रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के के साथ रुद्रप्रयाग जनपद की आधी से अधिक आबादी को जोड़ने के लिये रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में अलकनंदा नदी के ऊपर बनाया गया मोटरपुल (Rudraprayag Alaknanda River Bridge) जर्जर हालात में है. पुल की जर्जर स्थिति (Dilapidated bridge in Rudraprayag) को देखते हुए अक्टूबर से पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद की गई है. चमोली जिले से आने-जाने वाले भारी वाहन रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार से ही आवाजाही कर रहे हैं. इस कारण रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में कई बार जाम लग रहा है. आम जनता के साथ ही वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गौर हो कि यात्रा सीजन में भी इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद थी. ऐसे में यात्रियों को भी कई किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ा था. केदारघाटी की ओर से रुद्रप्रयाग पहुंचने वाले वाहन भी इन दिनों कई किमी का अतिरिक्त चक्कर काट रहे हैं. दरअसल, केदारनाथ हाईवे पर बेलनी में अलकनंदा नदी पर मोटर पुल स्थित है. मोटर पुल लगभग छह दशक पुराना है और इसकी लंबाई साठ मीटर के आस-पास है. ट्रीटमेंट न होने से पुल जर्जर हालात में पहुंच चुका है. मोटरपुल की हालत इतनी नाजुक हो चुकी है कि एक वाहन के चलते ही कांपने लग जाता है.
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ऐसे में पिछले कई वर्षों से भारी एवं छोटे-बड़े सभी वाहनों के चलने से पुल की स्थिति और भी दयनीय हो गई है. 16-17 जून 2013 की आपदा में भी इस पुल को काफी नुकसान पहुंचा था. विगत अक्टूबर माह के शुरुआती चरण में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण पुल से भारी वाहनों की आवाजाही बंद की गई और पुल के जांच करने के निर्देश दिये गये. पुल के दोनों छोरों पर भारी वाहनों को रोकने के लिये एनएच ने पिलर गाड़ दिये. विगत तीन महीनों से चमोली जिले से आने-जाने वाले सभी भारी वाहन रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार से ही आवाजाही कर रहे हैं. रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में हाईवे संकरा होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हो रही है. केदारनाथ की ओर आने-जाने वाले वाहन बाईपास से होकर गुजर रहे हैं.
इस बीच ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से जो भी बस केदारघाटी के लिये आ रही हैं, एक बार उन्हें सवारी छोड़ने के लिये रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार आना पड़ रहा है और फिर बाईपास से ही वापस जाना पड़ रहा है. ऐसे में बस चालकों को काफी परेशानी हो रही है. यह मोटरपुल रुद्रप्रयाग जनपद की आधी से अधिक आबादी के अलावा विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम (Rudraprayag Kedarnath Dham) को भी जोड़ता है. पुल का ट्रीटमेंट न होने से काफी दिक्कतें हो रही हैं. स्थानीय निवासी चन्द्रमोहन का कहना है कि छह दशक पूर्व पुल का निर्माण हो चुका था, लेकिन पुल का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया. ट्रीटमेंट होने के बजाय पुल पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है.
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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने कहा कि एनएच को पूर्व में ही तत्काल जांच करने के निर्देश दिये गये थे और जांच में जो भी परेशानियां सामने आई हैं, उनको दूर करने के लिये कहा गया है. इस पुल के स्थान पर नये पुल का निर्माण होना है. जब तक नया पुल नहीं बन जाता है, तब तक इसका ट्रीटमेंट करवाकर क्षमता के अनुसार ही वाहनों का संचालन किया जायेगा. रुद्रप्रयाग के भाजपा विधायक भरत सिंह चैधरी (Rudraprayag MLA Bharat Singh Chowdhary) का कहना है कि बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे पर उत्तराखंड की सबसे बड़ी टनल बननी है. इस टनल के बनने से रुद्रप्रयाग में लगने वाले जाम से निजात मिलेगी. यह टनल बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे को आपस में जोड़ेगी.