रुद्रप्रयाग: विकासखंड ऊखीमठ की सीमांत ग्राम पंचायत गड़गू आजादी के सात दशक बाद यातायात से जुड़ गया है. गड़गू गांव के पहली बार यातायात से जुड़ने से ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है. गांव के यातायात से जुड़ने से ग्रामीणों को उम्मीद है कि भविष्य में तीर्थाटन, पर्यटन व होम स्टे जैसी योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा. अब विकासखण्ड के गौंडार, कुणजेठी, ब्यूंखी, स्यांसू व तोषी गांव यातायात से जुड़ने शेष रह गये हैं.
बता दें कि गड़गू गांव को यातायात से जोड़ने के लिए पूर्व में मोटरमार्ग स्वीकृत हो चुका था, लेकिन केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेंचुरी वन अधिनियम मोटरमार्ग के निर्माण में बाधक होने से मार्ग का निर्माण कार्य अधर में लटक गया था. पीएमजीएसवाई के अधिकारियों व वर्तमान तथा पूर्व जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों से गैड़-गड़गू मोटरमार्ग का निर्माण कार्य एनपीसीसी द्वारा मार्च 2019 में शुरू किया गया था. मगर मोटरमार्ग निर्माण में भारी पथरीली चट्टान होने के कारण मार्ग का निर्माण कार्य समय पर न होने के कारण कई बार ग्रामीणों व विभागीय अधिकारियों में टकराव देखने को मिला. परिणाम स्वरूप आखिरकार गड़गू गांव आजादी के बाद पहली बार यातायात से जुड़ गया है. भले ही मोटरमार्ग पर अभी प्रथम फेस का निर्माण कार्य गतिमान है. गड़गू गांव के पहली बार यातायात से जुड़ने से ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है.
ग्रामीणों का कहना है कि गड़गू गांव के यातायात से जुड़ने से जहां ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिलेगी. वहीं गांव में तीर्थाटन, पर्यटन व होम स्टे जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा. जिससे गांव के बेरोजगारों के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा का कहना है कि गड़गू गांव से विसुणी ताल व ताली रोणी पैदल ट्रैकों को विकसित करने की पहल की जाती है, तो गांव में पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही शुरू हो सकती है.
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क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह राणा ने कहा कि गडगू गांव के यातायात से जुड़ने से गांव के मध्य भगवान मदमहेश्वर व जाखराजा के मन्दिर पर्यटन मानचित्र पर अंकित हो सकते हैं, प्रधान विक्रम नेगी, पूर्व प्रधान सरिता नेगी, सुदीप राणा, लवीश राणा ने बताया कि गड़गू गांव के यातायात से जुड़ने से ग्रामीणों में उत्साह बना हुआ है.