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रुद्रप्रयाग: छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग पर उफान में गदेरा, जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण

रुद्रप्रयाग में भारी बारिश ग्रामीणों के लिए आफत साबित हो रही है. लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर बह रही नदी को पार कर रहे हैं.

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बारिश बनी ग्रामीणों के लिए आफत.
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Published : Aug 1, 2020, 6:33 PM IST

रुद्रप्रयाग: बीते तीन दिनों से हो रही भारी बारिश से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है. जिले में जहां कभी सड़क हुआ करती थी, आज वहां नदी बह रही है. ऐसे में ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. जिससे ग्रामीणों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

बता दें कि रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र घंघासू बांगर की स्थिति दयनीय हो गई है. क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग पर आवाजाही करना खतरनाक साबित हो रहा है. मोटरमार्ग पर इन दिनों बरसाती गधेरा बह रहा है. किसी तरह से एक दूसरे की मदद लेकर लोग इस गधेरे को पार कर रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह है, कि एक दूसरे का हाथ छूटते ही अनहोनी होने का डर रहता है. दोपहिया वाहन चालक भी पानी के तेज बहाव में फंस रहे हैं. पूर्वी बांगर क्षेत्र की यह स्थिति इन दिनों ही नहीं बल्कि, हर बरसात सीजन में ऐसी ही होती है.

बारिश बनी ग्रामीणों के लिए आफत.

क्षेत्र के लोग शासन-प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके हैं, लेकिन मोटरमार्ग की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है. हर साल इस मोटरमार्ग पर बरसाती सीजन में आवाजाही बंद हो जाती है. जिसके बाद ग्रामीणों को रोजमर्रा की सामग्री के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है. क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता आलोक नेगी ने कहा कि छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग की वर्षों से दयनीय स्थिति बनी हुई है. मोटरमार्ग की सुध लेने वाला कोई नहीं है. क्षेत्र में न तो संचार सेवा है और न मोटरमार्ग सही स्थिति में है. जहां सड़क पर गदेरा बह रहा है, वहां 10 सालों से पुल नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में समस्याएं आखिर किसके सामने रखी जाएं.

ये भी पढ़ें: नैनीताल: बकरीद की खरीदारी से लौट रहे लोगों की कार खाई में गिरी, दो गंभीर रूप से घायल

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ पैदल मार्ग पर छानी कैंप में एक खच्चर विद्युत लाइन की चपेट में आ गया. जिससे खच्चर की मौके पर ही मौत हो गई. साथ ही खच्चर पर सवार यात्री भी घायल हो गया. खच्चर पर सवार यात्री किसी तरह केदारनाथ पहुंचा. वहीं यात्रा मार्ग पर फैली अव्यवस्थाओं से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, इन दिनों केदारनाथ पैदल मार्ग पर विद्युत लाइन की मरम्मत का कार्य चल रहा है. शनिवार को भी बिजली लाइन का कार्य जारी था. इस दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग के छानी कैंप में खुली हुई तार की चपेट में आने से एक खच्चर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि यात्री खच्चर से नीचे गिरकर घायल हो गया. किसी ने भी यात्री की सुध नहीं ली और यात्री बमुश्किल केदारनाथ पहुंचा.

केदारनाथ पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाते हुए यात्री ने कहा पैदल मार्ग पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है. ऐसे में यात्रा और बारिश के बीच विद्युत का कार्य जारी है, जो खतरे से भरा है. केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि पैदल मार्ग पर यात्रियों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं हैं. देवस्थानम् बोर्ड मनमर्जी से कार्य कर रहा है. यात्रियों के साथ कोई भी घटना होने पर उनकी मदद के लिए भी कोई नहीं है.

रुद्रप्रयाग: बीते तीन दिनों से हो रही भारी बारिश से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है. जिले में जहां कभी सड़क हुआ करती थी, आज वहां नदी बह रही है. ऐसे में ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. जिससे ग्रामीणों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

बता दें कि रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र घंघासू बांगर की स्थिति दयनीय हो गई है. क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग पर आवाजाही करना खतरनाक साबित हो रहा है. मोटरमार्ग पर इन दिनों बरसाती गधेरा बह रहा है. किसी तरह से एक दूसरे की मदद लेकर लोग इस गधेरे को पार कर रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह है, कि एक दूसरे का हाथ छूटते ही अनहोनी होने का डर रहता है. दोपहिया वाहन चालक भी पानी के तेज बहाव में फंस रहे हैं. पूर्वी बांगर क्षेत्र की यह स्थिति इन दिनों ही नहीं बल्कि, हर बरसात सीजन में ऐसी ही होती है.

बारिश बनी ग्रामीणों के लिए आफत.

क्षेत्र के लोग शासन-प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके हैं, लेकिन मोटरमार्ग की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है. हर साल इस मोटरमार्ग पर बरसाती सीजन में आवाजाही बंद हो जाती है. जिसके बाद ग्रामीणों को रोजमर्रा की सामग्री के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है. क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता आलोक नेगी ने कहा कि छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग की वर्षों से दयनीय स्थिति बनी हुई है. मोटरमार्ग की सुध लेने वाला कोई नहीं है. क्षेत्र में न तो संचार सेवा है और न मोटरमार्ग सही स्थिति में है. जहां सड़क पर गदेरा बह रहा है, वहां 10 सालों से पुल नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में समस्याएं आखिर किसके सामने रखी जाएं.

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वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ पैदल मार्ग पर छानी कैंप में एक खच्चर विद्युत लाइन की चपेट में आ गया. जिससे खच्चर की मौके पर ही मौत हो गई. साथ ही खच्चर पर सवार यात्री भी घायल हो गया. खच्चर पर सवार यात्री किसी तरह केदारनाथ पहुंचा. वहीं यात्रा मार्ग पर फैली अव्यवस्थाओं से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, इन दिनों केदारनाथ पैदल मार्ग पर विद्युत लाइन की मरम्मत का कार्य चल रहा है. शनिवार को भी बिजली लाइन का कार्य जारी था. इस दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग के छानी कैंप में खुली हुई तार की चपेट में आने से एक खच्चर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि यात्री खच्चर से नीचे गिरकर घायल हो गया. किसी ने भी यात्री की सुध नहीं ली और यात्री बमुश्किल केदारनाथ पहुंचा.

केदारनाथ पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाते हुए यात्री ने कहा पैदल मार्ग पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है. ऐसे में यात्रा और बारिश के बीच विद्युत का कार्य जारी है, जो खतरे से भरा है. केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि पैदल मार्ग पर यात्रियों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं हैं. देवस्थानम् बोर्ड मनमर्जी से कार्य कर रहा है. यात्रियों के साथ कोई भी घटना होने पर उनकी मदद के लिए भी कोई नहीं है.

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