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रुद्रप्रयाग: आवासीय क्षेत्रों तक पहुंची वनाग्नि, तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि - Forest fire started reaching the residential areas

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. जंगलों की आग ने हवा को 50 प्रतिशत दूषित कर दिया है. वहीं, वनाग्नि से रुद्रप्रयाग के तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस वृद्धि हुई है और 332.82 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Apr 27, 2022, 5:26 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. जंगलों में लगी आग अब आवासीय क्षेत्रों तक भी पहुंच रही है. जिला मुख्यालय से सटे गांवों में जंगलों की आग पहुंच रही है, जिसके बाद ग्रामीण जान पर खेलकर आग बुझाने में लगे हैं. वहीं आसमान में चारो तरफ धुंध ही धुंध छाई हुई है. वन विभाग आग पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है.

जंगलों में लगी आग ने अब विकराल रूप धारण कर दिया है. इन दिनों जनपद का कोई भी ऐसा जंगल नहीं है जो जलकर राख न हो रहा हो. आग से जहां लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं तो वहीं जंगली जानवरों का जीवन खतरे में पड़ गया है और प्राकृतिक सम्पदा जलकर राख हो रही है. आसमान में छाई धुंध के कारण आम जनता की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. इस धुंध के कारण जहां सूर्य की रोशनी का कोई असर नहीं हो रहा है तो वहीं भीषण गर्मी भी पड़ रही है.

पढ़ें: सोमेश्वर: दो दिन से धधक रहे हैं ककराड़ के जंगल, ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा, वन कर्मचारी गायब

पर्यावरणविद् राघवेन्द्र बद्री का कहना है कि देवभूमि के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. लेकिन सरकार इस मामले में मौन है. जंगलों की आग ने हवा को 50 प्रतिशत दूषित कर दिया है. ब्लैक कार्बन के कारण आंखों में जलन और खुजली हो रही है. पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंच रहा है. पौधों में बीमारियां लगनी शुरू हो गई हैं. आंकड़ों में साफ है कि जंगल में आग लगने से तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस वृद्धि हुई है और 332.82 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. यह एक गंभीर चिंता का विषय है, ऐसे में हमें उत्तराखंड को बचाने के प्रयास करने होंगे.

अगस्त्यमुनि रेंज के वन क्षेत्राधिकारी यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि वन कर्मी दिन-रात आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं. जगह-जगह से जंगलों में लाग लगने की सूचनाएं मिल रही हैं. सूचना मिलते ही वनकर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं और आग बुझा रहे हैं.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. जंगलों में लगी आग अब आवासीय क्षेत्रों तक भी पहुंच रही है. जिला मुख्यालय से सटे गांवों में जंगलों की आग पहुंच रही है, जिसके बाद ग्रामीण जान पर खेलकर आग बुझाने में लगे हैं. वहीं आसमान में चारो तरफ धुंध ही धुंध छाई हुई है. वन विभाग आग पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है.

जंगलों में लगी आग ने अब विकराल रूप धारण कर दिया है. इन दिनों जनपद का कोई भी ऐसा जंगल नहीं है जो जलकर राख न हो रहा हो. आग से जहां लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं तो वहीं जंगली जानवरों का जीवन खतरे में पड़ गया है और प्राकृतिक सम्पदा जलकर राख हो रही है. आसमान में छाई धुंध के कारण आम जनता की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. इस धुंध के कारण जहां सूर्य की रोशनी का कोई असर नहीं हो रहा है तो वहीं भीषण गर्मी भी पड़ रही है.

पढ़ें: सोमेश्वर: दो दिन से धधक रहे हैं ककराड़ के जंगल, ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा, वन कर्मचारी गायब

पर्यावरणविद् राघवेन्द्र बद्री का कहना है कि देवभूमि के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. लेकिन सरकार इस मामले में मौन है. जंगलों की आग ने हवा को 50 प्रतिशत दूषित कर दिया है. ब्लैक कार्बन के कारण आंखों में जलन और खुजली हो रही है. पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंच रहा है. पौधों में बीमारियां लगनी शुरू हो गई हैं. आंकड़ों में साफ है कि जंगल में आग लगने से तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस वृद्धि हुई है और 332.82 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. यह एक गंभीर चिंता का विषय है, ऐसे में हमें उत्तराखंड को बचाने के प्रयास करने होंगे.

अगस्त्यमुनि रेंज के वन क्षेत्राधिकारी यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि वन कर्मी दिन-रात आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं. जगह-जगह से जंगलों में लाग लगने की सूचनाएं मिल रही हैं. सूचना मिलते ही वनकर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं और आग बुझा रहे हैं.

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