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खतरे के साए में अगस्त्यमुनि के 30 परिवार, पहाड़ी पर अटके हैं विशालकाय बोल्डर

नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के मरघट वार्ड में हो रहे भूस्खलन से 30 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. सुरक्षा के इंतजाम न किये जाने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

रुद्रप्रयाग
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Published : Feb 6, 2021, 6:37 PM IST

रुद्रप्रयाग: नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के मरघट वार्ड में हो रहे भूस्खलन से 30 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. सुरक्षा के इंतजाम न किये जाने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. सुरक्षा दीवार की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार जिलाधिकारी से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पिछले वर्ष 26-27 अगस्त को भारी बारिश के कारण अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के मरघट नामक तोक में भूस्खलन हो गया था, तब से यहां पर रह रहे 30 परिवारों को खतरा बना हुआ है. यहां लैंड स्लाइड जोन में भारी-भरकम बोल्डर अटके हुए हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. ये हाल तब हैं जब पूर्व में राजस्व विभाग और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम भी मौका मुआयना कर चुकी है.

पढ़ें:विजयपाल राणा को वायुसेना में प्रशासन प्रमुख बनाए जाने से गृह जनपद टिहरी में खुशी की लहर

वर्तमान स्थिति ये है कि बारिश के समय लोग भय के साये में जीने को मजबूर हो जाते हैं और अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की शरण ले लेते हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन को समय रहते भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट करना चाहिए. यदि भविष्य में कुछ हादसा होता है तो जिला प्रशासन दोषी माना जायेगा.

स्थानीय निवासी सुरेश कुमार आगरी, पूर्व सैनिक कुंवर, डीएल मनवाल, नंद लाल, जगदीश प्रसाद, सुलोचना देवी, जसदेई देवी का कहना है कि भूस्खलन के कारण कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है. बारिश होने पर वो लोग घर छोड़ने के लिए विवश हो जाते हैं लेकिन जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है.

उधर, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता का कहना है कि दैवीय आपदा में प्रशासन को एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. पैसा मिलते ही काम शुरू किया जाएगा.

रुद्रप्रयाग: नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के मरघट वार्ड में हो रहे भूस्खलन से 30 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. सुरक्षा के इंतजाम न किये जाने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. सुरक्षा दीवार की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार जिलाधिकारी से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पिछले वर्ष 26-27 अगस्त को भारी बारिश के कारण अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के मरघट नामक तोक में भूस्खलन हो गया था, तब से यहां पर रह रहे 30 परिवारों को खतरा बना हुआ है. यहां लैंड स्लाइड जोन में भारी-भरकम बोल्डर अटके हुए हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. ये हाल तब हैं जब पूर्व में राजस्व विभाग और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम भी मौका मुआयना कर चुकी है.

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वर्तमान स्थिति ये है कि बारिश के समय लोग भय के साये में जीने को मजबूर हो जाते हैं और अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की शरण ले लेते हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन को समय रहते भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट करना चाहिए. यदि भविष्य में कुछ हादसा होता है तो जिला प्रशासन दोषी माना जायेगा.

स्थानीय निवासी सुरेश कुमार आगरी, पूर्व सैनिक कुंवर, डीएल मनवाल, नंद लाल, जगदीश प्रसाद, सुलोचना देवी, जसदेई देवी का कहना है कि भूस्खलन के कारण कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है. बारिश होने पर वो लोग घर छोड़ने के लिए विवश हो जाते हैं लेकिन जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है.

उधर, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता का कहना है कि दैवीय आपदा में प्रशासन को एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. पैसा मिलते ही काम शुरू किया जाएगा.

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