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BKTC अध्यक्ष ने किया आयुर्वेदिक फार्मेसी विद्यापीठ और केदारनाथ सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आयुर्वेदिक फार्मेसी विद्यापीठ आयुर्वेदिक भेषज कल्पक प्रशिक्षण संस्थान और केदारनाथ सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी नदारद मिले, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की.

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Published : May 29, 2022, 1:24 PM IST

surprise inspection
रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग: बदरी केदार मंदिर समित (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आयुर्वेदिक फार्मेसी विद्यापीठ आयुर्वेदिक भेषज कल्पक प्रशिक्षण संस्थान और केदारनाथ सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी नदारद मिले. साथ ही कई कर्मचारी देर से अपने कार्यस्थल पर पहुंचे, जिस पर मंदिर समिति अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की और कार्यस्थल पर समय से पहुंचने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे कर्मियों को चेतावनी भी दी.

इसके बाद अजेंद्र अजय ने फार्मेसी प्रशिक्षण संस्थान सहित संस्कृत महाविद्यालय में पठन-पाठन कक्षों, महाविद्यालय छात्रावास, पुस्तकालय, फार्मेसी लैब और हर्बल वाटिका का भी अवलोकन किया और कमियों को दूर करने के निर्देश दिए. इस मौके पर अजेंद्र अजय ने कहा कि फार्मेसी विद्यापीठ एक ऐतिहासिक संस्था है. सदियों पहले शिक्षा-प्रशिक्षण के इस केंद्र की स्थापना हुई थी, तब फार्मेसी विद्यापीठ केदारनाथ धाम यात्रा का मुख्य पड़ाव भी था.
पढ़ें- चंवावत उपचुनाव: सूची तक ही सीमित रहे कांग्रेस के स्टार प्रचारक, हल्के में लड़ा जा रहा चुनाव!

बता दें, उत्तराखंड विद्यापीठ की स्थापना साल 1947 में केदारनाथ धाम के रावल 108 नीलकंठ महाराज ने की थी. उस वक्त के विधायक स्वर्गीय गंगाधर मैठाणी इस संस्था के प्रबंधक बनाये गए थे. तब से अब तक यह संस्थान आयुर्वेद एवं संस्कृत शिक्षा की अलख जगा रहा है. मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि शिक्षा के इस ऐतिहासिक संस्था को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद फार्मेसी विद्यापीठ में जड़ी बूटी उत्पादन एवं शोध पर भी प्रयास किया जाना आवश्यक है.

रुद्रप्रयाग: बदरी केदार मंदिर समित (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आयुर्वेदिक फार्मेसी विद्यापीठ आयुर्वेदिक भेषज कल्पक प्रशिक्षण संस्थान और केदारनाथ सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी नदारद मिले. साथ ही कई कर्मचारी देर से अपने कार्यस्थल पर पहुंचे, जिस पर मंदिर समिति अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की और कार्यस्थल पर समय से पहुंचने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे कर्मियों को चेतावनी भी दी.

इसके बाद अजेंद्र अजय ने फार्मेसी प्रशिक्षण संस्थान सहित संस्कृत महाविद्यालय में पठन-पाठन कक्षों, महाविद्यालय छात्रावास, पुस्तकालय, फार्मेसी लैब और हर्बल वाटिका का भी अवलोकन किया और कमियों को दूर करने के निर्देश दिए. इस मौके पर अजेंद्र अजय ने कहा कि फार्मेसी विद्यापीठ एक ऐतिहासिक संस्था है. सदियों पहले शिक्षा-प्रशिक्षण के इस केंद्र की स्थापना हुई थी, तब फार्मेसी विद्यापीठ केदारनाथ धाम यात्रा का मुख्य पड़ाव भी था.
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बता दें, उत्तराखंड विद्यापीठ की स्थापना साल 1947 में केदारनाथ धाम के रावल 108 नीलकंठ महाराज ने की थी. उस वक्त के विधायक स्वर्गीय गंगाधर मैठाणी इस संस्था के प्रबंधक बनाये गए थे. तब से अब तक यह संस्थान आयुर्वेद एवं संस्कृत शिक्षा की अलख जगा रहा है. मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि शिक्षा के इस ऐतिहासिक संस्था को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद फार्मेसी विद्यापीठ में जड़ी बूटी उत्पादन एवं शोध पर भी प्रयास किया जाना आवश्यक है.

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