रुद्रप्रयाग: दिवंगत पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के निधन के बाद से पूरे देश में शोक की लहर है. उनके निधन पर जगह-जगह शोक संवेदनाएं व्यक्त किये जाने के साथ ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. उन्हें खोने के गम से पहाड़ के लोग खासे दुखी हैं. सीडीएस रावत चारधाम यात्रा के दौरान भगवान केदारनाथ के मंदिर में मत्था टेकने जरूर आया करते थे. साथ ही वे यहां आकर पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा भी लेते थे और मजदूरों का हौंसला अफजाई किया करते थे. साथ ही भारी ठंड और बर्फबारी के बीच ड्यूटी दे रह अधिकारी कर्मचारियों से भी बातचीत करते थे और उन्हें सुझाव दिया करते थे.
दरअसल, विगत कई वर्षों से सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर (Six Sigma Healthcare) की ओर से चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की सेवा की जा रही है, जबकि केदारपुरी में आपदा के बाद से पहले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM- Nehru Institute of Mountaineering) और अब वुड कंपनी के साथ ही अन्य संस्थाएं कार्य कर रही हैं. सीडीएस रावत जब भी केदारनाथ धाम पहुंचते थे तो वे पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ ही मजदूरों का हौंसला अफजाई भी किया करते थे.
सीडीएस रावत यहां निर्माण कार्य कर रहे वुड स्टोन के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल से मुलाकात कर कार्यों का जायजा लिया करते थे और उन्हें सुझाव भी देते थे. उनके निधन के बाद से उनसे जुड़े लोग काफी दुखी हैं और भगवान से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना कर रहे हैं. सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रदीप भारद्वाज (Chief Executive Officer Dr. Pradeep Bhardwaj) ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद सीडीएस रावत सिक्स सिग्मा के साथ मिलकर उत्तराखंड के पौड़ी में हाई एल्टीट्यूड माउंटेन मेडिसिन इंस्टीट्यूट (High Altitude Mountain Medicine Institute) बनाना चाहते थे. सीडीएस रावत ने लीक से हटकर पहली बार सिक्स सिग्मा के 350 सिविलियन डॉक्टरों को आर्मी की ट्रेनिंग दी थी.
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देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत का सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के साथ बहुत गहरा रिश्ता था. सिक्स सिग्मा लीडरशिप समिट (Six Sigma Leadership Summit) और एक्सीलेंस अवार्ड 2019 (Excellence Award 2019) में सीडीएस रावत ने नाम, नमक, निशान, वफादारी और इज्जत का मूल मंत्र दिया था.
डॉ. प्रदीप भारद्वाज, दिवंगत पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) को याद करते हुए कहते हैं कि जांबाज जनरल के मार्गदर्शन में सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर ने हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस में नये आयाम स्थापित किए और देश का मान बढ़ाया. उन्होंने ही हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस वॉलंटियर्स (High Altitude Medical Service Volunteers) को सैन्य प्रतिष्ठानों में ट्रेनिंग दिलवाकर पर्वतीय क्षेत्रों में साहस, समर्पण और परिश्रम की नई मिसाल पेश की.
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डॉ. भारद्वाज ने कहा कि पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत लीक से हटकर कार्य करने वाले योद्धा थे. अब वो आवाज हवाओं में गुम हो गयी है. ऐसी आपकी दिव्य आत्मा को ईश्वर शांति दे. सीडीएस रावत ने कहा था कि एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (Asia Book of Records), इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) व गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड (Guinness Book of Records) सभी धन लेकर लोगों की उपलब्धियों को प्रकाशित करने का काम करते हैं. आप आर्म्ड फोर्स बुक ऑफ रिकॉर्ड (Armed Forces Book of Records) पुस्तक बनाएं, जिसमें भारतीय सेना के शूरवीर सैनिकों के अद्म्य साहस और पराक्रम की गाथाओं को बारीकी से पिरोया गया हो. हम भारत-पाक युद्ध (1971) के गोल्डन जुबली समारोह में उसका लोकार्पण करेंगे.