रुद्रप्रयाग: तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव (Jagtoli Dashjula Festival) का आगाज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ. महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर स्थानीय विद्यालयों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही, जिसका दर्शकों ने देर सांय तक भरपूर आनन्द उठाया. इसके अलावा कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के बदलते परिवेश पर गहरे व्यंग्य कंसे. तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव के आयोजन से क्षेत्र में रौनक बनी हुई है.
राइका जागतोली के क्रीड़ा मैदान में आयोजित तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत (Rudraprayag Garhwal MP Tirath Singh Rawat) ने कहा कि पौराणिक संस्कृति हमें विरासत में मिली है. इसलिए इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए सामूहिक पहल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संरक्षण के लिए अनूठी पहल शुरू हो रही है. इसलिए आने वाली पीढ़ी को भी इस प्रकार के कार्यक्रमों से सीख लेनी चाहिए. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों के संर्वागीण विकास के लिए दर्जनों योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसका लाभ सभी ग्रामीणों को लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में फैली हर समस्या के निराकरण के लिए सामूहिक पहल की जायेगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी दर्शन सिंह जग्गी ने कहा कि मेलों के आयोजन से ग्रामीणों में भाईचारा बढ़ता है. मेला संरक्षक लखपत सिंह भंडारी ने गढ़वाल सांसद के सामने क्षेत्र के विकास के लिए अनेक मांग रखी. महोत्सव अध्यक्ष अधिवक्ता जयवर्धन कांडपाल ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जनमानस के सहयोग से जागतोली दशज्यूला महोत्सव प्रति वर्ष विशाल रूप से रहा है. महोत्सव का शुभारंभ अवसर पर आंचल भट्ट ने दैणा ह्वैया खोली का गणेश वंदना से किया तथा क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के नौनिहालों ने लोक नृत्य, लोक गीत सहित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. जिसका दर्शकों ने देर शाम तक जमकर लुत्फ उठाया. महोत्सव के पहले दिन कवि कान्त श्री, जसवीर सिंह हलधर, अवनीश मलासी ने अपने कविताओं के माध्यम से समाज के बदलते परिवेश पर गहरे व्यंग्य कंसे.