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केदारनाथ: भूस्खलन के बाद पैदल मार्ग बंद, यात्रा पर लगा ब्रेक

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Published : Aug 8, 2020, 9:09 PM IST

बारिश के कारण पैदल मार्ग से मलबा हटाने में कर्मचारियों को काफी दिक्कते आ रही है. मार्ग बंद होने की वजह से कई तीर्थयात्री बीच रास्ते में फंस गए थे. जिन्हें एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया है.

रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर शनिवार को भारी भूस्खलन हुआ. जिसके बाद पैदल मार्ग बंद हो गया. इन हालात में कुछ तीर्थयात्री बीच रास्ते में ही फंस गए थे. भूस्खलन के बाद तीर्थयात्रियों को केदारनाथ, गौरीकुंड और सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया था. संबंधित विभाग के कर्मचारी पैदल मार्ग को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बारिश के कारण लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है. जिसके वजह से रास्ता खोलने में काफी दिक्कतें आ रही है.

वहीं, यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की स्थिति को देखते हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगहों पर रोक दिया गया है. जबकि, बीच रास्ते में फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकलाने का प्रयास किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, भूस्खलन गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से पांच सौ मीटर दूर हुआ. प्रशासन की भूस्खलन की खबर शनिवार सुबह 10 बजे मिली थी. जिसके बाद केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को पंजीकरण बंद कर दिया गया था.

पढ़ें- सावन की पूजा में ब्रह्म कमल का विशेष महत्व, नंगे पांव ग्रामीण हिमालय से लाते हैं 'देव पुष्प'

कानूनगो एमएल अंजवाल ने बताया कि सुबह दस बजे तक केदारनाथ के लिए 169 यात्रियों का पंजीकरण कर दिया गया था, जिसमें कुछ लोग सुबह छह बजे तक गौरीकुंड से आगे रवाना हो गए थे. रास्ता टूटने के बाद शेष 146 लोगों को गौरीकुंड में रोक दिया गया है. सोनप्रयाग में भी 70 से अधिक तीर्थयात्री रोके गए हैं, जिनका पंजीकरण नहीं किया गया है. रास्ता टूटने के कारण केदारनाथ से दर्शन कर वापस लौट रहे 50 तीर्थतीर्थ बीच रास्ते में फंसे हुए हैं. उन्हें एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया है. डीडीएमए-लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि भारी भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है. रविवार दोपहर तक रास्ते को दुरस्त कर यात्रा के लिए खोल दिया जाएगा.

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर शनिवार को भारी भूस्खलन हुआ. जिसके बाद पैदल मार्ग बंद हो गया. इन हालात में कुछ तीर्थयात्री बीच रास्ते में ही फंस गए थे. भूस्खलन के बाद तीर्थयात्रियों को केदारनाथ, गौरीकुंड और सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया था. संबंधित विभाग के कर्मचारी पैदल मार्ग को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बारिश के कारण लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है. जिसके वजह से रास्ता खोलने में काफी दिक्कतें आ रही है.

वहीं, यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की स्थिति को देखते हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगहों पर रोक दिया गया है. जबकि, बीच रास्ते में फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकलाने का प्रयास किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, भूस्खलन गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से पांच सौ मीटर दूर हुआ. प्रशासन की भूस्खलन की खबर शनिवार सुबह 10 बजे मिली थी. जिसके बाद केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को पंजीकरण बंद कर दिया गया था.

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कानूनगो एमएल अंजवाल ने बताया कि सुबह दस बजे तक केदारनाथ के लिए 169 यात्रियों का पंजीकरण कर दिया गया था, जिसमें कुछ लोग सुबह छह बजे तक गौरीकुंड से आगे रवाना हो गए थे. रास्ता टूटने के बाद शेष 146 लोगों को गौरीकुंड में रोक दिया गया है. सोनप्रयाग में भी 70 से अधिक तीर्थयात्री रोके गए हैं, जिनका पंजीकरण नहीं किया गया है. रास्ता टूटने के कारण केदारनाथ से दर्शन कर वापस लौट रहे 50 तीर्थतीर्थ बीच रास्ते में फंसे हुए हैं. उन्हें एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया है. डीडीएमए-लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि भारी भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है. रविवार दोपहर तक रास्ते को दुरस्त कर यात्रा के लिए खोल दिया जाएगा.

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