पिथौरागढ़: आम तौर पर सोशल मीडिया जानकारी प्राप्त करने का प्रमुख माध्यम होता है, लेकिन जब जानकारी गलत हो तो उससे क्या स्थिति बन सकती है इसकी बानगी पिथौरागढ़ शहर में मंगलवार की देर शाम देखी गई. इसकी वजह से न केवल प्रशासन की थोड़ी देर के लिए परेशानी बढ़ गई, बल्कि हजारों युवा भी इधर-उधर भागते रहे.
दरअसल सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को जानकारी मिली कि पिथौरागढ़ में सेना भर्ती है, बाद में यह सूचना झूठी साबित हुई. सेना भर्ती की झूठी सूचना पर देशभर से बड़ी संख्या में युवा पिथौरागढ़ पहुंच गए.
यूपी, ओडिशा, बिहार, झारखंड से सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर पिथौरागढ़ पहुंचे युवाओं को निराशा हाथ लगी. यहां पहुंचने पर जब युवाओं को पता चला कि सेना में कोई भर्ती नहीं है, तो युवाओं के पांव तले जमीन खिसक गई.
दरअसल किसी ने एक साल पुराने समाचार की कटिंग फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से इन युवाओं को भेज दी थी. पिथौरागढ़ में साल 2018 के नवंबर माह में सेना भर्ती हुई थी. इसमें अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग तिथियां घोषित थीं.
पिछले साल 26 नवंबर को उत्तराखंड के युवाओं की भर्ती हुई थी. 27 नवंबर को यूपी, जबकि 28 नवंबर को बिहार, झारखंड और उड़ीसा के युवाओं की भर्ती हुई थी.
पिथौरागढ़ पहुंचे युवाओं ने बताया कि फेसबुक और व्हाट्सएप पर समाचार पत्र की कटिंग से उन्हें पिथौरागढ़ में भर्ती होने की जानकारी मिली थी. इसमें 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के युवाओं की भर्ती होने की बात लिखी गई थी.
यह भी पढ़ेंः NIOS परीक्षा में फर्जीवाड़े को लेकर कांग्रेसियों में आक्रोश, जांच की मांग
झूठी सूचना का शिकार हुए कई युवक 25 नवंबर को ही यहां पहुंच गए थे. वहीं पुलिस प्रशासन ने बसों की व्यवस्था कर अधिकांश युवाओं को टनकपुर और हल्द्वानी भेज दिया. साथ ही भर्ती के लिए पिथौरागढ़ आ रहे युवाओं को टनकपुर और हल्द्वानी से ही वापस भेजने की व्यवस्था कर दी है. वहीं जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने अधिकारियों को इन युवाओं के ठहरने और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.