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सुरिंगगाड़ पर बनी लकड़ी की पुलिया बही, जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग

पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील के सुरिंगगाड़ में गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाली लकड़ी की अस्थायी पुलिया बह गई है. ऐसे में लोग उफनती नदी पर लोहे की सीढ़ी के जरिए आवाजाही करने को मजबूर हैं.

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पुलिया बही
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Published : Jul 4, 2020, 7:57 PM IST

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील में बारिश कहर बरपाने लगा है. जिसके चलते सुरिंगगाड़ में एक लकड़ी की पुलिया बह गई है. जिसके बाद ग्रामीण अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर उफनती नदी को पार कर रहे हैं. पुलिया के टूटने से 6 गांवों की करीब 2 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिया टूटने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कोई भी पहल नहीं की जा रही है.

जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग.

पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरिंगगाड़ में गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाली लकड़ी की अस्थायी पुलिया बह गई है. जिस कारण गोरीपार क्षेत्र के आधा दर्जन गांव अलग-थलग पड़ गए हैं. लोग जान जोखिम में डालकर लोहे की सीढ़ी के जरिए उफनती नदी को पार कर रहे हैं. जो किसी भी वक्त बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है. इस पुल के जरिए ढ़ीलम, कुलथम, फल्याटी, लैंगा, उग्राली, धुरातोली गांव के करीब 500 से ज्यादा परिवार आवाजाही करते हैं.

ये भी पढ़ेंः मौसम विभाग की चेतावनी के बाद अलर्ट पर SDRF, बढ़ाया गया टीमों का दायरा

गौर हो कि सुरिंगगाड़ से गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल साल 2018 की आपदा में बह गया था. इसके बाद लोगों ने आवागमन के लिए लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई थी, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से ये पुलिया भी बह गई है. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है.

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील में बारिश कहर बरपाने लगा है. जिसके चलते सुरिंगगाड़ में एक लकड़ी की पुलिया बह गई है. जिसके बाद ग्रामीण अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर उफनती नदी को पार कर रहे हैं. पुलिया के टूटने से 6 गांवों की करीब 2 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिया टूटने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कोई भी पहल नहीं की जा रही है.

जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग.

पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरिंगगाड़ में गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाली लकड़ी की अस्थायी पुलिया बह गई है. जिस कारण गोरीपार क्षेत्र के आधा दर्जन गांव अलग-थलग पड़ गए हैं. लोग जान जोखिम में डालकर लोहे की सीढ़ी के जरिए उफनती नदी को पार कर रहे हैं. जो किसी भी वक्त बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है. इस पुल के जरिए ढ़ीलम, कुलथम, फल्याटी, लैंगा, उग्राली, धुरातोली गांव के करीब 500 से ज्यादा परिवार आवाजाही करते हैं.

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गौर हो कि सुरिंगगाड़ से गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल साल 2018 की आपदा में बह गया था. इसके बाद लोगों ने आवागमन के लिए लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई थी, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से ये पुलिया भी बह गई है. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है.

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