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केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर की ली जा रही मदद, सामग्री का परिवहन शुरू - Chinook helicopter carrying material for Kedarnath

केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी देने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने वायु सेना की मदद ली है. वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से विभिन्न निर्माण सामग्री का परिवहन का कार्य गौचर हेलीपैड से प्रारंभ कर दिया गया है.

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Published : Nov 1, 2022, 1:55 PM IST

रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट (PM Narendra Modi Dream Project) केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण कार्य ( Kedarnath Reconstruction Work) को समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी देने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने वायु सेना की मदद ली है. वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से विभिन्न निर्माण सामग्री का परिवहन का कार्य गौचर हेलीपैड से प्रारंभ कर दिया गया है.

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारपुरी में चल रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्वक समय पर पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद केदारनाथ में कई निर्माण कार्य (Kedarnath construction work) पूर्ण हो चुके हैं एवं कई कार्य पूर्ण होने जा रहे हैं.
पढ़ें-केदारनाथ गर्भगृह फोटो विवाद: पुरोहित-कांग्रेस नाराज, अजेंद्र अजय बोले- पद से हटाने को दी गई सुपारी

करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में 20 किलोमीटर से अधिक का कठिन ट्रेक कर पहुंचा जाता है. ऐसे में गतिमान निर्माण कार्यों में तेजी से पूर्ण करने के लिए वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से निर्माण सामग्री पहुंचाई जा रही है.

बता दें कि केदारनाथ धाम (Uttarakhand Kedarnath Dham) को लगातार भव्य स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे मंदिर को और सुंदर बनाया जा सके. वहीं कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया. मंदिर के अंदर 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत को नया रूप दिया गया. एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में कार्य पूरा किया गया. महाराष्ट्र के एक दानदाता के सहयोग से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह कार्य किया है.बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (Badrinath Kedarnath Temple Committee) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया था कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों और छत को 3 दिन में 19 कारीगरों द्वारा 550 सोने की परतों से सजाया गया. जिसका आईआईटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की और एएसआई की 6 सदस्यीय टीम ने धाम का निरीक्षण किया.

रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट (PM Narendra Modi Dream Project) केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण कार्य ( Kedarnath Reconstruction Work) को समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी देने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने वायु सेना की मदद ली है. वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से विभिन्न निर्माण सामग्री का परिवहन का कार्य गौचर हेलीपैड से प्रारंभ कर दिया गया है.

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारपुरी में चल रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्वक समय पर पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद केदारनाथ में कई निर्माण कार्य (Kedarnath construction work) पूर्ण हो चुके हैं एवं कई कार्य पूर्ण होने जा रहे हैं.
पढ़ें-केदारनाथ गर्भगृह फोटो विवाद: पुरोहित-कांग्रेस नाराज, अजेंद्र अजय बोले- पद से हटाने को दी गई सुपारी

करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में 20 किलोमीटर से अधिक का कठिन ट्रेक कर पहुंचा जाता है. ऐसे में गतिमान निर्माण कार्यों में तेजी से पूर्ण करने के लिए वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से निर्माण सामग्री पहुंचाई जा रही है.

बता दें कि केदारनाथ धाम (Uttarakhand Kedarnath Dham) को लगातार भव्य स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे मंदिर को और सुंदर बनाया जा सके. वहीं कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया. मंदिर के अंदर 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत को नया रूप दिया गया. एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में कार्य पूरा किया गया. महाराष्ट्र के एक दानदाता के सहयोग से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह कार्य किया है.बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (Badrinath Kedarnath Temple Committee) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया था कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों और छत को 3 दिन में 19 कारीगरों द्वारा 550 सोने की परतों से सजाया गया. जिसका आईआईटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की और एएसआई की 6 सदस्यीय टीम ने धाम का निरीक्षण किया.

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