रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा पड़ावों में घोड़ा-खच्चर संचालक मनमानी कर रहे हैं. नियम विरूद्ध संचालन के अलावा इन पर यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने का भी आरोप है. जिस पर तीर्थयात्रियों में आक्रोश बना हुआ है. शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन की टीम ने मौके का मुआयना किया और 130 घोड़ा-खच्चर संचालकों का चालान कर 65 हजार रुपए का अर्थदंड वसूला. साथ ही बिना मास्क मंदिर परिसर में घूम रहे 50 व्यक्तियों का चालान कर दस हजार रुपए का अर्थदंड वसूल किया.
दरअसल, गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर हजारों घोड़ा-खच्चरों का संचालन हो रहा है. केदारनाथ यात्रा में काफी भीड़ उमड़ रही है और यात्रा पड़ावों में काफी रौनक बनी हुई है. लेकिन घोड़ा-खच्चर संचालकों की मनमानी से तीर्थयात्रियों में आक्रोश बना हुआ है. घोड़ा-खच्चर संचालक तीर्थयात्रियों से निर्धारित किराये से अधिक वसूल रहे हैं.
जबकि ये संचालक दो से तीन घोड़ों का एक साथ संचालन कर हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों को किसी अप्रिय घटना का डर भी बना रहता है. रात के समय भी घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जा रहा है. नियम विरूद्ध चल रहे इन घोड़ा-खच्चर संचालकों के खिलाफ तीर्थयात्रियों ने जिला प्रशासन से शिकायत की.
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जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से एक उड़न दस्ता टीम यात्रा पड़ावों पर भेजी गयी. टीम की ओर से घोड़ा-खच्चर संचालकों के नियम विरूद्ध पाये जाने पर चालान किए गए हैं. प्रशासन की स्पेशल उड़नदस्ता टीम ने केदारनाथ धाम में नियम विरुद्ध संचालन कर रहे 130 घोड़ा-खच्चर संचालकों का चालान कर 65 हजार रुपए का अर्थदंड वसूला.
जबकि बिना मास्क मंदिर परिसर में घूम रहे 50 व्यक्तियों का चालान कर दस हजार रुपए अर्थदंड वसूला गया. उड़नदस्ता टीम इंचार्ज भगवान सिंह रौथाण ने बताया कि तीन दिनों तक केदारनाथ यात्रा पड़ाव का निरीक्षण किया गया और 130 घोड़ा-खच्चर संचालकों का चालान किया गया.