रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में भ्रष्टाचार का बोलबाला नजर आ रहा है. रुद्रप्रयाग जिले में भी कई 'हाकम सिंह' छिपे हुए हैं, जो सरकारी विभागों में नौकरियां बांटने का खेल खेलकर मोटी कमाई करने में लगे हैं. यहां बैकडोर से एक-दो नहीं, बल्कि 80 अपात्र लोगों को पीआरडी के जरिए नौकरी बांटने का मामला सामने आया आया है. जांच के दौरान पकड़ में आने के बाद अब तक प्रशासन 24 लोगों को हटा चुका है, जबकि बाकी अपात्र कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में घपले को लेकर एक ओर युवा आंदोलित हैं तो वहीं अब विभागों में गलत तरीके से नौकरी देने के भी मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में एक व्यक्ति की ओर से आरटीआई यानी सूचना का अधिकार (Right to Information) के तहत जानकारी मांगने पर इस बात का खुलासा हुआ है. जिसके तहत रुद्रप्रयाग स्थित युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग (Yuva Kalyan and Prantiya Rakshak Dal) में करीब 80 अपात्र लोगों को नौकरी पर लगाया गया है. इसके बाद विभाग विवादों में आ गया. हालांकि, मामला संज्ञान में आते ही रुद्रप्रयाग डीएम मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने इस मामले की जांच के आदेश दिए.
आरटीआई कार्यकर्ता विजय लाल (RTI activist Vijay Lal) ने बताया कि सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में पीआरडी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (PRD Training Certificate) के ही अपात्र लोगों को जमकर नौकरियां बांटी गई है. प्रशिक्षित पीआरडी कर्मचारियों को घर में बैठा दिया गया है. अपात्र लोगों को बड़ी संख्या में डीएम कार्यालय व तहसीलों में विभिन्न पदों पर नौकरी में रखा गया है.
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रुद्रप्रयाग जिले में 270 पात्र तो 80 अपात्र कर्मचारी तैनातः बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में 536 प्रशिक्षित पीआरडी कर्मचारी हैं, जिसमें से 270 पात्र कर्मचारी और करीब 80 अपात्र कर्मचारियों को जिला योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों में लगाया (80 ineligible people get JOB) गया है. पीआरडी में शासन ही नहीं, बल्कि न्यायालय की तरफ से स्पष्ट गाइडलाइन है कि बिना पीआरडी प्रशिक्षण के किसी की भी पीआरडी से नियुक्त नहीं की जा सकती.
क्या बोले अधिकारी? ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पीआरडी से इतनी बड़ी संख्या में नौकरियों को रुद्रप्रयाग में आखिर कौन बांट रहा था? आखिर पर्दे के पीछे क्या खेल चल रहा था? मामले में जिला युवा एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी विनोद जोशी ने बताया कि विभाग में पूर्व में बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के ही कुछ लोगों को नौकरी दी गई. ऐसे 24 लोगों को नौकरी से हटा दिया गया है, जबकि अन्य की जांच की जा रही है.
पूरे मामले में जांच चल रही है, जो लोग भी नियम विरुद्ध लगे हैं, उनको हटाया जा रहा है.-मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग
बरहाल, उत्तराखंड में इस समय हाकम सिंह और भर्ती घोटाले चर्चाओं में हैं. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) समेत अन्य भर्तियों में धांधली की वजह से लाखों बेरोजगार युवा परेशान हैं. युवा सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन हर विभाग में धांधलियां सामने आ रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं रुद्रप्रयाग में नौकरियों की बंदरबांट में कोई न कोई हाकम सिंह जरूर पर्दे के पीछे छिपे हैं, जिन्हें खोज निकालना बेहद जरूरी है.