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बर्फबारी में फंसी महिला ने बच्चों के साथ गुफा में गुजारी रात, जांबाज युवक ने बचाई जान

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Published : Jan 9, 2020, 1:31 PM IST

मुनस्यारी के समकोट की रहने वाली कमला देवी ने अपने दो बेटों राम (15) और चंचल राम (12) के साथ बेटूलीधार में एक गुफा में रात गुजारी. जबकि, गुफा से कुछ दूर ईको पार्क में रहने वाले बृजेश सिंह धर्मशक्तू ने तीनों की जान बचाई.

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महिला और बच्चों ने गुफा में रात गुजारी

पिथौरागढ़: मुनस्यारी के बेटूलीधार में भारी बर्फबारी और माइनस 6 डिग्री तापमान के बीच एक परिवार ने गुफा में रहकर अपनी जान बचाई. जहां बर्फबारी में फंसने के कारण एक महिला ने अपने दो बच्चों के साथ कड़ाके की ठंड में गुफा में रात गुजारी है. वहीं, अगले दिन बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर महिला ने शोर मचाया. शोर सुनकर गुफा से कुछ दूरी पर रह रहा एक युवक देवदूत बनकर मौके पर पहुंचा और तीनों की जान बचाई.

woman spent night in cave
महिला और बच्चों के साथ बृजेश सिंह धर्मशक्तू.

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को मुनस्यारी के समकोट की रहने वाली कमला देवी अपने दो बेटों राम (15) और चंचल राम (12) के साथ जनेऊ संस्कार के निमंत्रण के लिए मटेना गांव आ रही थीं. दो फीट से ज्यादा बर्फ गिरने के कारण रातापानी से आगे मार्ग बंद हो गया था. जिसके बाद तीनों मां बेटे बर्फबारी के बीच 30 किमी दूर मुनस्यारी के लिए पैदल चल दिए.

ये भी पढे़ंः उत्तराखंड: पहाड़ी जिलों में बर्फबारी से नहीं मिलेगी निजात, आज ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज

शाम के करीब छह बजे तीनों बिटूलीधार पहुंचे. जहां मार्ग में तीन फीट बर्फ जमा होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए. इतना ही नहीं ठंड के कारण बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और तीनों ने एक गुफा में रात गुजारी. अगले दिन सुबह बच्चों की तबीयत खराब होने पर जब मां ने शोर मचाना शुरू किया, तो गुफा से कुछ दूर ईको पार्क में रहने वाले बृजेश सिंह धर्मशक्तू देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे. जहां पर बृजेश ने तीनों मां बेटों की जान बचाई.

ये भी पढे़ंः बर्फबारी के दौरान अब पर्यटकों को नहीं होगी कोई दिक्कत, अलर्ट मोड पर प्रशासन

कमला देवी का कहना है कि उन्होंने ढाई फीट की एक छोटी गुफा में साड़ी से ढककर रात भर बच्चों को बैठाए रखा और भूखे-प्यासे और ठंड में रात बिताई. वहीं, बृजेश सिंह धर्मशक्तू ने तीनों को प्राथमिक इलाज देकर खाना खिलाया. हालत सुधरने के बाद उन्होंने तीनों को रिश्तेदार के घर पहुंचाया. वहीं, कमला देवी ने बताया कि बृजेश नहीं मिलते तो उनका बचना संभव नहीं था. उधर, दूसरी ओर आपदा प्रबंधन और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.

पिथौरागढ़: मुनस्यारी के बेटूलीधार में भारी बर्फबारी और माइनस 6 डिग्री तापमान के बीच एक परिवार ने गुफा में रहकर अपनी जान बचाई. जहां बर्फबारी में फंसने के कारण एक महिला ने अपने दो बच्चों के साथ कड़ाके की ठंड में गुफा में रात गुजारी है. वहीं, अगले दिन बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर महिला ने शोर मचाया. शोर सुनकर गुफा से कुछ दूरी पर रह रहा एक युवक देवदूत बनकर मौके पर पहुंचा और तीनों की जान बचाई.

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महिला और बच्चों के साथ बृजेश सिंह धर्मशक्तू.

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को मुनस्यारी के समकोट की रहने वाली कमला देवी अपने दो बेटों राम (15) और चंचल राम (12) के साथ जनेऊ संस्कार के निमंत्रण के लिए मटेना गांव आ रही थीं. दो फीट से ज्यादा बर्फ गिरने के कारण रातापानी से आगे मार्ग बंद हो गया था. जिसके बाद तीनों मां बेटे बर्फबारी के बीच 30 किमी दूर मुनस्यारी के लिए पैदल चल दिए.

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शाम के करीब छह बजे तीनों बिटूलीधार पहुंचे. जहां मार्ग में तीन फीट बर्फ जमा होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए. इतना ही नहीं ठंड के कारण बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और तीनों ने एक गुफा में रात गुजारी. अगले दिन सुबह बच्चों की तबीयत खराब होने पर जब मां ने शोर मचाना शुरू किया, तो गुफा से कुछ दूर ईको पार्क में रहने वाले बृजेश सिंह धर्मशक्तू देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे. जहां पर बृजेश ने तीनों मां बेटों की जान बचाई.

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कमला देवी का कहना है कि उन्होंने ढाई फीट की एक छोटी गुफा में साड़ी से ढककर रात भर बच्चों को बैठाए रखा और भूखे-प्यासे और ठंड में रात बिताई. वहीं, बृजेश सिंह धर्मशक्तू ने तीनों को प्राथमिक इलाज देकर खाना खिलाया. हालत सुधरने के बाद उन्होंने तीनों को रिश्तेदार के घर पहुंचाया. वहीं, कमला देवी ने बताया कि बृजेश नहीं मिलते तो उनका बचना संभव नहीं था. उधर, दूसरी ओर आपदा प्रबंधन और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.

Intro:पिथौरागढ़: मुनस्यारी के बेटूलीधार में माईनस 6 डिग्री तापमान के बीच एक परिवार ने गुफा में रहकर अपनी जान बचाई है। समकोट गाँव की रहने वाली कमला देवी अपने दो बच्चों के साथ मंगलवार को किसी काम के लिए तहसील मुनस्यारी आ रही थी। दो फीट से अधिक बर्फ गिरने के कारण रातापानी से आगे मार्ग बंद था। जिस कारण तीनों मां बेटे बर्फबारी के बीच तीस किमी दूर मुनस्यारी के लिए पैदल चल दिए। मां और बेटे शाम को छह बजे बिटूलीधार पहुंचे। जहाँ बच्चों की हालत बिगड़ने पर मां-बेटों ने गुफा में ही रात गुजारी। अगले दिन सुबह बच्चों की तबियत खराब होने पर जब मां ने शोर मचाना शुरू किया तो गुफा से कुछ दूर ईको पार्क में रहने वाले बृजेश सिंह धर्मशक्तू देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे और तीनों मां बेटों को बचाया।

Body:मुनस्यारी के समकोट निवासी कमला देवी अपने दो पुत्रों उमेश राम (15 वर्ष) और चंचल राम (12 वर्ष) के साथ जनेऊ संस्कार के निमंत्रण के लिए अपने रिश्तेदार के यहां मटेना गांव आ रहे थे। रातापानी से आगे मार्ग बंद होने के कारण तीनों पैदल ही मुनस्यारी के लिए निकल पड़े। जब तीनों बेटुलीधार पहुंचे तो शाम के 6 बज गए थे। मार्ग में तीन फीट बर्फ जमा होने के कारण वे आगे नही बड पाए। कमला देवी का कहना है कि उन्होंने ढाई फीट की एक छोटी गुफा में साड़ी से ढककर रात भर बच्चों को बैठाया रखा। भूखे-प्यासे गुफा में छिपकर तीनों ने रात बिताई। बुधवार सुबह ढाई फीट से अधिक मोटी बर्फ में चलने के बाद बच्चों की स्थिति खराब हो गई। बच्चों की हालत देखते हुए मां मदद के लिए चिल्लाने लगी। महिला की चीखें सुनकर ब्रजेश धर्मसत्तु मौके पर पहुंचे। उन्होंने तीनों को प्राथमिक उपचार देकर भोजन कराया। हालत सुधरने पर उनके रिश्तेदार के घर पहुंचाया गया। कमला देवी ने बताया कि यदि बृजेश नहीं मिलते तो उनका बचना संभव नहीं था। वहीं दूसरी तरफ आपदा प्रबंधन और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।Conclusion:
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