रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी ने लोगों से रोजगार छीन लिया है. दूसरे प्रदेशों से वापस रुद्रप्रयाग आए हजारों प्रवासी रोजगार की तलाश में जुटे हुए हैं. ऐसे में कुछ प्रवासी कोरोना महामारी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं और अपने रोजगार पर वापस लौटना चाहता है. लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें यहीं रूकने की सलाह दी जा रही है. इसके साथ ही जिला प्रशासन प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के प्रयास कर रहा है.
देश-दुनिया में फैली कोरोना महामारी ने लोगों को बेरोजगार कर दिया है. दूसरे प्रदेशों से 25 हजार से अधिक प्रवासी रुद्रप्रयाग स्थित अपने घरों को लौट चुके हैं. लेकिन इन प्रवासियों को रोजगार की चिंता सता रही है. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की स्कीम सुनने के बाद प्रवासी विभागों के चक्कर लगा रहे हैं और रोजगार से जोड़ने की मांग कर रहे हैं. इन सबके बीच कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो कोरोना महामारी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं और अपने रोजगार पर जाना चाहते हैं. ऐसे लोगों को जिला प्रशासन समझा रहा है और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहा है.
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बेरोजगार हुए युवा कृषि, पशुपालन और डेयरी में काफी रूचि दिखा रहे है. सब्जी का उत्पादन करना युवाओं को पसंद आ रहा है. साथ ही पशुपालन के जरिये भी आमदनी कमाना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है.
कृषि विभाग की ओर से प्रवासी युवाओं को अपने बंजर खेतों को फिर से हरा-भरा करने की सलाह दी जा रही है, ताकि युवा अपने खेतों में साग-सब्जी का उत्पादन कर आजीविका चला सकें. इसके साथ ही अगर जिले में ही सब्जी का उत्पादन किया जाता है तो लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही ग्राहकों को ताजी सब्जियां भी उपलब्ध हो पाएंगी.
डेयरी विभाग की सहायक प्रबंधक विजया नेगी ने बताया कि जिले में दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी रोजगार की तलाश में विभागों का चक्कर लगा रहे हैं. प्रवासी विभागों से जानकारी लेकर स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं. ऐसे में उनकी पूरी मदद की जा रही है. उन्हें सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और गांव में ही रहकर अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
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मुख्य विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते हजारों की संख्या में प्रवासी जिले में आये हैं. ऐसे में इन्हें रोजगार से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. कुछ युवा कोरोना महामारी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं और दूसरे राज्यों में नौकरी करना चाहते हैं. ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की जानकारी देते हुए स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.