पिथौरागढ़: मुनस्यारी के बेटूलीधार में भारी बर्फबारी और माइनस 6 डिग्री तापमान के बीच एक परिवार ने गुफा में रहकर अपनी जान बचाई. जहां बर्फबारी में फंसने के कारण एक महिला ने अपने दो बच्चों के साथ कड़ाके की ठंड में गुफा में रात गुजारी है. वहीं, अगले दिन बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर महिला ने शोर मचाया. शोर सुनकर गुफा से कुछ दूरी पर रह रहा एक युवक देवदूत बनकर मौके पर पहुंचा और तीनों की जान बचाई.
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को मुनस्यारी के समकोट की रहने वाली कमला देवी अपने दो बेटों राम (15) और चंचल राम (12) के साथ जनेऊ संस्कार के निमंत्रण के लिए मटेना गांव आ रही थीं. दो फीट से ज्यादा बर्फ गिरने के कारण रातापानी से आगे मार्ग बंद हो गया था. जिसके बाद तीनों मां बेटे बर्फबारी के बीच 30 किमी दूर मुनस्यारी के लिए पैदल चल दिए.
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शाम के करीब छह बजे तीनों बिटूलीधार पहुंचे. जहां मार्ग में तीन फीट बर्फ जमा होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए. इतना ही नहीं ठंड के कारण बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और तीनों ने एक गुफा में रात गुजारी. अगले दिन सुबह बच्चों की तबीयत खराब होने पर जब मां ने शोर मचाना शुरू किया, तो गुफा से कुछ दूर ईको पार्क में रहने वाले बृजेश सिंह धर्मशक्तू देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे. जहां पर बृजेश ने तीनों मां बेटों की जान बचाई.
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कमला देवी का कहना है कि उन्होंने ढाई फीट की एक छोटी गुफा में साड़ी से ढककर रात भर बच्चों को बैठाए रखा और भूखे-प्यासे और ठंड में रात बिताई. वहीं, बृजेश सिंह धर्मशक्तू ने तीनों को प्राथमिक इलाज देकर खाना खिलाया. हालत सुधरने के बाद उन्होंने तीनों को रिश्तेदार के घर पहुंचाया. वहीं, कमला देवी ने बताया कि बृजेश नहीं मिलते तो उनका बचना संभव नहीं था. उधर, दूसरी ओर आपदा प्रबंधन और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.