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Kedarnath Yatra: पैदल चढ़ाई के बाद श्रद्धालु ले रहे मसाज का आनंद

माता वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी इस बार रिफ्लेक्सोलॉजी की सुविधा मिल रही है. श्रद्धालु केदारनाथ धाम की पैदल चढ़ाई चढ़ने के बाद थकान से चूर हो रहे हैं, जिसके बाद वो धाम में मसाज का आनंद ले रहे हैं.

Kedarnath Yatra
पैदल चढ़ाई के बाद श्रद्धालु ले रहे मसाज का आनंद
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Published : May 28, 2022, 11:02 AM IST

रुद्रप्रयाग: माता वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी इस बार रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी) के साथ ही बॉडी मसाज मशीन की सुविधा मिल रही है, जिससे तीर्थ यात्रियों में खुशी देखी जा रही है. श्रद्धालु केदारनाथ धाम की पैदल चढ़ाई चढ़ने के बाद थकान से चूर हो रहे हैं, जिसके बाद वो धाम में मसाज का आनंद ले रहे हैं. इसके अलावा धाम से नीचे आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी सोनप्रयाग में मसाज का लाभ दिया जा रहा है.

बता दें कि, केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा मुख्य पड़ाव गौरीकंड से शुरू होती है. 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचते हैं. हालांकि, तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए घोड़े-खच्चरों के साथ ही डंडी-कंडी की सुविधा भी उपलब्ध है, मगर हजारों की संख्या में ऐसे तीर्थ यात्री भी होते हैं, जो बाबा की यात्रा पैदल ही तय करते हैं. त्रियुगीनारायण से केदारनाथ पैदल ट्रैक के जरिए भी भक्त बाबा के दरबार में पहुंचते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से इस बार वैष्णो देवी पैदल यात्रा की तर्ज पर रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मसाज) के साथ ही बॉडी मसाज मशीन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है.

मिल रहा है रोजगार: इससे पहले धाम में मसाज की कोई सुविधा नहीं थी और ना ही धाम से नीचे आने वाले तीर्थ यात्रियों को मसाज की सुविधा मिल पाती थी. ऐसे में श्रद्धालु थककर चूर हो जाते थे और मसाज के लिए परेशान होते थे. श्रद्धालुओं की परेशानियों को समझते हुए पर्यटन विभाग की ओर से माता वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को मसाज की सुविधा देने के लिए केदारघाटी के युवाओं को फुट थेरेपी का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू के 4 विशेषज्ञों ने 15 दिनों तक स्थानीय युवाओं को पैरों की थेरेपी का निशुल्क प्रशिक्षण दिया. इस विधा में पारंगत हुए युवा इन दिनों केदार यात्रा में सेवाएं दे रहे हैं, जिससे उन्हें रोजगार भी मिल रहा है और श्रद्धालुओं की परेशानियों का समाधान भी हो गया है.

पढ़ें: उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या 11 लाख पार, अब तक 91 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान

पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि केदारनाथ में 2 बॉडी मसाज मशीन लगाई गई हैं. सोनप्रयाग में भी 2 मशीनें लगी हैं. इसके अलावा पैरों की थेरेपी के लिए जगह-जगह युवा श्रद्धालुओं को सेवाएं दे रहे हैं. सोनप्रयाग में बॉडी मसाज मशीन बाजार में लगाई गई है, जबकि केदारनाथ में हाट बाजार के पास लगाई गई है. तीर्थ यात्री यहां पहुंचकर थकान को दूर कर सकते हैं. बताया कि बॉडी मसाज मशीन का तीर्थयात्रियों से 15 मिनट का 250 रुपए और फुट थेरेपी के 100 से 150 रुपए लिए जा रहे हैं.

वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ और सोनप्रयाग में बाॅडी मसाज मशीन लगाई गई हैं. साथ ही पैरों की थेरेपी को लेकर युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. केदारनाथ धाम की चढ़ाई चढ़ने के बाद यात्रियों को धाम में मसाज की सुविधा प्रदान हो रही है, जबकि धाम से लौटने के बाद वे मसाज का आनंद ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि वैष्णों देवी यात्रा के तर्ज पर केदारनाथ यात्रा में भी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसका लाभ तीर्थयात्रियों को मिल रहा है.

क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी: रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की प्राचीन वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जो भारत समेत अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है. इस चिकित्सा पद्धति में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किए अंगूठे, अंगुली व हस्त तकनीक से पैर व हाथ पर दबाव डाला जाता है. पैरों की इस मसाज से तनाव काफी कम हो जाता है और व्यक्ति को शांति व आराम मिलता है.

रुद्रप्रयाग: माता वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी इस बार रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी) के साथ ही बॉडी मसाज मशीन की सुविधा मिल रही है, जिससे तीर्थ यात्रियों में खुशी देखी जा रही है. श्रद्धालु केदारनाथ धाम की पैदल चढ़ाई चढ़ने के बाद थकान से चूर हो रहे हैं, जिसके बाद वो धाम में मसाज का आनंद ले रहे हैं. इसके अलावा धाम से नीचे आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी सोनप्रयाग में मसाज का लाभ दिया जा रहा है.

बता दें कि, केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा मुख्य पड़ाव गौरीकंड से शुरू होती है. 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचते हैं. हालांकि, तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए घोड़े-खच्चरों के साथ ही डंडी-कंडी की सुविधा भी उपलब्ध है, मगर हजारों की संख्या में ऐसे तीर्थ यात्री भी होते हैं, जो बाबा की यात्रा पैदल ही तय करते हैं. त्रियुगीनारायण से केदारनाथ पैदल ट्रैक के जरिए भी भक्त बाबा के दरबार में पहुंचते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से इस बार वैष्णो देवी पैदल यात्रा की तर्ज पर रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मसाज) के साथ ही बॉडी मसाज मशीन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है.

मिल रहा है रोजगार: इससे पहले धाम में मसाज की कोई सुविधा नहीं थी और ना ही धाम से नीचे आने वाले तीर्थ यात्रियों को मसाज की सुविधा मिल पाती थी. ऐसे में श्रद्धालु थककर चूर हो जाते थे और मसाज के लिए परेशान होते थे. श्रद्धालुओं की परेशानियों को समझते हुए पर्यटन विभाग की ओर से माता वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को मसाज की सुविधा देने के लिए केदारघाटी के युवाओं को फुट थेरेपी का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू के 4 विशेषज्ञों ने 15 दिनों तक स्थानीय युवाओं को पैरों की थेरेपी का निशुल्क प्रशिक्षण दिया. इस विधा में पारंगत हुए युवा इन दिनों केदार यात्रा में सेवाएं दे रहे हैं, जिससे उन्हें रोजगार भी मिल रहा है और श्रद्धालुओं की परेशानियों का समाधान भी हो गया है.

पढ़ें: उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या 11 लाख पार, अब तक 91 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान

पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि केदारनाथ में 2 बॉडी मसाज मशीन लगाई गई हैं. सोनप्रयाग में भी 2 मशीनें लगी हैं. इसके अलावा पैरों की थेरेपी के लिए जगह-जगह युवा श्रद्धालुओं को सेवाएं दे रहे हैं. सोनप्रयाग में बॉडी मसाज मशीन बाजार में लगाई गई है, जबकि केदारनाथ में हाट बाजार के पास लगाई गई है. तीर्थ यात्री यहां पहुंचकर थकान को दूर कर सकते हैं. बताया कि बॉडी मसाज मशीन का तीर्थयात्रियों से 15 मिनट का 250 रुपए और फुट थेरेपी के 100 से 150 रुपए लिए जा रहे हैं.

वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ और सोनप्रयाग में बाॅडी मसाज मशीन लगाई गई हैं. साथ ही पैरों की थेरेपी को लेकर युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. केदारनाथ धाम की चढ़ाई चढ़ने के बाद यात्रियों को धाम में मसाज की सुविधा प्रदान हो रही है, जबकि धाम से लौटने के बाद वे मसाज का आनंद ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि वैष्णों देवी यात्रा के तर्ज पर केदारनाथ यात्रा में भी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसका लाभ तीर्थयात्रियों को मिल रहा है.

क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी: रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की प्राचीन वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जो भारत समेत अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है. इस चिकित्सा पद्धति में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किए अंगूठे, अंगुली व हस्त तकनीक से पैर व हाथ पर दबाव डाला जाता है. पैरों की इस मसाज से तनाव काफी कम हो जाता है और व्यक्ति को शांति व आराम मिलता है.

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