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SIT की गिरफ्त में रुद्रप्रयाग का फर्जी डिग्रीधारक शिक्षक, FIR दर्ज

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Published : Jul 7, 2022, 7:35 PM IST

रुद्रप्रयाग में एक और फर्जी डिग्रीधारक शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई हुई है. आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाना अगस्त्यमुनि में एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही विभागीय जांच बीईओ अगस्त्यमुनि को सौंपते हुए 15 दिनों में रिर्पोट देने को कहा गया है.

Fake degree holder teacher of Rudraprayag caught by SIT
रुद्रप्रयाग में फर्जी डिग्रीधारक शिक्षक

रुद्रप्रयाग: जिले में एक और फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक एसआईटी जांच टीम की गिरफ्त में आया है. आरोपी शिक्षक को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है, जबकि उसके खिलाफ अगस्त्यमुनि थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है. बता दें अभी तक जिले में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक डिग्रीधारक शिक्षकों पर एसआईटी कार्रवाई कर चुकी है, जबकि कई अब भी शक के दायरे में हैं.

एसआईटी ने बीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने पर रुद्रप्रयाग जिले में तैनात एक एलटी शिक्षक पर कार्रवाई की है. अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने उक्त शिक्षक को सेवा से निलंबित कर दिया है, जबकि निलंबित शिक्षक को बीईओ अगस्त्यमुनि कार्यालय में अटैच कर दिया गया है. मामले में बीईओ अगस्त्यमुनि को जांच सौंप दी गई है. प्रकरण में जांच अधिकारी को 15 दिनों में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, निलंबित शिक्षक को आरोप पत्र अलग से भेजें जाएंगे.

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अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट ने बताया रुद्रप्रयाग जिले के राइंका पठालीधार में तैनात सहायक अध्यापक हिन्दी के शिक्षक गुलाब सिंह ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड 2004 में किया था, जबकि इस मामले में एसआईटी ने सहायक अध्यापक की बीएड की डिग्री जांच के लिए मेरठ विश्वविद्यालय भेजी. विश्वविद्यालय मेरठ के सचिव ने अपनी जांच रिर्पोट में संबंधित अनुक्रमांक और इंनरोलमेंट नंंबर होने की पुष्टि नहीं की. शिक्षा विभाग ने एसआईटी द्वारा दी गई रिपोर्ट में बीएड अंक तालिका और प्रमाण पत्रों पर संदेह होने पर सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया है.

पढ़ें- पुलिस के हत्थे चढ़ा स्मैक तस्कर, विदेशी पर्यटकों को बेचने की फिराक में था माल

आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाना अगस्त्यमुनि में एफआईआर भी दर्ज की गई है. इस पूरे प्रकरण की विभागीय जांच बीईओ अगस्त्यमुनि को सौंपते हुए 15 दिनों में रिर्पोट प्रस्तुत करने को कहा गया है. यदि विभागीय जांच में शिक्षक के विरुद्ध आरोप सही पाए गए तो शिक्षक की सेवा समाप्त की कार्रवाई की जाएगी. इधर, सीईओ यशवंत सिंह चौधरी ने बताया उक्त शिक्षक एसआईटी की जांच में आरोपी पाया गया है. विभागीय जांच के निर्देश हुए हैं. आरोप सही पाए जाने पर सेवा समाप्त की कार्रवाई की जाएगी.

रुद्रप्रयाग: जिले में एक और फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक एसआईटी जांच टीम की गिरफ्त में आया है. आरोपी शिक्षक को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है, जबकि उसके खिलाफ अगस्त्यमुनि थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है. बता दें अभी तक जिले में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक डिग्रीधारक शिक्षकों पर एसआईटी कार्रवाई कर चुकी है, जबकि कई अब भी शक के दायरे में हैं.

एसआईटी ने बीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने पर रुद्रप्रयाग जिले में तैनात एक एलटी शिक्षक पर कार्रवाई की है. अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने उक्त शिक्षक को सेवा से निलंबित कर दिया है, जबकि निलंबित शिक्षक को बीईओ अगस्त्यमुनि कार्यालय में अटैच कर दिया गया है. मामले में बीईओ अगस्त्यमुनि को जांच सौंप दी गई है. प्रकरण में जांच अधिकारी को 15 दिनों में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, निलंबित शिक्षक को आरोप पत्र अलग से भेजें जाएंगे.

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अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट ने बताया रुद्रप्रयाग जिले के राइंका पठालीधार में तैनात सहायक अध्यापक हिन्दी के शिक्षक गुलाब सिंह ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड 2004 में किया था, जबकि इस मामले में एसआईटी ने सहायक अध्यापक की बीएड की डिग्री जांच के लिए मेरठ विश्वविद्यालय भेजी. विश्वविद्यालय मेरठ के सचिव ने अपनी जांच रिर्पोट में संबंधित अनुक्रमांक और इंनरोलमेंट नंंबर होने की पुष्टि नहीं की. शिक्षा विभाग ने एसआईटी द्वारा दी गई रिपोर्ट में बीएड अंक तालिका और प्रमाण पत्रों पर संदेह होने पर सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया है.

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आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाना अगस्त्यमुनि में एफआईआर भी दर्ज की गई है. इस पूरे प्रकरण की विभागीय जांच बीईओ अगस्त्यमुनि को सौंपते हुए 15 दिनों में रिर्पोट प्रस्तुत करने को कहा गया है. यदि विभागीय जांच में शिक्षक के विरुद्ध आरोप सही पाए गए तो शिक्षक की सेवा समाप्त की कार्रवाई की जाएगी. इधर, सीईओ यशवंत सिंह चौधरी ने बताया उक्त शिक्षक एसआईटी की जांच में आरोपी पाया गया है. विभागीय जांच के निर्देश हुए हैं. आरोप सही पाए जाने पर सेवा समाप्त की कार्रवाई की जाएगी.

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