रुद्रप्रयाग: मानसूनी सीजन की बारिश पहाड़ों पर आफत बनकर बरसती है, जिससे कई लोग आपदा में काल के गाल में समा जाते हैं तो वहीं कई लोग अपना घर और खेत-खलिहान गंवा देते हैं. ऐसी ही कुछ स्थिति जनपद के दूरस्थ क्षेत्र घरड़ा-मखेत में देखने को मिल रही है. कुछ दिनों पूर्व आई आपदा में महिला अपना घर गंवा चुकी है और अब महिला गांव से कुछ दूर अपने तीन बच्चों के साथ टेंट में गुजर बसर कर रही है. महिला का आरोप है कि प्रशासन ने एक टेंट देने के सिवाय उसकी अन्य कोई मदद नहीं की है.
एक सप्ताह पहले जनपद के दूरस्थ क्षेत्र जखोली में विनाशकारी आपदा आई थी. यहां घरड़ा एवं मखेत गांव के ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर सिंचित भूमि आपदा की भेंट चढ़ गई थी. कई आवासीय भवन भी क्षतिग्रस्त हो गये थे. घरड़ा गांव की रामेश्वरी देवी भी इन्ही ग्रामीणों में से एक हैं, जिसका आशियाना भी आपदा की भेंट चढ़ गया है. अब रामेश्वरी देवी ने गांव से दूर टेंट में शरण ले ली है. प्रशासन ने रामेश्वरी देवी को एक मात्र टेंट उपलब्ध कराया है.
रामेश्वरी देवी अपने तीन बच्चों के साथ टेंट में गुजर बसर कर रही हैं. यहां तक कि टेंट में बिजली तक की व्यवस्था नहीं है. रामेश्वरी देवी के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो गई है. रामेश्वरी देवी की बेटी 10वीं में बढ़ती है और बेटा 9वीं में में पढ़ता है. रामेश्वरी देवी ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
वहीं, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि जखोली तहसील के आपदा प्रभावित घरड़ा-मखेत क्षेत्र में आपदा के कार्य किये जा रहे हैं. ग्रामीणों को बिजली व पानी की सुविधा देने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं. जल्द ही प्रभावित परिवारों को जरूरी सुविधाएं प्रदान कर दी जाएंगी.