रुद्रप्रयाग: जिले में साल 2023 वैसे तो कई मायनों में खास रहा, लेकिन गौरीकुंड हादसा, हेली ब्लैक टिकटिंग, जाम सहित केदारनाथ यात्रा में भारी अव्यवस्थाएं भी देखने को मिली. इसके अलावा पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के साथ मारपीट जैसी घटनाएं भी देखने को मिली. इस घटना से जहां देवभूमि शर्मसार हुई, वहीं अवैध शराब के कारोबार में भारी इजाफा देखने को मिला. इसके साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के जवाड़ी बाईपास टनल के भीतर दो लोगों की मौत ने लोगों को सड़कों पर आने को मजबूर कर दिया.
गौरीकुंड में भूस्खलन से दुकानें ध्वस्त: साल का अंत होते-होते वनों की सुरक्षा करने वाला वन विभाग ही चैन की नींद सोया रहा. जिस कारण डीएफओ आवास में बेशकीमती चंदन के पेड़ों पर तस्करों ने चुपके से हाथ साफ कर दिया. डीएफओ के साथ ही चौकीदार को भनक तक नहीं लगी. साल 2023 कई मायनों में रुद्रप्रयाग जनपद के लिए खास भी रहा तो दर्द भरे जख्मों को भी दे गया. केदारनाथ यात्रा के दौरान तीन अगस्त की रात गौरीकुंड में चट्टान टूटने से तीन दुकानें मंदाकिनी नदी में समा गई थी. इस घटना में नेपाली मूल के साथ ही स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी. इस साल जनपद में जहां हादसों ने लोगों के दिल को दहला दिया, वहीं तीर्थयात्रियों के साथ मारपीट की घटना ने देवभूमि को शर्मसार भी किया.
शराब की जमकर हुई बिक्री: अवैध शराब को लेकर पुलिस को सफलता कम ही मिली. पूरे यात्रा मार्ग पर अवैध शराब माफियाओं ने जाल बिछाकर रखा, जिससे केदारनाथ धाम पहुंचे तीर्थयात्रियों के व्यापारियों से शराब मांगने के भी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए. यात्रा के दौरान गुप्तकाशी से लेकर केदारनाथ धाम तक शराब की बिक्री खूब हुई. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस को सफलता हाथ लगी. जहां एक ओर केदारनाथ धाम यात्रा ने नया रिकॉर्ड कायम किया, वहीं यात्रा मार्गों पर बाहरी लोगों का कब्जा रहा. यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिला, जबकि बाहरी देश से लेकर प्रदेश के लोगों का रोजगार खूब मुनाफे में रहा. यहां नेपाली मूल से लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग हर वर्ष हजारों की संख्या में पहुंचकर रोजगार करते हैं.
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चंदन की तस्करी ने वन महकमे में मची खलबली: इस सबके साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के जवाड़ी बाईपास टनल के भीतर दो स्थानीय लोगों की मौत ने लोगों को सड़कों पर आने को मजबूर कर दिया. आक्रोशित स्थानीय लोगों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और परिवारजनों को मुआवजा देने की मांग की. साल के अंतिम महीने की खबर ने तो पूरे जिले की जनता सन्न करके रख दिया. जब लोगों को सूचना लगी कि वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी के आवास से चंदन की तस्करी हो चुकी है और चौकीदार के साथ ही डीएफओ तक को पता नहीं चल पाया. इस घटना ने वन विभाग को सवालों के घेरे में ला दिया.
गौरीकुंड हादसा: तीन अगस्त को केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में आपदा आई थी. गौरीकुंड में पहाड़ी टूटने के कारण तीन दुकानें ध्वस्त हो गई थी. साथ ही इस लापता में 23 लोग लापता हो गए थे. जिनमें से मारे गये कई लोगों के शवों को मंदाकिनी नदी से बरामद किया गया. गौरीकुंड हादसे में कुछ का पता नहीं लग पाया.
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