रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विरामजमान हो गई है. अब शीतकाल के 6 महीनों तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना यहीं पर होगी. डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल आगमन पर हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों ने बाबा केदार का भव्य स्वागत किया.
बता दें, 6 नवंबर को सुबह ठीक 8 बजे बाबा केदार के कपाट बंद किये गये थे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने प्रथम रात्रि प्रवास रामपुर और द्वितीय रात्रि प्रवास गुप्तकाशी किया था. आज सुबह बाबा केदार की डोली ने हजारों भक्तों की जयकारों के साथ गुप्तकाशी से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिये प्रस्थान किया.
दोपहर में डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर डोली का भक्तों ने भव्य स्वागत किया. शीतकालीन गद्दीस्थल की परिक्रमा करने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव मूर्ति को ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया गया. अब शीतकाल के 6 माह तक बाबा केदार की यहीं पर पूजा-अर्चना होगी. इसके अलावा देश-विदेश के भक्त यहीं आकर बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं.
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केदारनाथ धाम के पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ में देवता केदार बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं. आज से भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी. जो पूजाएं हिमालय केदारनाथ में होती थी, वहीं पूजाएं अब यहां होंगी.