state

मदमहेश्वर यात्रा पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं का हेली से रेस्क्यू शुरू, ग्रामीणों ने तैयार किया अस्थायी हेलीपैड

Madmaheshwar Piligrims Rescue मदमहेश्वर घाटी में ग्राम गौंडार में बणतोली स्थान पर बीते दिन भारी बारिश से पुल बह गया था. जिससे स्थानीय लोग और यात्री फंस गए. सूचना पर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें मार्ग पर फंसे लोगों को रेस्क्यू कर रही है. साथ ही रेस्क्यू में हेली सेवा की भी मदद ली जा रही है.

Madmaheshwar Piligrims Rescue
Madmaheshwar Piligrims Rescue
author img

By

Published : Aug 16, 2023, 10:18 AM IST

Updated : Aug 16, 2023, 2:07 PM IST

हेलीकॉप्टर से हो रहा तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू.

रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्मेश्वर धाम को जोड़ने वाले बणतोली पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद 250 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए. इस दौरान श्रद्धालुओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मंगलवार को आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सी के सहारे यात्रियों को निकालना शुरू किया. जबकि बुधवार सुबह से हेली से भी रेस्क्यू शुरू किया गया.

Madmaheshwar Piligrims Rescue
गांव में फंसे लोग

मदमहेश्वर घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण 13 अगस्त की रात मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाला बणतोली में बना पुल ध्वस्त हो गया. यहां मधु गंगा नदी में बना यह पुल धराशायी हो जाने के बाद 250 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए. इनमें एक प्रसव पीड़ित महिला भी शामिल थी. प्रशासन की ओर से पहले दिन रेस्क्यू को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन जब दूसरे दिन भी प्रशासन ने हाथ-पांव नहीं मारे तो तीर्थ यात्रियों ने स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू किए. तीर्थयात्रियों ने कहा कि घाटी में राशन खत्म हो गया है और उनके सामने खाने-पीने का संकट बना हुआ है.

Madmaheshwar Piligrims Rescue
नानू में बनाया गया अस्थायी हेलीपैड

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान को लेकर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ आईटीबीपी के जवानों को भेजा. साथ में तहसील प्रशासन भी मौजूद रहा. मंगलवार को शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में 52 लोगों को रस्सी के सहारे नदी को पार करवाया गया. जबकि आज प्रशासन की ओर सुबह से मौसम साफ होने के बाद हेली से भी रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है. तीर्थयात्रियों को रस्सी के सहारे के साथ हेली की मदद से निकाला जा रहा है. अब तक करीब 122 श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है.जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने बताया कि मद्मेश्वर घाटी में यात्रियों के फंसने के बाद जिला प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने मुस्तैदी के साथ श्रद्धालुओं को निकालने का काम किया है.
पढ़ें-चमोली हेलंग आपदा: एसडीआरएफ ने मलबे में दबे पांच लोगों को किया रेस्क्यू,दो लोगों की मौत

उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण गौंडार के बणतोली में लोनिवि द्वारा निर्मित गार्डर पुल के बहने से घाटी में 250 लोगों के फंसे होने की सूचना मिलने पर तहसील प्रशासन ऊखीमठ द्वारा एसडीआरएफ की सहायता से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. मंगलवार को 52 व्यक्तियों को बाहर निकालने में सहायता प्राप्त हुई, जबकि आज मौसम साफ होने से सुबह से हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी रेस्क्यू ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अभी तक कुल 70 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है. इस तरह अब तक कुल 122 से ज्यादा श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है. सुरक्षा के दृष्टिगत मदमहेश्वर घाटी में मेडिकल टीम और पुलिस के अधिकारियों को भी तैनात कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. इसके साथ ही आशा जताई कि दोपहर तक सभी लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया जाएगा.

हेलीकॉप्टर से हो रहा तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू.

रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्मेश्वर धाम को जोड़ने वाले बणतोली पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद 250 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए. इस दौरान श्रद्धालुओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मंगलवार को आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सी के सहारे यात्रियों को निकालना शुरू किया. जबकि बुधवार सुबह से हेली से भी रेस्क्यू शुरू किया गया.

Madmaheshwar Piligrims Rescue
गांव में फंसे लोग

मदमहेश्वर घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण 13 अगस्त की रात मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाला बणतोली में बना पुल ध्वस्त हो गया. यहां मधु गंगा नदी में बना यह पुल धराशायी हो जाने के बाद 250 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए. इनमें एक प्रसव पीड़ित महिला भी शामिल थी. प्रशासन की ओर से पहले दिन रेस्क्यू को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन जब दूसरे दिन भी प्रशासन ने हाथ-पांव नहीं मारे तो तीर्थ यात्रियों ने स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू किए. तीर्थयात्रियों ने कहा कि घाटी में राशन खत्म हो गया है और उनके सामने खाने-पीने का संकट बना हुआ है.

Madmaheshwar Piligrims Rescue
नानू में बनाया गया अस्थायी हेलीपैड

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान को लेकर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ आईटीबीपी के जवानों को भेजा. साथ में तहसील प्रशासन भी मौजूद रहा. मंगलवार को शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में 52 लोगों को रस्सी के सहारे नदी को पार करवाया गया. जबकि आज प्रशासन की ओर सुबह से मौसम साफ होने के बाद हेली से भी रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है. तीर्थयात्रियों को रस्सी के सहारे के साथ हेली की मदद से निकाला जा रहा है. अब तक करीब 122 श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है.जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने बताया कि मद्मेश्वर घाटी में यात्रियों के फंसने के बाद जिला प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने मुस्तैदी के साथ श्रद्धालुओं को निकालने का काम किया है.
पढ़ें-चमोली हेलंग आपदा: एसडीआरएफ ने मलबे में दबे पांच लोगों को किया रेस्क्यू,दो लोगों की मौत

उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण गौंडार के बणतोली में लोनिवि द्वारा निर्मित गार्डर पुल के बहने से घाटी में 250 लोगों के फंसे होने की सूचना मिलने पर तहसील प्रशासन ऊखीमठ द्वारा एसडीआरएफ की सहायता से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. मंगलवार को 52 व्यक्तियों को बाहर निकालने में सहायता प्राप्त हुई, जबकि आज मौसम साफ होने से सुबह से हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी रेस्क्यू ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अभी तक कुल 70 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है. इस तरह अब तक कुल 122 से ज्यादा श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है. सुरक्षा के दृष्टिगत मदमहेश्वर घाटी में मेडिकल टीम और पुलिस के अधिकारियों को भी तैनात कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. इसके साथ ही आशा जताई कि दोपहर तक सभी लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया जाएगा.

Last Updated : Aug 16, 2023, 2:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.