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केदारनाथ यात्रा में ग्लेशियर बन रहे रोड़ा, यात्रियों को झेलनी पड़ सकती है परेशानी - रुद्रप्रयाग न्यूज

नौ मई से शुरू हो रही भगवान केदारनाथ की यात्रा में ग्लेशियर बाधा खड़ी कर रहे हैं. जनवरी माह से अब तक केदारधाम में बर्फबारी हो रही है.ग्लेशियर टूटकर पैदल मार्ग पर आ रहे हैं. केदारधाम पूरी तरह से ढका पड़ा है.

ग्लेशियर बाधा खड़ी कर रहे
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Published : Apr 23, 2019, 5:04 AM IST

Updated : Apr 23, 2019, 8:17 AM IST

रुद्रप्रयागः नौ मई से शुरू हो रही भगवान केदारनाथ की यात्रा में ग्लेशियर परेशानी बन गये हैं. लिनचौली से केदारनाथ धाम तक रास्ते भर ग्लेशियर नजर आ रहे हैं. ये ग्लेशियर टूटकर पैदल मार्ग पर आ रहे हैं जिस कारण बर्फ हटाने का कार्य लगातार जारी है. इससे अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

बर्फवारी के चलते केदारधाम में कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं.

वहीं, इस वर्ष बर्फवारी से 2 करोड़ 75 लाख का नुकसान हुआ है और डीडीएमए विभाग की ओर से पुनर्स्थापना के कार्य किये जा रहे हैं. प्रशासन के सामने चुनौतियां ज्यादा और समय कम है. पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष बाबा के धाम में यात्रा के समय तीर्थयात्रियों को बर्फ देखने को मिलेगी.

बर्फ से अभी भी केदारधाम पूरी तरह से ढका पड़ा है, जबकि पुनर्निर्माण के लिए लाई गईं मशीनें भी बर्फ से ढकी हैं. ऐसे में निर्माण कार्य ठप पड़े हैं और निर्माणदायी संस्थाओं की ओर से बर्फ साफ करने का कार्य किया जा रहा है.


जनवरी माह से अब तक केदारधाम में बर्फवारी हो रही है. बर्फबारी के चलते गौरीकुंड से केदारधाम तक भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में विभाग के सामने भी चुनौती है कि वह यात्रा से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरूस्त करे. बर्फवारी से जीएमवीएन की 17 हटें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं तो स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से बनाई गई दुकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. ग्लेशियर में काम करने में भी मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हर समय डर बना रहता है कि कई ऊपरी पहाड़ी से ग्लेशियर टूटकर उनके ऊपर न आ जाय.

यह भी पढ़ेंः World Earth Day 2019: हिमालय पर ब्लैक कार्बन का बढ़ा खतरा, दून की फिजा में घुल रहा 'जहर'

दो करोड़ 74 लाख का नुकसान

बर्फबारी और बारिश से केदारधाम सहित पैदल पड़ाव को काफी नुसान हुआ है. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर दीवार एवं वॉयर क्रेट्स क्षतिग्रस्त होने से 24 लाख 54 हजार, गौरीकुंड से रामबाड़ा तक रेलिंग्स 12 लाख 30 हजार, रामबाड़ा से केदारधाम तक रेलिंग्स 28 लाख 72 हजार, गौरीकुंड में फोल्डिंग पुलिया 14 लाख 30 हजार, रामबाड़ा गदेरा में फोल्डिंग पुलिया 19 लाख 40 हजार, केदारनाथ पैदल यात्रा पर क्षतिग्रस्त रेन शेल्टर 54 लाख 36 हजार, दुकान 12 लाख 36 हजार, शौचालय 42 लाख, एमआरपी सेंटर 17 लाख 22 हजार, डण्डी-कण्डी काउण्टर्स 9 लाख 66 हजार, केदारनाथ में हॉट बाजार 22 लाख 75 हजार और धाम के निकट पैवेलियन शैड 16 लाख 46 हजार का नुकसान हुआ है.

डीडीएमए के अधिशासी अभियंता प्रवीन करनवाल ने बताया कि पिछले माह से केदारधाम में पुनर्स्थापना एवं मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, लेकिन बर्फबारी और ग्लेशियर कार्य में बाधा बने हुए हैं. बहरहाल, भगवान केदारनाथ की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को बर्फबारी का आनंद तो मिल जायेगा, लेकिन अव्यवस्थाओं से यात्री दो-चार हो सकते हैं. बर्फवारी के चलते केदारधाम में कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में लगता नहीं कि यात्रा शुरू होने से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जायेगा.

रुद्रप्रयागः नौ मई से शुरू हो रही भगवान केदारनाथ की यात्रा में ग्लेशियर परेशानी बन गये हैं. लिनचौली से केदारनाथ धाम तक रास्ते भर ग्लेशियर नजर आ रहे हैं. ये ग्लेशियर टूटकर पैदल मार्ग पर आ रहे हैं जिस कारण बर्फ हटाने का कार्य लगातार जारी है. इससे अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

बर्फवारी के चलते केदारधाम में कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं.

वहीं, इस वर्ष बर्फवारी से 2 करोड़ 75 लाख का नुकसान हुआ है और डीडीएमए विभाग की ओर से पुनर्स्थापना के कार्य किये जा रहे हैं. प्रशासन के सामने चुनौतियां ज्यादा और समय कम है. पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष बाबा के धाम में यात्रा के समय तीर्थयात्रियों को बर्फ देखने को मिलेगी.

बर्फ से अभी भी केदारधाम पूरी तरह से ढका पड़ा है, जबकि पुनर्निर्माण के लिए लाई गईं मशीनें भी बर्फ से ढकी हैं. ऐसे में निर्माण कार्य ठप पड़े हैं और निर्माणदायी संस्थाओं की ओर से बर्फ साफ करने का कार्य किया जा रहा है.


जनवरी माह से अब तक केदारधाम में बर्फवारी हो रही है. बर्फबारी के चलते गौरीकुंड से केदारधाम तक भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में विभाग के सामने भी चुनौती है कि वह यात्रा से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरूस्त करे. बर्फवारी से जीएमवीएन की 17 हटें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं तो स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से बनाई गई दुकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. ग्लेशियर में काम करने में भी मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हर समय डर बना रहता है कि कई ऊपरी पहाड़ी से ग्लेशियर टूटकर उनके ऊपर न आ जाय.

यह भी पढ़ेंः World Earth Day 2019: हिमालय पर ब्लैक कार्बन का बढ़ा खतरा, दून की फिजा में घुल रहा 'जहर'

दो करोड़ 74 लाख का नुकसान

बर्फबारी और बारिश से केदारधाम सहित पैदल पड़ाव को काफी नुसान हुआ है. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर दीवार एवं वॉयर क्रेट्स क्षतिग्रस्त होने से 24 लाख 54 हजार, गौरीकुंड से रामबाड़ा तक रेलिंग्स 12 लाख 30 हजार, रामबाड़ा से केदारधाम तक रेलिंग्स 28 लाख 72 हजार, गौरीकुंड में फोल्डिंग पुलिया 14 लाख 30 हजार, रामबाड़ा गदेरा में फोल्डिंग पुलिया 19 लाख 40 हजार, केदारनाथ पैदल यात्रा पर क्षतिग्रस्त रेन शेल्टर 54 लाख 36 हजार, दुकान 12 लाख 36 हजार, शौचालय 42 लाख, एमआरपी सेंटर 17 लाख 22 हजार, डण्डी-कण्डी काउण्टर्स 9 लाख 66 हजार, केदारनाथ में हॉट बाजार 22 लाख 75 हजार और धाम के निकट पैवेलियन शैड 16 लाख 46 हजार का नुकसान हुआ है.

डीडीएमए के अधिशासी अभियंता प्रवीन करनवाल ने बताया कि पिछले माह से केदारधाम में पुनर्स्थापना एवं मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, लेकिन बर्फबारी और ग्लेशियर कार्य में बाधा बने हुए हैं. बहरहाल, भगवान केदारनाथ की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को बर्फबारी का आनंद तो मिल जायेगा, लेकिन अव्यवस्थाओं से यात्री दो-चार हो सकते हैं. बर्फवारी के चलते केदारधाम में कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में लगता नहीं कि यात्रा शुरू होने से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जायेगा.

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खबर विशेष - 



प्रशासन के सामने चुनौतियां ज्यादा और समय कम 



गौरीकंुड से केदारधाम तक हुआ है दो करोड़ 74 लाख का नुकसान 



डीडीएमए विभाग कार्य करने में जुटा, 



यात्रा से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना सबसे बड़ी चुनौती 



उत्तराखण्ड डेस्क



स्लग - ग्लेशियर बने परेशानी



रिपोर्ट - रोहित डिमरी/22 अप्रैल 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी



एंकर - नौ मई से शुरू हो रही भगवान केदारनाथ की यात्रा में ग्लेशियर परेशानी बन गये हैं। लिनचैली से केदारनाथ धाम तक रास्ते भर ग्लेशियर नजर आ रहे है। ये ग्लेशियर टूटकर पैदल मार्ग पर आ रहे हैं, जिस कारण बर्फ हटाने का कार्य लगातार जारी है। इससे अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। वहीं इस वर्ष बर्फवारी से 2 करोड़ 75 लाख का नुकसान हुआ है और डीडीएमए विभाग की ओर से पुनस्र्थापना के कार्य किये जा रहे हैं। 



वीओ -1- पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष बाबा के धाम में यात्रा के समय तीर्थयात्रियों को बर्फ देखने को मिलेगी। बर्फ से अभी भी केदारधाम पूरी तरह से ढका पड़ा है, जबकि पुनर्निर्माण के लिए लाई गई मशीने भी बर्फ से ढकी हैं। ऐसे में निर्माण कार्य ठप पड़े हैं और निर्माणदायी संस्थाओं की ओर से बर्फ साफ करने का कार्य किया जा रहा है। जनवरी माह से अब तक केदारधाम में बर्फवारी हो रही है। बर्फवारी के चलते गौरीकंुड से केदारधाम तक भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में विभाग के सामने भी चुनौती है कि वह यात्रा से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरूस्त करे। बर्फवारी से जीएमवीएन की 17 हटे क्षतिग्रस्त हो गयी हैं तो स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से बनाई गई दुकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। ग्लेशियर में काम करने में भी मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हर समय डर बना रहता है कि कई ऊपरी पहाड़ी से ग्लेशियर टूटकर उनके ऊपर न आ जाय। 



बाइट -2- प्रवीन करनवाल, अधिशासी अभियंता डीडीएमए रुद्र्रप्रयाग 



वीओ -2- बर्फवारी और बारिश से केदारधाम सहित पैदल पड़ाव को काफी नुसान हुआ है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर दीवार एवं वाॅयर क्रेट्स क्षतिग्रस्त होने से 24 लाख 54 हजार, गौरीकुंड से रामबाड़ा तक रेलिंग्स 12 लाख 30 हजार, रामबाड़ा से केदारधाम तक रेलिंग्स 28 लाख 72 हजार, गौरीकुंड में फोल्डिंग पुलिया 14 लाख 30 हजार, रामबाड़ा गदेरा में फोल्डिंग पुलिया 19 लाख 40 हजार, केदारनाथ पैदल यात्रा पर क्षतिग्रस्त रेन शेल्टर 54 लाख 36 हजार, दुकान 12 लाख 36 हजार, शौचालय 42 लाख, एमआरपी सेंटर 17 लाख 22 हजार, डण्डी-कण्डी काउण्टर्स 9 लाख 66 हजार, केदारनाथ में हाॅट बाजार 22 लाख 75 हजार, धाम के निकट पैवेलियन शैड 16 लाख 46 हजार का नुकसान हुआ है। डीडीएमए के अधिशासी अभियंता प्रवीन करनवाल ने बताया कि पिछले माह से केदारधाम में पुनस्र्थापना एवं मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, लेकिन बर्फवारी और ग्लेशियर कार्य में बाधा बने हुए हैं। 



बाइट -1- प्रवीन करनवाल, अधिशासी अभियंता डीडीएमए रुद्र्रप्रयाग 



वीओ फाइनल - बहरहाल, भगवान केदारनाथ की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को बर्फवारी का आनंद तो मिल जायेगा, लेकिन अव्यवस्थाओं से यात्री दो-चार हो सकते हैं। बर्फवारी के चलते केदारधाम में कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में लगता नहीं कि यात्रा शुरू होने से पूर्व व्यवस्थाओं को दुरूस्त कर लिया जायेगा। 





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Conclusion:
Last Updated : Apr 23, 2019, 8:17 AM IST
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