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केदारनाथ यात्रा: कम ऑक्सीजन की वजह से 11 दिन में 8 श्रद्धालुओं की मौत

केदारनाथ धाम में 8 तीर्थयात्रियों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की भी पोल खोल दी है.

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Published : May 20, 2019, 11:25 AM IST

Kedarnath yatra

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में हर साल की तरह इस बार भी भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे है. सबसे ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ और केदरानाथ धाम जा रहे है. केदारनाथ धाम में अभीतक करीब 94 हजार 779 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए है. हालांकि इनमें से 8 तीर्थयात्री अपनी जान भी गंवा चुके है. जिसका मुख्य कारण ऑक्सीजन की कमी से ह्रदय गति का रुकना बताया जा रहा है.

पढ़ें- गजबः दून की सड़कों पर दौड़ रहे 'जुगाड़' और परिवहन विभाग को पता ही नहीं

केदारनाथ धाम में 8 तीर्थयात्रियों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी है. क्योंकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया था कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर हर 2 किमी में डॉक्टरों की एक टीम रखी जाएगी, ताकि यदि रास्ते में किसी भी तीर्थयात्री तबीयत बिगड़ जाए तो उसे तत्काल स्वास्थ्य सुविधा दी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यही कारण है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते केदारनाथ धाम जाने वाले 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इन सब तीर्थयात्रियों की उम्र 50 से ऊपर थी.

देर से शुरू हुई हेली सेवा
केदारनाथ धाम के लिए इस बार हैली सेवा भी देर से शुरू हुई थी. ऐसे में बुजुर्ग यात्रियों को पैदल मार्ग से ही धाम जाना पड़ रहा है. जिस कारण उनकी तबीयत खराब हो जाती है और समय पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उनकी मौत हो जाती है. हालांकि पिछले साल यात्रा कपाट खुलने के दो दिन बाद ही केदारनाध धाम के लिए हेली सेवा शुरू हो गई थी.

पढ़ें- भगवान बदरीविशाल के दर्शन के बाद PM मोदी ने तीर्थ बही में किये हस्ताक्षर

पिछले साल के मुकाबले आंकड़ा कम
9 मई से लेकर अभीतक कुल 94 हजार 779 भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए है, बीते साल के मुलाबले ये आंकड़ा काफी कम है. क्योंकि 2018 में ये आंकड़ा 2 लाख को पार हो चुका है. माना यह भी जा रहा है कि देशभर में हो रहे लोकसभा चुनाव के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई है, जबकि स्कूलों में छुट्टियां भी नहीं पड़ी हैं. जिस कारण इस बार अभीतक कम ही तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर आए है.

रविवार को 14 हजार तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन
इस बार की यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री रविवार को धाम पहुंचे, जिसमें एक दिन में 14 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किये हैं. रविवार की सुबह पीएम मोदी केदारनाथ धाम से बदरीनाथ के लिए निकल गए थे. इससे पहले उन्होंने केदारनाथ में एक दिन व्यतीत किया था.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में हर साल की तरह इस बार भी भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे है. सबसे ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ और केदरानाथ धाम जा रहे है. केदारनाथ धाम में अभीतक करीब 94 हजार 779 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए है. हालांकि इनमें से 8 तीर्थयात्री अपनी जान भी गंवा चुके है. जिसका मुख्य कारण ऑक्सीजन की कमी से ह्रदय गति का रुकना बताया जा रहा है.

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केदारनाथ धाम में 8 तीर्थयात्रियों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी है. क्योंकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया था कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर हर 2 किमी में डॉक्टरों की एक टीम रखी जाएगी, ताकि यदि रास्ते में किसी भी तीर्थयात्री तबीयत बिगड़ जाए तो उसे तत्काल स्वास्थ्य सुविधा दी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यही कारण है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते केदारनाथ धाम जाने वाले 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इन सब तीर्थयात्रियों की उम्र 50 से ऊपर थी.

देर से शुरू हुई हेली सेवा
केदारनाथ धाम के लिए इस बार हैली सेवा भी देर से शुरू हुई थी. ऐसे में बुजुर्ग यात्रियों को पैदल मार्ग से ही धाम जाना पड़ रहा है. जिस कारण उनकी तबीयत खराब हो जाती है और समय पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उनकी मौत हो जाती है. हालांकि पिछले साल यात्रा कपाट खुलने के दो दिन बाद ही केदारनाध धाम के लिए हेली सेवा शुरू हो गई थी.

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पिछले साल के मुकाबले आंकड़ा कम
9 मई से लेकर अभीतक कुल 94 हजार 779 भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए है, बीते साल के मुलाबले ये आंकड़ा काफी कम है. क्योंकि 2018 में ये आंकड़ा 2 लाख को पार हो चुका है. माना यह भी जा रहा है कि देशभर में हो रहे लोकसभा चुनाव के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई है, जबकि स्कूलों में छुट्टियां भी नहीं पड़ी हैं. जिस कारण इस बार अभीतक कम ही तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर आए है.

रविवार को 14 हजार तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन
इस बार की यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री रविवार को धाम पहुंचे, जिसमें एक दिन में 14 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किये हैं. रविवार की सुबह पीएम मोदी केदारनाथ धाम से बदरीनाथ के लिए निकल गए थे. इससे पहले उन्होंने केदारनाथ में एक दिन व्यतीत किया था.

केदार यात्रा में अब तक हो चुकी है आठ तीर्थयात्रियों की मौत
आॅक्सीजन की कमी के कारण तीर्थयात्रियों को हो रही परेशानी
अब तक 94 हजार 779 श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा केदार के दर्शन
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - यात्री मौत
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/20 मई 2019/रुद्रप्रयाग/एवी
एंकर - केदारनाथ यात्रा में आये तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य सेवाएं समय से उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिस कारण उनकी तबियत बिगड़ने पर सीधे मौत हो रही है। अब तक केदार यात्रा में आये तीर्थयात्रियों में आठ लोगों की आॅक्सीजन की कमी और तबियत खराब होने पर मौत हो चुकी है। इससे प्रशासन की यात्रा व्यवस्थाओं के दावों की हकीकत सामने आ रही है। स्वास्थ्य महकमा भी इस बार तीर्थयात्रियों को कोई खास राहत नहीं दे पा रहा है।
नौ मई को भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गये और अब तक 94 हजार 779 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इस बार शुरूआत में कम संख्या में ही तीर्थयात्री बाबा के दरबार में पहुंचे हैं, जबकि पिछले वर्ष अब तक आंकड़ा दो लाख के पार हो चुका था। माना यह भी जा रहा है कि देशभर में हो रहे लोकसभा चुनाव के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई है, जबकि स्कूलों में छुट्टियां भी नहीं पड़ी हैं। जिस कारण कम संख्या में ही यात्री पहुंच रहे हैं। इस बार की यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री रविवार को धाम पहुंचे, जिसमें एक दिन में 14 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किये हैं। रविवार की सुबह पीएम मोदी केदारनाथ धाम से बद्रीनाथ के लिए निकले थे। इससे पहले उन्होंने केदारनाथ में एक दिन व्यतीत किया था। देखा जाय तो इस बार यात्रियों की संख्या में कमी देखने को मिली है, मगर यात्रा पर आये तीर्थयात्रियों में अब तक आठ यात्रियों की आॅक्सीजन की कमी के कारण मौत हो चुकी है। इन सब तीर्थयात्रियों की उम्र 50 से ऊपर थी, जिससे उन्हें चलने में काफी दिक्कतें हुई और उन्हें समय से भी ईलाज नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई। तीर्थयात्रियों की मौत एक और कारण भी माना जा रहा है कि केदारनाथ के लिए समय से हेली सेवाएं भी शुरू नहीं हो पाई। पिछले वर्ष यात्रा से एक-दो दिन पहले ही हेली सेवाएं केदारघाटी में आती थी, लेकिन इस बार एक सप्ताह बाद हेली सेवाएं यहां आई हैं और पांच हेली सेवाओं को ही अभी तक अनुमति मिल पाई हैं। बाकी की सेवाएं अनुमति मिलने का इंतजार कर रही हैं। हेली सेवाओं के बाहर तीर्थयात्री टिकट के लिए खड़े हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वे पैदल यात्रा करने को मजबूर हैं। सबसे अधिक दिक्कतें बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को हो रही है, जो घोड़े-खच्चर से जाने में भी असमर्थ हैं। प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य केन्द्र तो यात्रा मार्ग पर खोले गये हैं, लेकिन उनका सही समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में प्रशासन की यात्रा को लेकर हकीकत सामने आ रही है। 
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