रुद्रप्रयाग: आस्था के द्वार गौरीकुंड से ही पतित पावनी मंदाकिनी मैली हो रही है. नदी में हर रोज कूड़ा उड़ेला जा रहा है. जिस कारण श्रद्धालुओं की आस्था को गहरी ठेस पहुंच रही है. गौरीकुंड में हजारों की संख्या में रह रहे नेपाली नागरिकों ने मंदाकिनी नदी को शौच का अड्डा बना दिया है. स्थिति यह हो गई है कि गौरीकुंड में आज कोई भी श्रद्धालु मंदाकिनी के जल से आचमन करने तक को तैयार नहीं है.
मान्यता है कि गौरीकुंड से ही केदारनाथ की यात्रा शुरू होती है. माता गौरी के दर्शन और मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद तीर्थ यात्री केदारनाथ के लिये रवाना होते हैं. जिस प्रकार भक्तों की आस्था केदार बाबा से है, उसी तरह की आस्था मंदाकिनी नदी से भी है, लेकिन मंदाकिनी के उद्गम स्थल से कुछ किलोमीटर दूर गौरीकुंड में नदी को प्रदूषित किया जा रहा है. गौरीकुंड में एकत्रित हो रहे कूड़े को नदी में खुलेआम डाला जा रहा है.
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केदारनाथ यात्रा के दौरान प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनरेशनल को दी गई है, लेकिन सुलभ इंटरनेशनल के ही कर्मचारी नदी को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं. आलम ये है कि गौरीकुंड में स्नान घाट मंदाकिनी नदी के बीच में ही कूड़ाघर बनाया गया है, लेकिन कूड़ा घर से समय पर कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है.
गौरीकुंड व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा कि गौरीकुंड से होकर ही लाखों यात्री केदारनाथ की यात्रा करते हैं, लेकिन गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी की बेहद दयनीय स्थिति है. सुलभ इंटरनेशनल के सफाई कर्मचारी कूड़ा एक जगह एकत्रित करने के बजाय कूड़े को नदी में डाल रहे हैं. जिससे नदी की पवित्रता धूमिल होने के साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है.
इस मामले पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि सुलभ इंटरनेशनल को जगह-जगह साफ-सफाई चाक-चौबंद रखने के सख्त निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि अगर सुलभ इंटरनेशनल द्वारा गंगा को गंदा किया जा रहा है तो जांच की जाएगी और सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.