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ड्यूटी पर तैनात जवान को मिला रुपयों से भरा बैग, पेश की ईमानदारी की मिसाल - चार धाम यात्रा

रविंद्र सीनियर सिटीजन और विकलांगों के लिये श्रवण कुमार है. वो ऐसे लोगों को सड़क पार करवाने के साथ उन्हें उनकी गाड़ियों में बैठने का अलावा अन्य प्रकार से भी उनकी मदद करते है.

उत्तराखंड पुलिस के जवान रविंद्र गिरी
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Published : Jun 18, 2019, 6:57 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाध धाम में दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे है. श्रद्धालु की मदद के लिए उत्तराखंड की 'मित्र पुलिस' सबसे आगे है. आज हम उत्तराखंड पुलिस के एक जवान के बारे में आपको बताते हैं जो गुप्तकाशी में मित्र पुलिस के स्लोगन को चरितार्थ कर रहा है.

पढ़ें- पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों का धरना-प्रदर्शन, सरकार को दी चेतावनी

हम बात कर है उत्तराखंड पुलिस के जवान रविंद्र गिरी की. जिनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ की क्षेत्र की जनता प्रशांसा कर रही है. केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गुप्तकाशी में तैनात रविंद्र गिरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. साथ ही वे तीर्थयात्रियों की समस्या का भी समाधान कर रहे है. रोज करीब 16 से 18 घंटे की ड्यूटी करने के बाद भी उनके चेहरे पर कोई सिकन देखने को नहीं मिलती.

रविंद्र अपनी ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी आगे हैं. यात्रा के दौरान गुप्तकाशी में वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है. ऐसे में बाहर से आने वाले यात्री सड़क किनारे वाहन गलत तरीके से पार्क कर देते हैं, जिस कारण यहां जाम की स्थिति बन जाती है. इन हालत में रविंद्र थोड़ा सख्त लहजे में यात्रियों का वाहन सही से पार्क कराते है, तो वहीं मधुर भाषा में तीर्थयात्रियों के ऑनलाइन पंजीकरण करने के साथ-साथ पास में स्थित पौराणिक मठ मंदिरों की महत्ता और इसके आध्यात्मिक पक्ष के बारे में भी अवगत करा रहे हैं. इसके साथ ही वे देर रात बाहर रह रहे यात्रियों के खाने और रहने की भी उचित व्यवस्था कर रहे हैं.

पढ़ें- Y Shape फ्लाई ओवर पर जरा संभलकर, तकनीकी खामियों के चलते बढ़ी दुर्घटना की आशंका

ईमानदारी की मिसाल
केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए महाराष्ट्र के किसी यात्री का पर्स स्कूटी की गद्दी पर छूट गया. जब काफी देर तक पर्स को खोजने कोई नहीं आया था तब ड्यूटी पर तैनात रविंद्र ने पर्स को अपने पास रख लिया. पर्स में 35 हजार की नगदी, स्मार्ट फोन और अन्य जरुरी कागजात थे. फोन से संपर्क करने के बाद पता चला कि ये जिसका पर्स था वो यात्री बदरीनाथ धाम के लिए निकल गए हैं. ऐसे में रविंद्र ने उनका पर्स उनके पास तक पहुंचाया.

इसके साथ ही रविंद्र सीनियर सिटीजन और विकलांगों के लिये श्रवण कुमार हैं. वो ऐसे लोगों को सड़क पार करवाने के साथ उन्हें उनकी गाड़ियों में बैठने का अलावा अन्य प्रकार से भी उनकी मदद करते है.

सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश उनियाल और बचन सिंह पंवार ने रविंद्र की तरीफ करते हुए कहा कि वो देर रात पर पूरी तन्मयता और ईमानदारी यात्रियों की सेवा करते है. उन्होंने जिला प्रशासन से पुलिस जवान को सम्मानित करने की मांग की है.

रुद्रप्रयाग: केदारनाध धाम में दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे है. श्रद्धालु की मदद के लिए उत्तराखंड की 'मित्र पुलिस' सबसे आगे है. आज हम उत्तराखंड पुलिस के एक जवान के बारे में आपको बताते हैं जो गुप्तकाशी में मित्र पुलिस के स्लोगन को चरितार्थ कर रहा है.

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हम बात कर है उत्तराखंड पुलिस के जवान रविंद्र गिरी की. जिनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ की क्षेत्र की जनता प्रशांसा कर रही है. केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गुप्तकाशी में तैनात रविंद्र गिरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. साथ ही वे तीर्थयात्रियों की समस्या का भी समाधान कर रहे है. रोज करीब 16 से 18 घंटे की ड्यूटी करने के बाद भी उनके चेहरे पर कोई सिकन देखने को नहीं मिलती.

रविंद्र अपनी ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी आगे हैं. यात्रा के दौरान गुप्तकाशी में वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है. ऐसे में बाहर से आने वाले यात्री सड़क किनारे वाहन गलत तरीके से पार्क कर देते हैं, जिस कारण यहां जाम की स्थिति बन जाती है. इन हालत में रविंद्र थोड़ा सख्त लहजे में यात्रियों का वाहन सही से पार्क कराते है, तो वहीं मधुर भाषा में तीर्थयात्रियों के ऑनलाइन पंजीकरण करने के साथ-साथ पास में स्थित पौराणिक मठ मंदिरों की महत्ता और इसके आध्यात्मिक पक्ष के बारे में भी अवगत करा रहे हैं. इसके साथ ही वे देर रात बाहर रह रहे यात्रियों के खाने और रहने की भी उचित व्यवस्था कर रहे हैं.

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ईमानदारी की मिसाल
केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए महाराष्ट्र के किसी यात्री का पर्स स्कूटी की गद्दी पर छूट गया. जब काफी देर तक पर्स को खोजने कोई नहीं आया था तब ड्यूटी पर तैनात रविंद्र ने पर्स को अपने पास रख लिया. पर्स में 35 हजार की नगदी, स्मार्ट फोन और अन्य जरुरी कागजात थे. फोन से संपर्क करने के बाद पता चला कि ये जिसका पर्स था वो यात्री बदरीनाथ धाम के लिए निकल गए हैं. ऐसे में रविंद्र ने उनका पर्स उनके पास तक पहुंचाया.

इसके साथ ही रविंद्र सीनियर सिटीजन और विकलांगों के लिये श्रवण कुमार हैं. वो ऐसे लोगों को सड़क पार करवाने के साथ उन्हें उनकी गाड़ियों में बैठने का अलावा अन्य प्रकार से भी उनकी मदद करते है.

सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश उनियाल और बचन सिंह पंवार ने रविंद्र की तरीफ करते हुए कहा कि वो देर रात पर पूरी तन्मयता और ईमानदारी यात्रियों की सेवा करते है. उन्होंने जिला प्रशासन से पुलिस जवान को सम्मानित करने की मांग की है.


ईमानदारी की मिसाल कायम कर रहा पुलिस जवान गिरी
तीर्थयात्रियों की मदद में सबसे आगे, 16 से 18 घंटे दे रहा ड्यूटी
अब तक कई तीर्थयात्रियों के खोये सामान को ढूंढकर लौटा चुका है पुलिस जवान
क्षेत्र की जनता ने जिलाधिकारी से की सम्मानित करने की मांग
रुद्रप्रयाग।
गुप्तकाशी में तैनात पुलिस जवान रविन्द्र गिरी की ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठता की क्षेत्र की जनता प्रशंसा कर रही है। केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव गुप्तकाशी में तैनात रविन्द्र गिरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। साथ ही वे तीर्थयात्रियों की समस्या का भी निराकरण कर रहे हैं। हर दिन 16 से 18 घंटे तैनाती देने के बाद भी उनके चेहरे पर कोई सिकन नहीं रहती है।
दरअसल, केदार यात्रा के गुप्तकाशी क्षेत्र में तैनात रविन्द्र गिरी अपनी ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी आगे हैं। बढ़ते यात्रा के दबाव में वे आड़े तिरछे लगे वाहनों को कठोर भाषा में तत्काल हटाने के लिए निर्देशित करते हैं, तो वहीं मधुर भाषा में तीर्थयात्रियों को आॅनलाइन पंजीकरण करने के साथ-साथ निकटस्थ स्थित पौराणिक मठ मंदिरों की महत्ता और इसके आध्यात्मिक पक्ष के बारे में भी अवगत करा रहे हैं। इसके साथ ही वे देर रात में बाहर रह रहे यात्रियों को खाने और रहने की भी उचित व्यवस्था कर रहे हैं। केदारनाथ की यात्रा पर आये महाराष्ट्र के किसी यात्री का पर्स स्कूटी की गद्दी पर छूट गया। जब काफी समय तक पर्स की ढूंढखोज करने के लिये कोई नहीं आया तो ड्यूटी पर तैनात रविन्द्र गिरी ने पर्स को अपने पास रख दिया। पर्स में 35 हजार की नगद धनराशि, स्मार्ट फोन और अन्य जरूरी कागजात थे। फोन से सम्पर्क करने के बाद पता चला कि ये तीर्थयात्री बद्रीनाथ की ओर निकल गये हैं। ऐसे में रविन्द्र ने सम्पर्क करके तीर्थयात्री को उसका पर्स लौटा दिया। इसके साथ ही रविन्द्र सीनियर सिटीजन और विकलांगों के लिये भक्त श्रवण कुमार बने हैं। ऐसे अगम्य लोगों के लिये सड़क पार करवाना, वाहन में बिठाने का कार्य भी रविन्द्र गिरी बखूबी कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश उनियाल, बचन सिंह पंवार ने कहा कि पुलिस जवान रविन्द्र गिरी सुबह से देर रात तक पूरी तन्मयता और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। इस जमाने में जब ईमानदारी केवल किताबों तक ही सीमित रह गई है, वहीं ऐसे में आरक्षी रविन्द्र गिरी द्वारा जो कार्य किया जा रहा है, वह तारीफ के काबिल है। उन्होंने जिला प्रशासन से पुलिस जवान को सम्मानित करने की मांग की है।
फोटो: यात्री के खोये पर्स को लौटाता पुलिस जवान रविन्द्र गिरी

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