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देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक में तीर्थ पुरोहितों के हकों से नहीं होगा खिलवाड़: राज्य मंत्री ममगाईं

चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक में तीर्थ पुरोहितों के हक और अधिकार यथावत रहने की बात कही है. साथ ही कहा कि विधेयक से तीर्थस्थलों का समुचित विकास होगा.

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आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं
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Published : Jan 4, 2020, 10:51 PM IST

रुद्रप्रयागः प्रदेश में देवास्थानम् प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को लेकर पुरोहितों और हक-हकूकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक में तीर्थ पुरोहितों के हक और अधिकार यथावत रहने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पुरोहितों और हक-हकूकों के साथ किसी भी प्रकार से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. वहीं, साल 2020 में युवा बेरोजगारों के हाथों में रोजगार होने की बात भी कही है.

राज्य मंत्री आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं का कहना है कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर की पूजा व्यवस्थाएं पूर्ववत की तरह रहेंगी. देवस्थानम का मकसद तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है. चारधाम के अलावा अन्य मठ मंदिरों को विकसित करना सरकार का उद्देश्य है. तीर्थयात्रियों को इन मठ मंदिरों के भी दर्शन करवाये जाएंगे. जिससे शीतकाल में भी यात्रा सुचारू रूप से चलती रहे.

शिव प्रसाद ममगाईं ने दी जानकारी.

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उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज के अहम हिस्सा हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मंशा भी साफ है. तीर्थ पुरोहितों के हितों के लिए ही यह प्रबंधन बनाया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में रोजगार को बढ़ावा मिल सके. तीर्थ पुरोहितों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है.

ममगाईं का कहना है कि तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के साथ बैठक की जाएगी. उन्हें इस पूरे विधेयक के बारे में बताया जाएगा. चारधाम में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करना देवस्थानम प्रबंधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य है. इसके लिए तीर्थ पुरोहितों का सहयोग जरूरी है.

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साथ ही कहा कि इस विधेयक के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. शीतकालीन यात्रा और बारामासी यात्रा का खाका भी तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत चारधाम के शीतकालीन गद्दी स्थल समेत त्रियुगीनाराण, गोलू देवता मंदिर, कमलेश्वर समेत अन्य प्रचीन मंदिरों तक देश-विदेश के श्रद्धालुओं को पहुंचाया जाएगा.

वहीं, ममगाईं की मानें तो साल 2020 को राज्य सरकार रोजगार वर्ष के रूप में मनाने जा रही है. इस साल रोजगारों की झड़ी लगाई जाएगी. युवा बेरोजगारों के हाथों रोजगार होगा और पहाड़ से पलायन कम होगा.

रुद्रप्रयागः प्रदेश में देवास्थानम् प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को लेकर पुरोहितों और हक-हकूकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक में तीर्थ पुरोहितों के हक और अधिकार यथावत रहने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पुरोहितों और हक-हकूकों के साथ किसी भी प्रकार से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. वहीं, साल 2020 में युवा बेरोजगारों के हाथों में रोजगार होने की बात भी कही है.

राज्य मंत्री आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं का कहना है कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर की पूजा व्यवस्थाएं पूर्ववत की तरह रहेंगी. देवस्थानम का मकसद तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है. चारधाम के अलावा अन्य मठ मंदिरों को विकसित करना सरकार का उद्देश्य है. तीर्थयात्रियों को इन मठ मंदिरों के भी दर्शन करवाये जाएंगे. जिससे शीतकाल में भी यात्रा सुचारू रूप से चलती रहे.

शिव प्रसाद ममगाईं ने दी जानकारी.

ये भी पढ़ेंः सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने तानी मुट्ठी, मांगों को लेकर किया सीएम आवास कूच

उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज के अहम हिस्सा हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मंशा भी साफ है. तीर्थ पुरोहितों के हितों के लिए ही यह प्रबंधन बनाया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में रोजगार को बढ़ावा मिल सके. तीर्थ पुरोहितों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है.

ममगाईं का कहना है कि तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के साथ बैठक की जाएगी. उन्हें इस पूरे विधेयक के बारे में बताया जाएगा. चारधाम में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करना देवस्थानम प्रबंधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य है. इसके लिए तीर्थ पुरोहितों का सहयोग जरूरी है.

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साथ ही कहा कि इस विधेयक के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. शीतकालीन यात्रा और बारामासी यात्रा का खाका भी तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत चारधाम के शीतकालीन गद्दी स्थल समेत त्रियुगीनाराण, गोलू देवता मंदिर, कमलेश्वर समेत अन्य प्रचीन मंदिरों तक देश-विदेश के श्रद्धालुओं को पहुंचाया जाएगा.

वहीं, ममगाईं की मानें तो साल 2020 को राज्य सरकार रोजगार वर्ष के रूप में मनाने जा रही है. इस साल रोजगारों की झड़ी लगाई जाएगी. युवा बेरोजगारों के हाथों रोजगार होगा और पहाड़ से पलायन कम होगा.

Intro:इस वर्ष लगेगी रोजगार की झड़ियां, युवाओं को मिलेगा रोजगार
पहाड़ से कम होगा पलायन, तीर्थस्थलों का होगा समुचित विकास
चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष की पत्रकार वार्ता
तीर्थ पुरोहितों के हकों से नहीं होगा खिलवाड़: ममगांई
रुद्रप्रयाग। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए देवस्थानम प्रबंधन से तीर्थ पुरोहितों के हक और अधिकार यथावत रहेंगे। पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ किसी भी प्रकार से खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 को राज्य सरकार रोजगार वर्ष के रूप में मनाने जा रही है। इस वर्ष रोजगारों की झड़ी लगाई जायेगी। युवा बेरोजगारों के हाथों रोजगार होगा और पहाड़ से पलायन कम होगा। Body:नगर क्षेत्र स्थित जीएमवीएन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य मंत्री श्री ममगांई ने कहा कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ व केदारनाथ मंदिर की पूजा व्यवस्थाएं पूर्ववत की तरह रहेंगी। कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज यात्रा का अहम हिस्सा हैं। देवस्थानम का मकसद यही है कि तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलें। चारधाम के अलावा अन्य मठ मंदिरों को विकसित करना सरकार का उद्देश्य है। कहा कि तीर्थ यात्रियों को चारधाम के अलावा अन्य मठ मंदिरों के भी दर्शन करवाये जायेंगे, जिससे शीतकाल में भी यात्रा चलती रहेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मंशा साफ है। तीर्थ पुरोहितों के हितों के लिए ही यह प्रबंधन बनाया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में रोजगार को बढ़ावा मिल सके। कहा कि तीर्थ पुरोहितों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। परिषद के उपाध्यक्ष ममगाईं ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के साथ बैठक की जाएगी। उन्हें इस पूरे विधेयक के बारे में बताया जाएगा। कहा कि सरकार की मंशा किसी के अधिकारों और हक-हकूकों को छीनना नहीं है। बल्कि चारधाम में मूलभूत व्यवस्थाओं को जुटाना है और अन्य मठ-मंदिरों तक भी श्रद्धालुओं को पहुंचाना है। साथ ही धामों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर किया जाना है। देवस्थानम प्रबंधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य चारधाम यात्रा को व्यवस्थित और सुविधाओं से युक्त करना है, जिससे श्रद्धालु यहां से अच्छा संदेश लेकर अपने घरों तक पहुंचे। इसके लिए तीर्थ पुरोहितों का सहयोग जरूरी है। कहा कि इस विधेयक के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शीतकालीन यात्रा व बारामासी यात्रा का खाका भी तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत चारधाम के शीतकालीन गद्दी स्थल समेत त्रियुगीनाराण, गोल देवता मंदिर, कमलेश्वर सहित अन्य प्रचीन मंदिरों तक देश-विदेश के श्रद्धालुओं को पहुंचाया जाएगा।
जिससे स्थानीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हो। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 को राज्य सरकार रोजगार वर्ष के रूप में मनाने जा रही है। इस वर्ष रोजगारों की झड़ी लगाई जायेगी। युवा बेरोजगारों के हाथों रोजगार होगा और पहाड़ से पलायन कम होगा।
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