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रुद्रप्रयाग: मृदा और जल संरक्षण के लिए तैयार किए गए 293 चेकडैम - Rudraprayag Wildlife Division

अगस्त्यमुनि रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों ने तुंगनाथ वीट के जंगलों में 293 चेकडैमों को बनाया है. एक चेकडैम से कुछ ही दूरी पर दूसरे चेकडैम का निर्माण किया जा रहा है.

check dams being prepared in rudraprayag
बनाए गए चेकडैम.
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Published : Dec 26, 2020, 12:24 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 2:54 PM IST

रुद्रप्रयाग: मृदा और जल संरक्षण के क्षेत्र में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग जंगलों में चेकडैम बनाकर सराहनीय कार्य कर रहा है. मृदा और जल संरक्षण के लिए विभाग ने जगह-जगह गदेरों में 293 चेकडैम बनाए हैं. इन चेकडैमों के बनने से बरसाती सीजन में जहां पानी के साथ मिट्टी नहीं बहेगी, वहीं पानी का संरक्षण भी होता रहेगा.

मृदा और जल संरक्षण के लिए तैयार किए गए 293 चेकडैम.

जंगली घास आदि के जरिए इन चेकडैमों को निर्मित किया गया है. अक्सर देखा जाता है कि बारिश होने के समय जंगलों में पानी के साथ मिट्टी भी बहकर आती है. मिट्टी बहने से पेड़-पौधों की जड़े भी खाली हो जाती हैं. साथ ही भूस्खलन होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है और भूमि के अंदर पानी की मात्रा भी कम हो जाती है. जमीन के अंदर पानी कम होने के कारण प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं.

यह भी पढ़ें-12 साल बाद दौड़ी कोटद्वार-रथवढ़ाब-मैदावन-कांडा-ढिकाला मोटर मार्ग पर बसें, वन मंत्री ने किया शुभारंभ

अगस्त्यमुनि रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों ने तुंगनाथ वीट के जंगलों में 293 चेकडैमों को बनाया है. एक चेकडैम से कुछ ही दूरी पर दूसरे चेकडैम का निर्माण किया जा रहा है. इन चेकडैमों के बनने से पानी के साथ मिट्टी नहीं बहेगी, यदि बहती भी है तो चैकडेमों से मिट्टी रुक जाएगी.

रुद्रप्रयाग: मृदा और जल संरक्षण के क्षेत्र में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग जंगलों में चेकडैम बनाकर सराहनीय कार्य कर रहा है. मृदा और जल संरक्षण के लिए विभाग ने जगह-जगह गदेरों में 293 चेकडैम बनाए हैं. इन चेकडैमों के बनने से बरसाती सीजन में जहां पानी के साथ मिट्टी नहीं बहेगी, वहीं पानी का संरक्षण भी होता रहेगा.

मृदा और जल संरक्षण के लिए तैयार किए गए 293 चेकडैम.

जंगली घास आदि के जरिए इन चेकडैमों को निर्मित किया गया है. अक्सर देखा जाता है कि बारिश होने के समय जंगलों में पानी के साथ मिट्टी भी बहकर आती है. मिट्टी बहने से पेड़-पौधों की जड़े भी खाली हो जाती हैं. साथ ही भूस्खलन होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है और भूमि के अंदर पानी की मात्रा भी कम हो जाती है. जमीन के अंदर पानी कम होने के कारण प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं.

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अगस्त्यमुनि रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों ने तुंगनाथ वीट के जंगलों में 293 चेकडैमों को बनाया है. एक चेकडैम से कुछ ही दूरी पर दूसरे चेकडैम का निर्माण किया जा रहा है. इन चेकडैमों के बनने से पानी के साथ मिट्टी नहीं बहेगी, यदि बहती भी है तो चैकडेमों से मिट्टी रुक जाएगी.

Last Updated : Dec 26, 2020, 2:54 PM IST
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