रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा पड़ाव के गौरीकुंड से 500 मीटर आगे भूस्खलन के चलते पैदल मार्ग बंद पड़ा है. शनिवार सुबह बंद हुए मार्ग को दूसरे दिन भी नहीं खोला जा सका, जिससे विभिन्न पड़ावों में केदारनाथ जाने के लिए रुके तीर्थयात्री मायूस नजर आए. 500 से ज्यादा तीर्थयात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं. जो केदारनाथ जाना चाहते हैं, लेकिन पैदल मार्ग पर भूस्खलन के कारण यात्रा को रोका गया है.
बता दें कि गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग के गौरीकुंड से 500 मीटर की दूरी पर भारी भूस्खलन हुआ है. जिस कारण यात्रा पर ब्रेक लग गया है. केदारनाथ से वापस आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी तरह एक स्थान से रस्सी के सहारे दूसरे छोर पहुंचाया जा रहा है. जबकि, केदारनाथ जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्री मार्ग दुरूस्त होने का इंतजार कर रहे हैं. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण-लोनिवि की ओर से मलबा हटाने के लिए मशीन भी मौके पर भेजी गई, लेकिन रविवार को भी पहाड़ी से दो बार भारी भूस्खलन होने से दोबारा बंद हो गया.
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मार्ग अवरूद्ध होने के कारण बाबा केदार की यात्रा दूसरे दिन भी बंद रही. प्रशासन ने सोनप्रयाग, गौरीकुंड में श्रद्धालु रोके हैं, जबकि केदारनाथ से लौटे कुछ यात्रियों को एसडीएआरफ की टीम से सुरक्षित गौरीकुंड पहुंचा दिया है. जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित सुमंत तिवाड़ी और व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा कि आधी-अधूरी तैयारियों के बीच ही केदारनाथ यात्रा का संचालन हो रहा है. सरकार की ओर से बाहरी प्रदेश के लोगों के लिए भी यात्रा शुरू की गई है, लेकिन यात्रा मार्गों पर अव्यवस्थाओं से तीर्थयात्री परेशान हैं.
उधर, देर रात बंद हुए केदारनाथ हाईवे के बांसबाड़ा में रविवार को कई घंटों तक आवाजाही बाधित रहा. इसके अलावा हाईवे पर बड़ासू में भी भारी मलबा आ गया. हालांकि, बाद में मलबा हटाने के बाद हाईवे पर आवाजाही शुरू हो पाई. हाईवे बंद होने से स्थानीय लोगों और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.