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मदमहेश्वर घाटी और कैंची धाम के जंगलों में लगी भीषण आग, वन्यजीवों पर मंडराया खतरा - Rudraprayag News

Madmaheshwar Valley इन दिनों मदमहेश्वर घाटी के जंगल आग की चपेट में हैं. वन विभाग की सात सदस्यीय दल ने अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया है. लेकिन वन कर्मियों को एक तरफ चट्टान होने से आग पर काबू पाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 3, 2024, 6:37 AM IST

Updated : Jan 3, 2024, 12:57 PM IST

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होने से बुरूवा भेंटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए हैं. जंगलों में भीषण आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीव-जन्तुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण कर सकती है. जिससे बुरूवा भेंटी के जंगलों की आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों तक पहुंच सकती है. वहीं नैनीताल के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं.

Rudraprayag
मदमहेश्वर घाटी के जंगलों में लगी आग

रुद्रप्रयाग मदमहेश्वर घाटी के बुरूवा भेंटी के जंगल सोमवार देर रात से भीषण आग की चपेट में आ गये हैं. जंगलों में भीषण आग लगने से वन सम्पदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीवों के जीवन पर संकट के बादल मंड़राने लगे हैं. जनवरी माह में जंगलों में भीषण आग की चपेट में आने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होना माना जा रहा है. क्योंकि जनवरी माह में बर्फबारी से आच्छादित रहने वाला भूभाग बर्फ विहीन होने से जंगलों में लगी आग भीषण रूप धारण कर चुकी है.
पढ़ें-बागेश्वर और पौड़ी में धधक रहे जंगल, बेबस नजर आ रहा वन विभाग, कैसे बुझेगी आग?

बुरूवा भेंटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर यदि समय रहते काबू नहीं पाया गया तो आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों में पहुंच सकती है. जिससे कुखणी, माखुणी जया, विजया, केतकी, अतीश, कुटकी, रातों की रानी सहित दो दर्जन से अधिक प्रजाति की बेस कीमती जड़ी-बूटियों को भारी नुकसान पहुंच सकता है.

Rudraprayag
आग से वन्यजीवों पर मंडराया खतरा

क्या कह रहे वन विभाग के अधिकारी: केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के अनुभाग वीर सिंह बिष्ट ने बताया कि बुरूवा-भेंटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए मंगलवार सुबह ही सात सदस्यीय दल तैनात किया गया था. वन कर्मियों द्वारा अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, मगर एक तरफ चट्टान होने के कारण आग पर काबू पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

नैनीताल कैंची धाम के जंगलों में लगी आग: नैनीताल वन प्रभाग के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं, जिसके चलते कैंची धाम आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ अल्मोड़ा जाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही.आग जंगल की कई क्षेत्रों में फैली हुई है, जहां आसपास धुआं फैल रहा है. काफी क्षेत्रफल में आग लगी हुई है, लेकिन वन विभाग की सुस्त चाल सवाल खड़े कर रही है.

वन संरक्षक दक्षिणी वृत्त टी आर बीजू लाल का कहना है कि जिन क्षेत्रों में आग लगी है, हो सकता है कि वार्निंग फायर का कार्य चल रहा होगा, फिर भी इस मामले को लेकर डीएफओ को निर्देशित कर आग पर काबू करने की कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में ईटीवी भारत संवाददाता ने जब डीएफओ से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होने से बुरूवा भेंटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए हैं. जंगलों में भीषण आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीव-जन्तुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण कर सकती है. जिससे बुरूवा भेंटी के जंगलों की आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों तक पहुंच सकती है. वहीं नैनीताल के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं.

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मदमहेश्वर घाटी के जंगलों में लगी आग

रुद्रप्रयाग मदमहेश्वर घाटी के बुरूवा भेंटी के जंगल सोमवार देर रात से भीषण आग की चपेट में आ गये हैं. जंगलों में भीषण आग लगने से वन सम्पदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीवों के जीवन पर संकट के बादल मंड़राने लगे हैं. जनवरी माह में जंगलों में भीषण आग की चपेट में आने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होना माना जा रहा है. क्योंकि जनवरी माह में बर्फबारी से आच्छादित रहने वाला भूभाग बर्फ विहीन होने से जंगलों में लगी आग भीषण रूप धारण कर चुकी है.
पढ़ें-बागेश्वर और पौड़ी में धधक रहे जंगल, बेबस नजर आ रहा वन विभाग, कैसे बुझेगी आग?

बुरूवा भेंटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर यदि समय रहते काबू नहीं पाया गया तो आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों में पहुंच सकती है. जिससे कुखणी, माखुणी जया, विजया, केतकी, अतीश, कुटकी, रातों की रानी सहित दो दर्जन से अधिक प्रजाति की बेस कीमती जड़ी-बूटियों को भारी नुकसान पहुंच सकता है.

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आग से वन्यजीवों पर मंडराया खतरा

क्या कह रहे वन विभाग के अधिकारी: केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के अनुभाग वीर सिंह बिष्ट ने बताया कि बुरूवा-भेंटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए मंगलवार सुबह ही सात सदस्यीय दल तैनात किया गया था. वन कर्मियों द्वारा अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, मगर एक तरफ चट्टान होने के कारण आग पर काबू पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

नैनीताल कैंची धाम के जंगलों में लगी आग: नैनीताल वन प्रभाग के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं, जिसके चलते कैंची धाम आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ अल्मोड़ा जाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही.आग जंगल की कई क्षेत्रों में फैली हुई है, जहां आसपास धुआं फैल रहा है. काफी क्षेत्रफल में आग लगी हुई है, लेकिन वन विभाग की सुस्त चाल सवाल खड़े कर रही है.

वन संरक्षक दक्षिणी वृत्त टी आर बीजू लाल का कहना है कि जिन क्षेत्रों में आग लगी है, हो सकता है कि वार्निंग फायर का कार्य चल रहा होगा, फिर भी इस मामले को लेकर डीएफओ को निर्देशित कर आग पर काबू करने की कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में ईटीवी भारत संवाददाता ने जब डीएफओ से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

Last Updated : Jan 3, 2024, 12:57 PM IST
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