पिथौरागढ़: पहाड़ का पीड़ा किसी से छुपी नहीं है. सरकार के लाख दावों के बावजूद उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन अस्पतालों की बदहाली और कंधों पर मरीजों को ढोने की तस्वीरें प्रदेश भर से सामने आती रही हैं. जिसकी वजह से कई बार समय से इलाज नहीं मिलने पर मरीजों की जान पर बन आती है. ताजा मामला सीमांत जिले पिथौरागढ़ से सामने आया है. जहां एक गर्भवती ने चलती एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया.
पिथौरागढ़ में सल्ला चिंगरी गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भवती ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. प्रसव के बाद दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को स्वस्थ बताया है.
जानकारी अनुसार बीती देर रात गर्भवती विद्या देवी पत्नी अशोक सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने आपातकालीन सेवा को कॉल किया. जिसके बाद 108 कर्मी महिला का एंबुलेंस से जिला मुख्यालय लेकर आ रहे थे, लेकिन रास्ते में गुरना मंदिर के समीप गर्भवती की प्रसव पीड़ा काफी बढ़ गई. गर्भवती की हालत को देखते हुए फार्मासिस्ट नीरज कुमार और चालक नरेंद्र सिंह ने एंबुलेंस में ही महिला को प्रसव कराया. जिसके बाद जच्चा-बच्चा को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां दोनों की स्थिति सामान्य है.
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वहीं, महिला का सफल प्रसव कराने को लेकर परिजनों ने फार्मासिस्ट नीरज कुमार और चालक नरेंद्र सिंह का आभार जताया. परिजनों ने कहा यह महिला की पहली डिलीवरी है. गौरतलब है कि उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस सेवा में बच्चे का जन्म देना कोई पहला मामला नहीं है. पूर्व में भी बहुत से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जहां 108 सेवा में कई महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया है. ऐसे में पहाड़ के स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े होते हैं.
अगर नजदीक अस्पतालों में महिलाओं को प्रसव कराने व्यवस्था होती तो उनको दूर नहीं जाना पड़ता. कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं कि 108 सेवा में प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा के जान पर बन आती है. वहीं, पिथौरागढ़ में एंबुलेंस में बच्चे के जन्म की खबर चर्चा का विषय बना हुआ है.