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19 साल बाद आयोजित हुआ नागराजा महायज्ञ, आशीर्वाद लेने उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम - रुद्रप्रयाग हिंदी समाचार

लौंगा गांव में आयोजित 9 दिवसीय नागराजा महायज्ञ का समापन हो गया है. इस यज्ञ में दूर-दराज के श्रद्धालु शामिल हुए.

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भगावान नागराजा के महायज्ञ का समापन
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Published : Feb 7, 2020, 3:52 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले के लस्या पट्टी के लौंगा गांव में पूर्ण आहुति के साथ ही नागराजा महायज्ञ का समापन हो गया है. इस मौके पर नागराजा के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी. वहीं, श्रद्धालुओं ने भगवान नागराजा के दर्शन कर मन्नत मांगी.

आशीर्वाद लेने उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम.

दरअसल लौंगा गांव में 9 दिवसीय नागराजा महायज्ञ आयोजित किया गया था, जिसका समापन हो गया है. बताया जा रहा है कि ये महायज्ञ पूरे 19 साल बाद आयोजित किया गया. इस धार्मिक अनुष्ठान के आठवें दिन ढोल-दमाऊं और देव-डोलियों के साथ भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई. इस कलश यात्रा में दूर-दराज के लोग शामिल होने के लिए लौंगा गांव पहुंचे थे. वहीं, महायज्ञ के 9वें दिन पूर्णाहुति के साथ ही इस अनुष्ठान का समापन हो गया.

ये भी पढ़ें: कोरोना का खौफ: चीन से अल्मोड़ा लौटे तीन लोग, डॉक्टर लगातार कर रहे मॉनिटरिंग

वही, लौंगा गांव के रहने वाले भगवान सिंह रावत ने बताया कि भगवान नागराजा के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं. भगवान नागराजा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते. उन्होंने बताया कि उनकी दया-दृष्टि से क्षेत्र में खुशहाली और सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है.

रुद्रप्रयाग: जिले के लस्या पट्टी के लौंगा गांव में पूर्ण आहुति के साथ ही नागराजा महायज्ञ का समापन हो गया है. इस मौके पर नागराजा के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी. वहीं, श्रद्धालुओं ने भगवान नागराजा के दर्शन कर मन्नत मांगी.

आशीर्वाद लेने उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम.

दरअसल लौंगा गांव में 9 दिवसीय नागराजा महायज्ञ आयोजित किया गया था, जिसका समापन हो गया है. बताया जा रहा है कि ये महायज्ञ पूरे 19 साल बाद आयोजित किया गया. इस धार्मिक अनुष्ठान के आठवें दिन ढोल-दमाऊं और देव-डोलियों के साथ भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई. इस कलश यात्रा में दूर-दराज के लोग शामिल होने के लिए लौंगा गांव पहुंचे थे. वहीं, महायज्ञ के 9वें दिन पूर्णाहुति के साथ ही इस अनुष्ठान का समापन हो गया.

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वही, लौंगा गांव के रहने वाले भगवान सिंह रावत ने बताया कि भगवान नागराजा के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं. भगवान नागराजा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते. उन्होंने बताया कि उनकी दया-दृष्टि से क्षेत्र में खुशहाली और सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है.

Intro:19 वर्ष बाद लौंगा गांव में आयोजित नागराजा महायज्ञ संपंन
भव्य जल कलश यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए भक्त
लौंगा गांव में नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का समापन
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के लस्या पट्टी के लौंगा गांव में पूर्णाहुति के साथ नागराजा महायज्ञ का समापन हो गया है। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने प्राचीन मंदिर में नागराजा भगवान के दर्शन कर मनौतियां मांगी।
Body:लौंगा गांव में 19 वर्ष बाद नौ दिवसीय नागराजा महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान के आठवें दिन ढोल-दमाऊं और देव-डोलियों के साथ भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई। जल कलश यात्रा में शामिल होने और देव डोलियों-निशानों के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से गांव में पहुँचे थे। इस दौरान पश्वा रूप में स्थानीय देवी-देवता भी अवतरित हुए और उन्होंने अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया। महायज्ञ के नौवें दिन पूर्णाहुति के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान का समापन हुआ। श्रद्धालु अरुण चमोली ने बताया कि 19 वर्ष बाद गांव में महायज्ञ का आयोजन किया गया है। नागराजा भगवान हमारे आराध्य देव हैं। बताया कि सेम-मुखेम में नागराजा भगवान का प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि नागराजा भगवान ने लौंगा गांव में एक दिवसीय प्रवास किया था। तब से नागराजा भगवान यहां विराजमान हो गए। नागराजा भगवान को कृष्ण भगवान का भी अवतार माना जाता है।
ग्रामीण भगवान सिंह रावत ने कहा कि नागराजा भगवान के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं। अपने भक्तों को नागराजा भगवान कभी निराश नहीं करते हैं। उनकी दया-दृष्टि से क्षेत्र में खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
बाइट - अरूण चमोली, श्रद्धालु
बाइट - भगवान सिंह, ग्रामीण Conclusion:
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