रुद्रप्रयाग: हर साल केदारनाथ मंदिर से करोड़ों की आय अर्जित करने वाली मंदिर समिति को दान-दाताओं से पैसा मांगकर कार्य करवाना पड़ता है. साल 2013 की आपदा से अब तक मंदिर समिति ने धाम में कोई भी कार्य नहीं करवाया है. ऐसे में धाम में हो रही अव्यवस्थाओं के कारण केदारनाथ रावल समेत कर्मचारी और अधिकारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसी तरह अब आदित्य बिड़ला ग्रुप ने धाम में निर्माण कार्यों के लिए मंदिर समिति को आठ करोड़ 60 लाख की मदद देने का आश्वासन दिया है. जिसके बाद मंदिर समिति के पदाधिकारियों के चेहरे खिल गए हैं.
साल 2013 की केदारनाथ आपदा के समय बदरी केदार मंदिर समिति की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था. मंदिर समिति की भोग मंडी, रावल आवास, कर्मचारी अधिकारी आवास, मुख्य भवन सबकुछ तबाह हो गया था. आपदा के बाद से अब तक मंदिर समिति की ओर से किसी भी तरह का मरम्मत काम धाम में नहीं करवाया गया. सिर्फ दानी-दाताओं से पैंसा इकट्ठा कर समिति की आय अर्जित करने में मंदिर समिति लगी रही. इस वर्ष यात्रा में अब तक 13 करोड़ की कमाई केदारनाथ मंदिर की हो चुकी है. पिछले साल की अर्जित आय से तुलना करें तो ये आकंड़ा दो करोड़ रुपए से अधिक है.
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हालांकि, केदारनाथ आपदा के बाद मंदिर समिति की आय काफी कम हो गई थी. केदारनाथ मंदिर की आर्थिकी पूरी तरह चरमरा गई थी. यहां तक कि केदारनाथ मंदिर के कर्मचारियों व अधिकारियों को वेतन के भी लाले पड़ गए थे. फिर बदरीनाथ मंदिर की आय से केदारनाथ मंदिर से जुड़े कर्मचारियों को वेतन दिया गया. 2017 से केदारनाथ मंदिर आय में काफी बढ़ोतरी हुई. लगभग 9 करोड़ की आय मंदिर समिति को हुई तो साल 2018 में आय साढ़े ग्यारह करोड़ पहुंची.
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हवाई कंपनियां भी केदारनाथ मंदिर की आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इस साल अब तक हेलीकॉप्टर से वीआईपी दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों के कारण छह करोड़ की कमाई मंदिर समिति को हुई है. अब सोचने वाली बात ये है कि हर साल करोड़ों की आय अर्जित करने वाली मंदिर समति को दान-दाताओं की मदद लेनी पड़ रही है. जबकि, मंदिर समिति के पास करोड़ों की धनराशि मौजूद है. करोड़ों रुपए मंदिर समिति के खाते में होने के बावजूद कोई भी कार्य धाम में नहीं किया गया. ऐसे में अब आदित्य बिड़ला ग्रुप से मदद ली गई है. आदित्य समूह की ओर से मंदिर समिति को करोड़ों की मदद की जा रही है, जिससे धाम में कई कार्य किये जाएंगे.
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बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री के मुताबिक, आपदा के बाद केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों को किया गया, लेकिन केदारनाथ मंदिर का संचालन करने वाली मंदिर समिति का कोई भी कार्य नहीं हुआ. ऐसे में 8 करोड़ 60 लाख की लागत आदित्य बिड़ला ग्रुप को सौंपी गई है. कुछ दिन पहले ही दिल्ली में मंदिर समिति, आदित्य बिड़ला ग्रुप और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की बैठक हुई थी, जिसमें केदारनाथ धाम में कार्य करने को लेकर चर्चा की गई. जल्द ही ये सभी कार्य धाम में शुरू करवा लिए जाएंगे.