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मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान के पुल के एंबेडमेंट का काम शुरू, आपदा में हुआ था ध्वस्त - 60 मीटर पुल निर्माणॉ

मंदाकिनी नदी पर गरूड़चट्टी को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे 60 मीटर स्पान के पुल निर्माण शुरू हो गया है. पुल का निर्माण भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर किया जा रहा है.

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मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर पुल शुरू
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Published : Jul 1, 2020, 10:28 PM IST

रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत मंदाकिनी नदी पर गरूड़चट्टी को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे 60 मीटर स्पान के पुल के एंबेडमेंट को दुग्ध गंगा के बहाव से कोई खतरा नहीं हैं. भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर एंबेडमेंट का निर्माण किया जा रहा है. जबकि दुग्ध गंगा को चैनेलाइज करने के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा शासन को 70 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है.

आपदा में मंदाकिनी नदी के सैलाब से गरूड़चट्टी को जोड़ने वाला लोहे का पुल ध्वस्त हो गया था. साथ ही यहां नदी का स्पान भी बढ़ गया था. साल 2018 से यहां पर 60 मीटर स्पान के पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर की तरफ के एंबेडमेंट का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि इन दिनों दुग्ध गंगा के समीप दूसरे एंबेडमेंट का निर्माण कार्य चल रहा है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है.

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मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर पुल का निर्माण शुरू.

अधिकारियों का कहना है कि भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट और डिजायन से ही एंबेडमेंट बनाया जा रहा है. साथ ही दोनों एंबेडमेंटों के बाहरी तरफ सुरक्षा दीवार पहले से प्रस्तावित है. इसलिए, दुग्ध गंगा से पुल के एंबेडमेंट को कोई खतरा नहीं है. साथ ही आपदा के बाद से अपने मूल स्थान से कुछ दूर बह रही दुग्ध गंगा को भी चैनेलाइज किया जाना है.

बीते छह वर्षों में पहले निम और अब वुड स्टोन के साथ केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य कर रहे मनोज सेमवाल का कहना है कि दुग्ध गंगा से मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल और उसके एंबेडमेंटों को किसी प्रकार का खतरा नहीं है.

पढ़ें- कोरोनिल पर घमासानः बीजेपी बोली-रामदेव कर रहे अच्छा काम, कांग्रेस ने कहा- दर्ज हो मुकदमा

वहीं, डीडीएमए लोनिवि डिवीजन गुप्तकाशी के ईई प्रदीप कर्णवाल ने कहा कि दुग्ध गंगा से मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान के एंबेडमेंट को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. भू-वैज्ञानिकों के सर्वे के आधार पर पुल का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही दुग्ध गंगा का भी चैनेलाइज किया जाना है, जिसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा हुआ है.

रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत मंदाकिनी नदी पर गरूड़चट्टी को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे 60 मीटर स्पान के पुल के एंबेडमेंट को दुग्ध गंगा के बहाव से कोई खतरा नहीं हैं. भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर एंबेडमेंट का निर्माण किया जा रहा है. जबकि दुग्ध गंगा को चैनेलाइज करने के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा शासन को 70 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है.

आपदा में मंदाकिनी नदी के सैलाब से गरूड़चट्टी को जोड़ने वाला लोहे का पुल ध्वस्त हो गया था. साथ ही यहां नदी का स्पान भी बढ़ गया था. साल 2018 से यहां पर 60 मीटर स्पान के पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर की तरफ के एंबेडमेंट का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि इन दिनों दुग्ध गंगा के समीप दूसरे एंबेडमेंट का निर्माण कार्य चल रहा है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है.

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मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर पुल का निर्माण शुरू.

अधिकारियों का कहना है कि भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट और डिजायन से ही एंबेडमेंट बनाया जा रहा है. साथ ही दोनों एंबेडमेंटों के बाहरी तरफ सुरक्षा दीवार पहले से प्रस्तावित है. इसलिए, दुग्ध गंगा से पुल के एंबेडमेंट को कोई खतरा नहीं है. साथ ही आपदा के बाद से अपने मूल स्थान से कुछ दूर बह रही दुग्ध गंगा को भी चैनेलाइज किया जाना है.

बीते छह वर्षों में पहले निम और अब वुड स्टोन के साथ केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य कर रहे मनोज सेमवाल का कहना है कि दुग्ध गंगा से मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल और उसके एंबेडमेंटों को किसी प्रकार का खतरा नहीं है.

पढ़ें- कोरोनिल पर घमासानः बीजेपी बोली-रामदेव कर रहे अच्छा काम, कांग्रेस ने कहा- दर्ज हो मुकदमा

वहीं, डीडीएमए लोनिवि डिवीजन गुप्तकाशी के ईई प्रदीप कर्णवाल ने कहा कि दुग्ध गंगा से मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान के एंबेडमेंट को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. भू-वैज्ञानिकों के सर्वे के आधार पर पुल का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही दुग्ध गंगा का भी चैनेलाइज किया जाना है, जिसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा हुआ है.

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