रुद्रप्रयाग: जिला अस्पताल में एक नवजात शिशु की मौत होने का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि रात के समय बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने के बाद चिकित्सालय प्रबंधन को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. सुबह के समय चिकित्सक और स्टाफ आनन-फानन में बच्चे को ऑक्सीजन देने के लिए ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही से परिजनों में आक्रोश है.
बता दें कि विकासखंड जखोली की पूलन बांगर निवासी राजेश्वरी देवी के पेट में जब दर्द उठा, तो परिजन उसे प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग लेकर आए. महिला ने सोमवार को बच्चे को जन्म दिया. तभी रात के समय बच्चे की तबीयत बिगड़ गई, लेकिन मौके पर तैनात स्टाफ ने कोई रिस्पांस नहीं दिया. सुबह चिकित्सक द्वारा बच्चे को ऑक्सीजन देने के लिए ले जाया गया, लेकिन तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया था. नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया.
पीड़ित महिला के जेठ शूरवीर सिंह कैंतुरा ने बताया कि महिला विभाग में तैनात चिकित्सक एवं स्टाफ की लापरवाही के कारण नवजात शिशु की मृत्यु हुई है. रात के समय स्टाफ से गुजारिश करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन का रवैया मरीजों और तीमारदारों के साथ सही नहीं है. गायनी विभाग के ड्यूटी चार्ट में 19 जुलाई के बाद चिकित्सकों एवं स्टाफ की कोई जानकारी नहीं है. जब इस पर सवाल उठा, तो गायनी विभाग के स्टाफ ने 25 जुलाई का ड्यूटी चार्ट तैयार किया.
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कांग्रेस जिला प्रवक्ता नरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग रेफर सेंटर बना हुआ है. यहां पहुंच रहे मरीजों की कोई देखभाल नहीं की जा रही है. उन्होंने मरीजों से निवेदन किया कि वे जिला हाॅस्पिटल आने की बजाय श्रीनगर या देहरादून जाकर अपना इलाज करवाएं. वहीं मामले में जब अस्पताल प्रबंधन से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
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