रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़ा खच्चर स्वामियों की मनमानी पर डीएम ने नाराजगी जताई है. उन्होंने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों और उनके स्वामियों व हाॅकरों का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश दिए हैं. इसके बावजूद भी घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बिना हाॅकर के घोड़े खच्चरों का संचालन करने पर चालान भी काटा जाएगा. वहीं, केदारनाथ यात्रा की कमान डीएम ने खुद संभाल ली है.
दरअसल, रुद्रप्रयाग डीएम मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों से जाम की स्थिति एवं अव्यवस्था की शिकायतें मिलने पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर नियंत्रण किया जाना जरूरी है. इसके लिए उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को निर्देश दिए हैं कि जो भी घोड़ा खच्चर यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे हैं, उनका और उनके हाॅकरों का रजिस्ट्रेशन किया जाना जरूरी है.
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उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक घोड़ा खच्चर के साथ हाॅकर का होना जरूरी है. यदि किसी घोड़े खच्चर स्वामी की ओर से बिना हाॅकर के उनका संचालन किया जाना पकड़ा जाता है तो उसका तत्काल चालान सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने यात्रा मार्ग में निरंतर साफ-सफाई की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं, ताकि केदारनाथ धाम में दर्शन करने आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी व असुविधा न हो.
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेश कुमार ने बताया कि यदि कोई बिना हाॅकर एवं बिना रजिस्ट्रेशन के घोड़ा खच्चर का संचालन करना पाया जाता है तो उनका चालान कराने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अग्रिम आदेशों तक वर्तमान में घोड़ा खच्चरों का रजिस्ट्रेशन कराना बंद किया गया है. अभी तक 8 हजार 516 घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. जबकि, 2200 डंडी कंडी का रजिस्ट्रेशन के साथ ही पांच सौ घोड़ा खच्चर हाॅकरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है.
डीएम मयूर दीक्षित ने संभाली केदारनाथ यात्रा की कमानः केदारनाथ धाम की यात्रा में तीर्थयात्रियों को कैसे बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएं, इसके लिए खुद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अपने हाथों में कमान संभाल ली है. कई बार केदारनाथ का पैदल निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी अब यात्रा से जुड़े विभागों के कार्यों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं.
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं. एक हफ्ते में ही डेढ़ लाख का आंकड़ा पार हो गया है. शुरुआत में कुछ खामियां जरूर रही हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे व्यवस्थाएं पटरी पर लौट आई हैं. केदारनाथ धाम में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल की किसी प्रकार की कोई किल्लत एवं परेशानी न हो, इसके लिए अधिशासी अभियंता जल संस्थान को यात्रा मार्ग व केदारनाथ धाम में नियमित रूप से पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग समेत केदारनाथ धाम में पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है. सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक कुल 62 नग पिलर टाइप स्टैंड पोस्ट, 7 नग वाटर एटीएम व 7 नग वाटर हीटर स्थापित किए गए हैं, जो वर्तमान में सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं. सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक घोड़े खच्चरों को पीने के पानी के लिए कुल 41 नग पशु चरहियां निर्मित की गई हैं, जो वर्तमान में सुचारू ढंग से कार्य कर रहे हैं.
इसके अलावा गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक कुल 4 नग टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट और रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक कुल 60 नग हैंड पंप स्थापित हैं, जो सुचारू कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों पर तीर्थ यात्रियों को पेयजल की कोई परेशानी न हो, इसके लिए निरंतर विभागीय अधिकारियों की ओर से निरीक्षण किया जा रहा है.