ETV Bharat / state

गौरीकुंड त्रासदी के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती, पलक झपकते ही मंदाकिनी नदी में समा गई 'जिंदगियां'

रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड हादसे के बारे में प्रत्यक्षदर्शी बबलू ने आपबीती सुनाई है. बबलू ने बताया घटना के समय वह पास ही था. घटना के दौरान चीख पुकार मच रखी थी. घटना में उसके भी दो परिजन गायब हैं.

Gaurikund disaster
गौरीकुंड आपदा
author img

By

Published : Aug 5, 2023, 9:58 PM IST

Updated : Aug 5, 2023, 10:11 PM IST

गौरीकुंड त्रासदी के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती.

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड में हुई घटना में आगरा के रहने वाले जवाहर सिंह और बबूल ने बताया कि इस घटना में उनके भी दो परिजन गायब हैं. उनके परिजन सड़क किनारे ही दुकान लगाकर अपना रोजगार करते थे, लेकिन अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है. उन्होंने यह भी कहा कि अब उनका जिंदा मिलना मुश्किल है. हमारी यही मांग है कि उनके परिजनों के शव खोजकर उनको दिए जाएं, जिसके बाद वह आगे की कार्रवाई कर सकें.

3 और 4 जुलाई के बीच हुए गौरीकुंड त्रासदी में अपने पजिनों को खो चुके लोग गौरीकुंड पहुंचने लगे हैं. वह भी अपने परिजनों के खोजबीन में जुटे हैं. गौरीकुंड त्रासदी में उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले दो लोग भी लापता चल रहे हैं. लापता दोनों लोग गौरीकुंड-सोनप्रयाग मोटरमार्ग पर ठेली लगाकर अपना रोजगार करते थे. दुर्घटना में ठेली सहित वह भी लापता हो गए हैं. दोनों लापता लोगों के परिजन जवाहर सिंह और बबलू ने बताया कि जिस समय पहाड़ी से बोल्डर गिरे, उस समय वह भी निकट ही मौजूद थे.
ये भी पढ़ेंः Gaurikund Incident: आखिर कौन है गौरीकुंड हादसे का जिम्मेदार? प्रशासन की बात मानते तो बच जाते!

जवाहर और बबलू ने बताया कि बोल्डर गिरने के समय वह बाहर आए और सामने देखा कि बोल्डर की चपेट में आने से तीन दुकानें पूरी तरह जमींदोज हो गई हैं. दुकानों के अंदर जो लोग रह रहे थे, वह भी पलक झपकते ही मलबे के साथ मंदाकिनी नदी में जा गिरे. घटना के समय चीख पुकार मच गई. उन्होंने अपने भाई के नंबर पर फोन किया. काफी देर तक फोन की घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.

उन्होंने बताया कि हादसा इतना बड़ा था कि दुकानों के अंदर रह रहे लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया. मौके पर कुछ देर रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ, लेकिन कोई नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा कि आपदा में लापता चल रहे उनके परिजनों का जिंदा मिलना मुश्किल है. दोनों युवा हैं और शादीशुदा हैं. घर में छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. हमारी यही फरियाद है कि हमारे परिजनों के शव ढूंढकर हमें दिए जाएं, जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके.
ये भी पढ़ेंः गौरीकुंड हादसे में बढ़ी लापता लोगों की संख्या, आंकड़ा पहुंचा 23, 3 शवों की हुई पहचान

गौरीकुंड त्रासदी के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती.

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड में हुई घटना में आगरा के रहने वाले जवाहर सिंह और बबूल ने बताया कि इस घटना में उनके भी दो परिजन गायब हैं. उनके परिजन सड़क किनारे ही दुकान लगाकर अपना रोजगार करते थे, लेकिन अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है. उन्होंने यह भी कहा कि अब उनका जिंदा मिलना मुश्किल है. हमारी यही मांग है कि उनके परिजनों के शव खोजकर उनको दिए जाएं, जिसके बाद वह आगे की कार्रवाई कर सकें.

3 और 4 जुलाई के बीच हुए गौरीकुंड त्रासदी में अपने पजिनों को खो चुके लोग गौरीकुंड पहुंचने लगे हैं. वह भी अपने परिजनों के खोजबीन में जुटे हैं. गौरीकुंड त्रासदी में उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले दो लोग भी लापता चल रहे हैं. लापता दोनों लोग गौरीकुंड-सोनप्रयाग मोटरमार्ग पर ठेली लगाकर अपना रोजगार करते थे. दुर्घटना में ठेली सहित वह भी लापता हो गए हैं. दोनों लापता लोगों के परिजन जवाहर सिंह और बबलू ने बताया कि जिस समय पहाड़ी से बोल्डर गिरे, उस समय वह भी निकट ही मौजूद थे.
ये भी पढ़ेंः Gaurikund Incident: आखिर कौन है गौरीकुंड हादसे का जिम्मेदार? प्रशासन की बात मानते तो बच जाते!

जवाहर और बबलू ने बताया कि बोल्डर गिरने के समय वह बाहर आए और सामने देखा कि बोल्डर की चपेट में आने से तीन दुकानें पूरी तरह जमींदोज हो गई हैं. दुकानों के अंदर जो लोग रह रहे थे, वह भी पलक झपकते ही मलबे के साथ मंदाकिनी नदी में जा गिरे. घटना के समय चीख पुकार मच गई. उन्होंने अपने भाई के नंबर पर फोन किया. काफी देर तक फोन की घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.

उन्होंने बताया कि हादसा इतना बड़ा था कि दुकानों के अंदर रह रहे लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया. मौके पर कुछ देर रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ, लेकिन कोई नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा कि आपदा में लापता चल रहे उनके परिजनों का जिंदा मिलना मुश्किल है. दोनों युवा हैं और शादीशुदा हैं. घर में छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. हमारी यही फरियाद है कि हमारे परिजनों के शव ढूंढकर हमें दिए जाएं, जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके.
ये भी पढ़ेंः गौरीकुंड हादसे में बढ़ी लापता लोगों की संख्या, आंकड़ा पहुंचा 23, 3 शवों की हुई पहचान

Last Updated : Aug 5, 2023, 10:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.