रुद्रप्रयाग: प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद आम जनता में कोरोना का भय दिखाई नहीं पड़ रहा है. बाजारों में बढ़ती भीड़, लोगों द्वारा मास्क एवं सामाजिक दूरी के नियमों की उपेक्षा करना इसका जीता जागता सबूत है. वहीं, सार्वजनिक वाहनों एवं टैक्सी, मैक्स वाहनों में भी क्षमता से आधी सवारी बैठाने के नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. अगस्त्यमुनि बाजार में इसका खुला उल्लंघन देखने को मिल रहा है. बैंक, एटीएम, सब्जी की दुकानों एवं अन्य दुकानों पर बिना सामाजिक दूरी रखे लोग खरीदारी कर रहे हैं. सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार है.
अगस्त्यमुनि मुख्य बस अड्डे से विजयनगर पुराना देवल तक हर समय जाम से लोग परेशान हैं. यहां वाहन रेंग कर चल रहे हैं. कई बार इस जाम में एंबुलेंस भी फंस रही हैं. जिससे मरीजों की जान को खतरा उत्पन्न हो रहा है. वाहनों की बढ़ती संख्या एवं सड़क किनारे बेतरतीब पार्क किए वाहन कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं. सार्वजनिक वाहन भी क्षमता की आधी सवारी बैठाने के नियमों को धता बता रहे हैं.
खासकर ब्रांच रूटों में वाहनों में सवारी ठूंस ठूंस कर भरी जा रही है. शादी का सीजन होने से दुकानों में भारी भीड़ उमड़ रही है. दो बजे के बाद बाजार बंद करने के सरकार के फरमान के बाद से सुबह के समय अधिक भीड़ हो रही है. इसको देखते हुए व्यापारियों ने शासन-प्रशासन से बाजार शाम पांच बजे तक खोलने की अनुमति मांगी है.
थानाध्यक्ष अगस्त्यमुनि जयपाल सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस लगातार जनता को मास्क पहनने एवं सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए जागरूक कर रही है. इस दौरान जो लोग उल्लंघन कर रहे हैं ऐसे लोगों पर पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जा रहा है.
पढ़ें: देहरादून जिले में यहां मिलेगा ऑक्सीजन, DM ने जारी की लिस्ट
सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कराने के लिए पुलिस मुस्तैद है. वहीं बाजार में सुबह के समय जाम लगने का मुख्य कारण रुद्रप्रयाग तहसील के पास एनएच पर हो रहे कार्य के कारण सुबह नौ बजे एक साथ वाहनों का छूटना है. बाजारों में जाम को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है.
वैक्सीन न लगाए जाने पर ग्राम प्रधानों ने जताई नाराजगी
रुद्रप्रयाग: जिले में कोरोना महामारी के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. ऐसे में ग्राम प्रधानों ने सरकार से मिलने वाली जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि राज्य और केन्द्र ने पिछले वर्ष कोरोनाकाल में ग्राम प्रधानों का पूरा फायदा उठाया. अब जब कोरोना वैक्सीन लगाने की बारी आई तो ग्राम प्रधानों को दरकिनार कर दिया गया. इससे इस बार ग्राम प्रधान ने सरकार से मिलने वालीे जिम्मेदारियों का पालन करने से साफ मना कर दिया है.