रुद्रप्रयाग/देहरादून: चमोली जिले के आपदा पीड़ित क्षेत्र तपोवन का दौरा करने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने आपदा में त्वरित गति से कार्य किया है. एनडीआरएफ, सेना, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान रेस्क्यू कार्य में जुटे हुए हैं. आपदा पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आपदा मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस की मंशा इस मुद्दे पर राजनीति करने कि नहीं है, लेकिन वहां कुप्रबंध और अव्यवस्थाएं नजर आई हैं.
चमोली से लौटने के बाद रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रेस्क्यू कार्य जारी है. सुरंग को खोलने का कार्य जारी है. सुरंग से मलबा हटने के बाद ही स्थिति स्पस्ट हो पाएगी. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद सरकार ने तुरंत मोर्चा संभाला. केंद्र सरकार की नजर भी इस घटना पर है और केंद्र से आवश्यक निर्देश भी प्राप्त हुए हैं. दो बार मुख्यमंत्री आपदा पीड़ित क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं.
रैणी तपोवन में बहुत ही दुःखद घटना- बंशीधर भगत
बंशीधर भगत ने कहा कि उत्तराखंड के रैणी तपोवन में बहुत ही दुःखद घटना हुई है. हमारी सरकार और पार्टी इस भीषण आपदा में जान गंवा चुके लोगों के प्रति संवेदना प्रकट कर रही है और पूरी ताकत के साथ सरकार प्रभावित क्षेत्र में लोगों की मदद और राहत बचाव में जुटी है.
करीब 175 लोग अब भी लापता- बंशीधर भगत
उन्होंने कहा कि अभी तक 35 शव मिल गए हैं और करीब 175 अब भी लापता हैं. उनकी लगातार तलाश जारी है. कहा कि जितनी बड़ी घटना थी, उसका उतना ही भयंकर रूप हो सकता था. लेकिन, सरकार ने जैसे ही घटना घटी तुरंत एक्शन लिया. आपदा से जुड़े जितने विभाग और प्रशासनिक अफसरों को शीघ्र मौके पर भेजा. त्वरित गति से बचाव कार्य शुरू किया गया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत बचाव के कार्यों के लिए स्वयं कमान संभाली और घटना के 15 मिनट में ही सीधे संज्ञान लिया, जबकि कुछ ही देर में मौके पर भी पहुंच गए. दो रात सीएम तपोवन क्षेत्र में रुके और व्यवस्थाएं देखीं.
वैकल्पिक पुल बनाने का काम जल्दी होगा- बंशीधर भगत
उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द प्रभावित क्षेत्र में कार्य हों, ताकि लोगों की जिंदगी पटरी पर लौट सके. इसके लिए मुख्यमंत्री ने 20 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए हैं. प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. नेवी, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, भाजपा युवा मोर्चा जनता की सेवा में जुटी है, जिन गांवों से सम्पर्क कटा है, वहां के लिए वैकल्पिक पुल बनाने का काम जल्दी होगा. ताकि लोगों को राहत मिले.
घटना को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हवाई सर्वे पहले ही कर दिया है. वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 मिनट अपने संबोधन में आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों की बात रखी. प्रेस वार्ता का संचालन भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल ने किया.
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प्रीतम सिंह ने प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा, गिनाईं अव्यवस्थाएं
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत तमाम नेताओं ने चमोली में देवीय आपदा ग्रस्त क्षेत्र में पहुंचकर पीड़ितों और प्रभावितों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. देहरादून पहुंचने के बाद प्रीतम सिंह ने सरकार की तरफ से प्रभावित क्षेत्र में की जाने वाली व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किये हैं. प्रीतम सिंह ने इस घटना को अत्यंत हृदय विदारक बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है, उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस की मंशा इस मुद्दे पर राजनीति करने कि नहीं है, लेकिन वहां कुप्रबंधन और अव्यवस्थाएं नजर आई हैं.
प्रभावित क्षेत्र में टेंटों, कुर्सी और भोजन की व्यवस्था नहीं- प्रीतम सिंह
प्रीतम सिंह का कहना है कि चमोली के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी के तमाम साथी पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए लोगों की समस्याओं को सुना. लोग वहां अपने रिहैबिलिटेशन की बात कर रहे हैं, लेकिन सरकार की व्यवस्थाएं वहां नदारद नजर आई. वहां लापता लोगों के परिजन जब उनकी खोज में पहुंच रहे हैं तो उनको रिसीव करने तक के लिए कोई नहीं है. उन परिजनों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि आखिर वह किससे संपर्क करें. जहां परिजनों की तलाश या उसके बारे में जानकारी जुटाई जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार को उनके ठहरने के लिए टेंटों, कुर्सी, भोजन इत्यादि की व्यवस्था करनी चाहिए थी लेकिन वहां सब कुछ नदारद था.
ठंड से बचने के लिए अलाव की व्यवस्था नहीं- प्रीतम सिंह
प्रीतम सिंह ने कहा कि जो परिजन वहां पहुंच रहे हैं. उनके लिये ठंडे मौसम में अलाव की व्यवस्था भी सरकार ने जरूरी नहीं समझा. जब उन्होंने व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी से ब्यौरा मांगा, तो डीएम ने परिजनों के ठहरने के लिए 10 किलोमीटर दूर जोशीमठ स्थित गुरुद्वारे का जिक्र किया, जो अपने आप में हत्यास्पद है. आपदा ग्रस्त क्षेत्र में सिर्फ आइटीबीपी, सेना और एसडीआरएफ के जवान बड़ी निष्ठा से अपना कार्य को अंजाम दे रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से जो व्यवस्थाएं वहां होनी चाहिए थी, वो व्यवस्थाएं नदारद हैं. जिसको देखते हुए कांग्रेस जनों ने प्रभावित लोगों के लिए रात को रुकने, भोजन ,पेयजल, चाय इत्यादि की व्यवस्था की है.
प्रीतम सिंह का कहना है कि कांग्रेसजनों की तरफ से की जा रही व्यवस्थाओं का यह मतलब नहीं है कि हम उन परिवारों तक ही सीमित हैं, जो वहां पहुंच रहे हैं. बल्कि वहां तैनात एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी को अगर कोई चीज मुहैया कराने की बात होगी तो कांग्रेसजन उस जरूरत को भी पूरा करने को तैयार हैं. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से आग्रह किया है कि सरकार को आपदा प्रभावितों के लिए व्यवस्थाएं भी करनी चाहिए, लेकिन वहां व्यवस्था ही नजर नहीं आ रही है.