रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा और केदारघाटी की लाइफ लाइन ऋषिकेश-केदारनाथ हाईवे की मॉनसूनी सीजन में बदहाल स्थिति बन गई है. हाईवे पर जगह जगह पहाड़ी से गिर रहा मलबा और बोल्डर यात्रियों के अलावा केदारघाटी की जनता के लिए परेशानी का कारण बन गया है. हाईवे के कहीं जगहों पर मलबा गिरा है तो कहीं जगहों पर पुश्ते ध्वस्त हो गए हैं. ऐसे में लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर तहसील के पास केदारनाथ हाईवे पर पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं. यहां पर एक ओर पहाड़ी से बोल्डर गिरने का खतरा है, वहीं हल्की सी लापरवाही के कारण नीचे से उफान में बह रही मंदाकिनी नदी में समाने का भी डर है. मॉनसूनी सीजन में केदारनाथ हाईवे पर जगह जगह भूस्खलन होने का सिलसिला जारी है.
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रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से तीन किमी की दूरी पर भटवाड़ी सैन और तहसील के पास हाईवे की ऊपरी पहाड़ी के तकरीबन सौ मीटर क्षेत्र में लगातार बोल्डर गिर रहे हैं. इतना ही नहीं हाईवे पर भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा भी जमा हो रखा है. इस मलबे और बोल्डर के कारण हाईवे बेहद संकरा हो गया है और एक समय में एक ही वाहन आवाजाही कर रहा है. यहां पर पहाड़ी से बोल्डर गिरने तो नीचे से मंदाकिनी नदी में समाने का खतरा है.
बारिश होते ही इस स्थान पर आवाजाही बंद हो रही है, जिस कारण यहां पर यात्रियों के अलावा केदारघाटी की जनता भी फंस रही है. इसके साथ ही अन्य जगहों पर भी हाईवे की स्थिति बद से बदतर बनी है. हाईवे के तिलवाड़ा, बांसवाड़ा, गुप्तकाशी, फाटा और सोनप्रयाग में लगातार गिर रहे मलबे के कारण स्थिति खतरनाक बनी है. यहां पर आवाजाही करना खतरे से खाली नहीं है.
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केदारघाटी की जनता और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री मौत का सफर तय करने को मजबूर है. पहाड़ी से जगह-जगह आए मलबे को साफ नहीं किया गया है. ऐसे में हाईवे पर जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है, जबकि इस मानसून सीजन में कई डेंजर जोन भी उभर आए हैं.