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रुद्रप्रयाग: सड़क मार्ग से जुड़ेगा जिले का अंतिम गांव गौंडार

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Published : Nov 2, 2020, 2:13 PM IST

रुद्रप्रयाग जिले का अंतिम गांव गौंडार जल्द सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा. गौंडार गांव के मोटरमार्ग से जुड़ने से द्वितीय केदार मदमहेश्वर की यात्रा भी काफी आसान हो जाएगी. यहां वर्ष 2012 में सड़क की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया गया था.

Goundar village Rudraprayag news
सड़क मार्ग से जुड़ेगा गौंडार गांव.

रुद्रप्रयाग: जिले का अंतिम गांव गौंडार जल्द सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा. भारत सरकार से गांव के लिए स्वीकृत रांसी-तलसारी तोक-गौंडार मार्ग के निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण को हरी झंडी मिल गई है. लोक निर्माण विभाग की ओर से अब जरूरी धनराशि जमा करने पर भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. सबकुछ सही रहा तो लगभग एक वर्ष में गांव तक सड़क बन जाएगी और ग्रामीणों को वर्षों से मीलों पैदल चलने की समस्या से निजात मिल जाएगी.

वन अधिनियम में उलझा 15 साल से सड़क का सपना

दरअसल, गौंडार गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए वर्ष 2004-05 में रांसी-तलसारी-गौंडार पांच किमी सड़क को स्वीकृति मिली थी. लेकिन वन भूमि के कारण मामला फाइलों में ही सिमटा रहा. जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के लंबे संघर्ष के बाद वन भूमि का मसला नोडल, राज्य और अब केंद्र से भी स्वीकृत हो चुका है. इसके बाद गौंडार तक सड़क बनने का रास्ता साफ हो गया है. अब लोनिवि की ओर से वन भूमि के एवज में जरूरी धनराशि जमा करने के बाद भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके बाद सर्वेक्षण कर डीपीआर बनाकर शासन को भेजा जाएगा. स्वीकृति के बाद निविदा आमंत्रित होंगी और इन औपचारिकताओं को पूरा करने में लगभग एक से डेढ़ वर्ष लग सकता है. विभाग की मानें तो मार्च 2022 तक गौंडार गांव सड़क से जुड़ जाएगा.

गौंडार गांव में रहते हैं 76 परिवार

गौंडार गांव में 76 परिवार निवास कर रहे हैं. इनका वर्षों से सड़क का सपना लगता है अब साकार होने जा रहा है. राज्य निर्माण के बाद से मोटर मार्ग की मांग होती आ रही है. वर्ष 2012 में सड़क की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया गया था. अब, सड़क की स्वीकृति मिलने से विकास की उम्मीद जगी है.

यह भी पढ़ें-अल्मोड़ा वासियों के लिए खुशखबरी! सड़कों को चमकाने में जुटा PWD

गौंडार गांव विकास की मूल धारा में शामिल हो सकेगा. साथ ही बीमार व गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में आसानी होगी. इसके साथ ही गौंडार गांव के मोटरमार्ग से जुड़ने से द्वितीय केदार मदमहेश्वर की यात्रा भी काफी आसान हो जाएगी. मोटरमार्ग निर्माण से श्रद्धालुओं को गौंडार से धाम तक 12 किमी ही पैदल चलना होगा. साथ ही यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान में श्रद्धालुओं को रांसी से धाम तक एकतरफा 18 किमी पैदल चलना होता है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि रांसी-तलसारी तोक-गौंडार मोटरमार्ग के वन भूमि हस्तांतरण की भारत सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है. इस संबंध में पत्र भी प्राप्त हो चुका है.

रुद्रप्रयाग: जिले का अंतिम गांव गौंडार जल्द सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा. भारत सरकार से गांव के लिए स्वीकृत रांसी-तलसारी तोक-गौंडार मार्ग के निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण को हरी झंडी मिल गई है. लोक निर्माण विभाग की ओर से अब जरूरी धनराशि जमा करने पर भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. सबकुछ सही रहा तो लगभग एक वर्ष में गांव तक सड़क बन जाएगी और ग्रामीणों को वर्षों से मीलों पैदल चलने की समस्या से निजात मिल जाएगी.

वन अधिनियम में उलझा 15 साल से सड़क का सपना

दरअसल, गौंडार गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए वर्ष 2004-05 में रांसी-तलसारी-गौंडार पांच किमी सड़क को स्वीकृति मिली थी. लेकिन वन भूमि के कारण मामला फाइलों में ही सिमटा रहा. जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के लंबे संघर्ष के बाद वन भूमि का मसला नोडल, राज्य और अब केंद्र से भी स्वीकृत हो चुका है. इसके बाद गौंडार तक सड़क बनने का रास्ता साफ हो गया है. अब लोनिवि की ओर से वन भूमि के एवज में जरूरी धनराशि जमा करने के बाद भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके बाद सर्वेक्षण कर डीपीआर बनाकर शासन को भेजा जाएगा. स्वीकृति के बाद निविदा आमंत्रित होंगी और इन औपचारिकताओं को पूरा करने में लगभग एक से डेढ़ वर्ष लग सकता है. विभाग की मानें तो मार्च 2022 तक गौंडार गांव सड़क से जुड़ जाएगा.

गौंडार गांव में रहते हैं 76 परिवार

गौंडार गांव में 76 परिवार निवास कर रहे हैं. इनका वर्षों से सड़क का सपना लगता है अब साकार होने जा रहा है. राज्य निर्माण के बाद से मोटर मार्ग की मांग होती आ रही है. वर्ष 2012 में सड़क की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया गया था. अब, सड़क की स्वीकृति मिलने से विकास की उम्मीद जगी है.

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गौंडार गांव विकास की मूल धारा में शामिल हो सकेगा. साथ ही बीमार व गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में आसानी होगी. इसके साथ ही गौंडार गांव के मोटरमार्ग से जुड़ने से द्वितीय केदार मदमहेश्वर की यात्रा भी काफी आसान हो जाएगी. मोटरमार्ग निर्माण से श्रद्धालुओं को गौंडार से धाम तक 12 किमी ही पैदल चलना होगा. साथ ही यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान में श्रद्धालुओं को रांसी से धाम तक एकतरफा 18 किमी पैदल चलना होता है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि रांसी-तलसारी तोक-गौंडार मोटरमार्ग के वन भूमि हस्तांतरण की भारत सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है. इस संबंध में पत्र भी प्राप्त हो चुका है.

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