रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तीन दिनों से हो रही बर्फबारी के चलते घाटी शीतलहर की चपेट में है. वहीं निचले क्षेत्रों में हो रही बारिश से काश्तकारों की धान की फसल खासी प्रभावित हो रही है. साथ ही काश्तकार खेती-बाड़ी छोड़ घरों में कैद रहने के लिए विवश हैं. इस साल सितंबर में शुरू हुई ठंड ने लगभग बीस वर्षों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं.
बता दें कि बर्फबारी के चलते सितंबर माह में ही केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में भारी गिरावट आ गई है. जिसके चलते केदारनाथ, मदमहेश्वर और तुंगनाथ धामों की यात्रा व्यवस्थाओं में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. साथ ही केदारघाटी में कोहरा छाने से हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है.
ये भी पढ़े: ऋषिकेश: शिवपुरी के जंगल में फ्री में दी जा रही बिजली और विभाग को नहीं जानकारी
वहीं निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड और गुप्तकाशी-चैमासी मोटरमार्ग अधिकांश स्थानों पर कीचड़ में तब्दील हो गया है. जिसके चलते राहगीर जान हथेली पर रख कर आवाजाही करने को मजबूर हैं.